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मेरा Hero - (भाग-14) - हाय रे श्रुति की Jealousy

दुसरे दिन सुबह 4 बजे ही सबको उठा दिया गया था। श्रुति तो इतना सुबह पहले कभी नही उठी थी वो लडखडाती हुई नहाने जाती है। वो मन ही मन सोच रही थी यहाँ से जाकर पहले पीजी मे दो दिन सोयेगी।

नहाने के बाद वो वो अपने कपड़े को सुखाने के लिये उन्हे बाहर बालकनी मे ले आती है जैसे ही वो नीचे देखती है तो शौर्य पुश अप कर रहा था उसको ऐसे करते देख वो तो उसमे ही खो जाती है तभी वो बगल मे देखती है तो बगल वाली बालकनी से अविका भी खड़ी बाहर देख रही थी।

श्रुति को न जाने क्यू उससे जलन होने लगती है वो सोचती है -" अविका मेरे वाले को क्यू घूर रही है अपने पर ध्यान क्यू नही देती।" तभी शौर्य खुद को अविका और श्रुति दोनो को देखते हुये देखता है वो श्रुति को इग्नोर कर अविका से बोलता है-" गुड मॉर्निंग अविका।"

अविका भी गुड मॉर्निंग बोल वही से बाहर का नजारा देखने लगती है। इधर श्रुति को लगता है की शौर्य उसे भी विश करेगा लेकिन शौर्य उसकी तरफ देख कर अनदेखा कर देता है और सीरियस होकर एक्सरसाइज करने लगता है।

श्रुति को अब गुस्सा आ रहा था वो मन ही मन बडबडाते हुये-" पता नही दुसरे लड़कियो मे इसे क्या दिखता है जो सबको स्माइल दे देकर बात करता है और मुझे तो सीधे काटने को दौडता है और ये अविका की बच्ची को तो मै बताऊंगी।"

और गुस्से मे अंदेर जा कर बालकनी का दरवाजा तेजी से बन्द कर देती है जिसे देख अविका और शौर्य हंसने लगते है।

श्रुति सीधे अंजलि और अविका के कमरे मे जाती है और अंदर घुस जाती है तो अंदर अंजलि फिर हाथ मे लिये किसी तस्वीर को देख रही थी और उसकी आँखो मे ना जाने कितना दर्द था जैसे ही वो श्रुति को देखती है वो तस्वीर को छुपा बैग मे रख देती है और मुस्कराने का नाटक करने लगती है।

श्रुति उसके पास बैठ कर-" अंजू कब तक ऐसा करेगी बोल और मुझसे तो ना ही छिपा समझी।"

अंजू-" जब तक वो आ नही जाता।"
श्रुति-" अगर वो नही आयें तो।'
अंजलि अपने आँखो के आंशु को रोकते हुये -" मै ऐसे ही पूरी जिन्दगी बिता दूंगी।"

तभी बालकनी से अविका आती है जिसे देख दोनो नॉर्मल हो जाती है। अविका-" अरे तुम दोनो क्या बात कर रही हो।" श्रुति इन सब के बीच अविका से जो कहने आई थी वो भुल जाती है। श्रुति-" कुछ नही बस ऐसे ही घर की बाते कर रहे थे।"

अविका को लगता है जैसे अंजलि रो रही थी वो कुछ पूछने वाली थी की अंजलि समझ जाती है और कहती है-" मामाजी ने हमे फ़ील्ड मे बुलाया है जोगिन्ग के लिये चलो जल्दी पहले ही 4:30 हो चुका है।

सभी फ़ील्ड मे आते है। जैसे ही ये तीनो फ़ील्ड मे आती है वैसे ही उधर से रोहित और शौर्य भी फ़ील्ड मे आते है। रोहित सबको देख मुस्कुराकर गुड मॉर्निंग बोलता है और ये तीनो भी रोहित और शौर्य को विश करती है।

शौर्य सबकी बारी मे तो मुस्कुराकर जवाब देता है लेकिन श्रुति जब उसे विश करती है तो मुँह फेर लेता है। श्रुति को बहुत बुरा लग रहा था आज ठीक कल का उल्टा हो रहा था जैसे कल श्रुति शौर्य को इग्नोर कर रही थी आज ठीक वैसे ही शौर्य श्रुति को।

श्रुति को तभी याद आता है की उसे अविका से बात करनी थी वो उसके पास जाती और कहती है-" अविका ।" अवीका अपने शूज के लेसेज को बांधते हुये-" हाँ बोलो श्रुति क्या हुआ।"

श्रुति तो जल्दी और सकपकाते हुये-" तुम ना शौर्य से दूर रहा करो।"
अविका को मन ही मन बहुत हंसी आ रही थी वो ऊपर श्रुति की तरफ देख कर कहती है -" मतलब।"
श्रुति बात को सम्हालते हुये-" मेरा मतलब की रोहित तुमसे कितना प्यार करता है तो तुम दूसरे लड़को के साथ ज्यादा रहोगी तो उसे बुरा लगेगा ना।"

अविका अपनी हंसी को दबाते हुये-" ओहह अच्छा यह बात है।"
पीछे अंजलि, रोहित और शौर्य भी यह सब सुन रहे थे। तभी रोहित आकर बोलता है-" अरे श्रुति मुझे कोई प्रॉब्लम नही है इससे।"
श्रुति का तो मुँह ही बन जाता है और यहाँ अंजलि को अपनी हंसी ही कंट्रोल नही हो रही थी वो सबसे एक्सक्यूज़ मी कह कर जल्दी से भागते हुए एक पेड़ के पीछे जाती है और अपना पेट पकड के हंसने लगती है।

फिर कुछ देर के बाद वापस आती है। तभी तेजस जी भी आ जाते है।तेजस जी सबको जोगिन्ग के लिये अपने साथ ले चले है। तेजस जी,श्रुति ,अवीका और अंजलि थोडा आगे थे और शौर्य - रोहित कुछ दूर पीछे। रोहित भी जोग्गिंग करते हुये-" शौर्य अब तो मुझे भी क्लियर हो गया है की श्रुति भी तुझे पसंद करती है तो तू क्यू नही उसे अपनी दिल की बात बता देता।"

शौर्य कुछ सोचते हुये-" नही बता सकता।"
रोहित-" पर क्यू।"
शौर्य-" उसे प्रपोज करने का मतलब अपने रिलेशन को एनाउंस करना और शौर्य शिन्घानीया की गर्लफ्रैंड मतलब फ़ेमस हो जाना और अभी तुम जानते हो की मेरे कितने दुश्मन है यहाँ पर।"

रोहित ठीक है कह कर वापस जोग्गिंग करने लगता हैं। फिर जोगिन्ग के बाद वापस ब्रेकफास्ट के लिये सब आर्मी कैम्प आते है और फिर शुरु होती है ट्रेनिंग।
कुछ दिनो मे ट्रेनिंग हार्ड से हर्ड़ेस्ट होती जा रही थी। सभी अपने ट्रेनिंग पर पूरी तरह से फोकस किये हुये थे।

श्रुति और अंजलि भी अपनी पूरी कोशिश कर रही थी वो शौर्य और रोहित की तरह एकदम परफ़ेक्ट तो नहीं थी लेकिन अपनी तरफ से हर सम्भव प्रयास कर रही थी। लेकिन इन सब के बीच मजे की बात तो यह थी की अविका जो एकदम गोल मटोल सी थी वो सबसे परफ़ेक्ट थी इन सब ट्रेनिंग मे।

हर स्टेप्स को वो सीख लेती थी और साथ ही दूसरों को सिखा भी देती। धीरे धीरे ट्रेनिंग भी खत्म होने को आ गयी बस तीन दिन बचे थे।

रोज की तरह आज फिर सभी फ़ील्ड मे थे। तभी तेजस जी आते है और साथ ही कुछ रायफल्स लिये हुये थे जिससे वो उन्हे निशाना लगाना सिखा रहे थे।

श्रुति से तो बन्दूक भी अच्छे से नही सम्हल रही थी वही पर शौर्य ऐसे शूट कर रहा था मानो उसके अंदर किसी शार्प शूटर की आत्मा आ गयी हो एक बार तो सब हैरान हो कर उसे स्किल्स को देखने लगते । फिर रोहित की बारी आई वो भी कुछ कम नही था।
आखिर उन्होने यह सब पहले ही जो सीख रखा था।

अंजलि भी किसी तरह बन्दूक तो चलाना सिख ही लेती है। लेकिन जब अविका की बारी आती है वो ऐसे शूट कर रही थी जैसे कोई कमांडो हो। एक बार के लिये तेजस भी सोच मे पड़ जाते है की अविका इतनी परफ़ेक्ट कैसे है।

जल्दी ही दो दिन यह भी गुजर जाते है आखिर अंतिम दिन भी आ जाता है और ट्रेनिंग भी खत्म हो चुकी थी। अबतक सभी लोग कुछ ना कुछ तो सीख ही चुके थे।

तीसरे दिन सभी अपना सामान पैक कर रहे थे वापस जाने के लिये । अविका अंजलि अपने रुम मे और रोहित - शौर्य अपने वही श्रुति अकेले गाना गुनगुनाते हुये अपने रुम मे सब कपड़े उठा कर रख रही थी। की तभी उसके दरवाजे पर कोई आता है।

श्रुति दरवाजा खोलती है तो बाहर तेजस जी थे।
श्रुति -" आईये अंकल।"
तेजस जी अंदर आते हुये बोलते है-" हमें मामा जी ही बोलिए आप।"
श्रुति ठीक है बोल दरवाजा बन्द कर के बोलती है-" मामाजी बैठिये।"
तेजस-" श्रुति बेटा हम यहा बैठने नही आये है हमे आपको कुछ देना है ।"
श्रुति-" क्या?"
तेजस एक लॉकेट अपने पॉकेट से निकाल उसे दे देता है और कहता है-" इसे पहन लिजिये आपके बहुत काम आयेगा और कभी भी मत निकालियेगा।"

श्रुति को कुछ समझ नही आ रहा था फिर भी वो लॉकेट पहन लेती है। तेजस जी मन मे सोचते हुये -" अगर आप हमारे शौर्य की पसंद है तो आप ही से हमारे शिन्घानिया खानदान की रौनक है और आपका ख्याल रखना हमारी जिम्मेदारी।"

सोचते हुये वो बाहर आ जाते है और सीधे शौर्य के कमरे मे जाते है।
शौर्य -" मामाजी आप।" तेजस उसका मोबाइल उठाते हुये उसमे कुछ करते है फिर शौर्य से-" मैने श्रुति को एक लॉकेट दिया है और उसके अंदर जी. पी. एस. सिस्टम है वो जहाँ भी जायेगी उसकी लोकेशन तुम्हे मिलती रहेगी।"

शौर्य मुसकुराते हुये-" तो आपको भी श्रुति की चिंता होने लगी क्या।" तेजस हँसते हुये-" क्यू ना हो आखिर हमारी होने वाली बहू जी भी तो हैं ना।"
रोहित यह सब देख रहा था।

फिर मामाजी आगे बोलते है-" रोहित और शौर्य तुम दोंनो सबके साथ मेरे आफिस मे आ जाना कुछ बहुत जरुरी बात करनी है तुम सबसे।"

रोहित-" मतलब आप श्रुति , अविका और अंजलि को सब कुछ बताने वाले हैं।" मामाजी मुस्कुराकर-" इसिलिए तो इतना ट्रेनिंग दिलवाया है।"

इतना कह वो निकल जाते है। इधर शौर्य और रोहित सबको ऑफ़िस मे जाने वाली बात बताते है की मामा जी ने बुलाया है। फिर सभी लोग अपने अपने रुम से निकाल एक साथ ऑफ़िस की ओर बढ जाते हैं।
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क्रमश: