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मेरा Hero - (भाग -17) - श्रुति और अविका ने मारा नीचे से टॉप

कल का इन्तजार सबको था क्योकि कल सबके एग्ज़ाम के रिजल्ट आने वाले थे।
दूसरे दिन सभी कॉलेज पहुचते है। कॉलेज पहले से ज्यादा भीड थी नोटिस बोर्ड पर तो मानो भीड टूट पडी थी कोई फेल था तो कोई पास।

श्रुति भी किसी तरह उनके बिच घुसने की कोशिश करती है लेकिन धक्का लगने की वजह से नही जा पाती है। फिर शौर्य किसी तरह भीड के बिच जाता है और पूरे बोर्ड के ही फोटो खींच कर लाता है उसको अपनी चिंता नही थी उसे तो बस श्रुति के रिजल्ट का इन्तजार था।

अविका अंजलि और रोहित बाहर ही बैंच पर बैठे थे। शौर्य जैसे ही श्रुति का रिजल्ट देखता है उसको बहुत बुरा लगता है। श्रुति सैकेण्ड रैंक पर थी लेकिन नीचे से।

लेकिन जब श्रुति अपना रिजल्ट देखती है  वो खुशी के मारे कूद के उसके गले लग जाती है।

शौर्य को कुछ समझ नही आता है की वो क्या कर रही है।   श्रुति उससे अलग होकर -" आज तो पार्टी बनती है।"

शौर्य अपनी भौहो को सिकोडते हुये-" किस लिये।"
श्रुति -" अरे हमारे पूरे फ्रेंड सरकल ने टॉप मारा है वो अलग बात है की तुम्हारा अंजलि और रोहित का ऊपर से पहला दूसरा और तीसरा रैंक है और मेरा अविका का नीचे से पहला दूसरा।

मुझे तो यह भी नही उम्मीद थी की मै पास हो जाऊंगी।"

शौर्य अपने माथे पर हाथ रख लेता है फिर सब बाहर आते है और अंजलि रोहित और अविका को उनके रिजल्ट दिखते है श्रुति की तरह ही अविका को भी कोई असर नही पड़ा वो तो खुश हो रही थी की वो चलो पास तो हो गयी।

इधर मानसी , जिया और सिया के रिजल्ट भी ठीक ठाक आये थे। जब श्रुति शौर्य के गले लगती है तो मानसी उसे देखती है और गुस्से से पैर पटकते हुये चली जाती है। सभी क्लास मे जाते है अनिकेत भी सबको मुस्कुराकर हाय बोलता है और अपनी सीट पर जाकर बैठ जाता है। क्लासज चलने लगती है ।

आज कनिस्का, अफताब और ना ही रुपोर्त्शी मैं दिखी थी क्लास मे बस टिया आई हुई थी। कीर्ति का भी कुछ अता पता नही था आज। छुट्टी के बाद सभी कार से बाहर घुमने जाते है। कार के अंदर से जैसे ही श्रुति एक बार आइस क्रीम पार्लर देखती है वो आइस क्रीम की जिद करने लगती है लेकिन शौर्य मना कर देता है।

तभी अंजलि बोलती है-" मुझे भी आइस क्रीम नही खाना है जाने दो।"
लेकिन रोहित उतर कर दो आइस क्रीम लाता है और बोलता है-" मै तो अपनी गर्लफ्रैंड के लिये ला दिया हूं अब तुम लोग अपना समझो।"
श्रुति को शौर्य के ऊपर बहुत गुस्सा आ रहा था की शौर्य भी कार से निकल कर बाहर चला जाता है।
कुछ समय बाद वो दो आइस क्रीम लिये आता है श्रुति तो इतनी खुश हो रही थी मानो उसे जन्नत की सैर करने को मिल रहा हो। लेकिन यह क्या शौर्य एक आइस क्रीम अपने बैग मे रख लेता है और एक खुद खाने लगता है।

श्रुति-" मुझे भी दो  बैग मे क्यू रख रहे हो।"
शौर्य-" वो मै नही दे सकता।'
श्रुति-" पर क्यू।"
शौर्य-" वो मेरी गर्लफ्रैंड के लिये है।"
श्रुति गुस्से से सोचती है इसकी भी गर्लफ्रैंड है फिर  मन मे ही बडबडाने लगती है -" हा हा होगी क्यू नही मै कौन लगती हू  इसकी।'
वो मुह फुलाए बैठी थी कुछ देर घुमने के बाद शौर्य सबको उनके घर और अंजलि श्रुति को उनके पीजी छोड देता है। श्रुति अभी भी उससे गुस्सा थी।
शाम के टाईम अचानक ही श्रुति का फ़ोन बजने लगता है वो देखती है की शौर्य का कॉल है। वो पहले नही उठाती है लेकिन जब बार बार रिंग बजने की वजह से वो झल्लाकर फ़ोन को उठाते हुये बोलती है-" क्या है क्यू फ़ोन किया है।"

शौर्य उधर से बड़े प्यार से बोलता है-" इतना गुस्सा क्यूं कर रही हो बाबा।"
श्रुति-" तो तुम्हारी आरती उतारु क्या अब जो बोलना है बोलो जल्दी नही तो मै फ़ोन रख रही हूं।"
शौर्य-" अच्छा रुको,,, रुको वो तुम ना अपने बैग मे देखना कुछ है तुम्हारे लिये।"

श्रुति जैसे ही बैग खोलती है वो देखर खुश हो जाती है अंदर  आइस क्रीम का पूरा पैक था वो शौर्य को फ़ोन पर बोलती है-" थैंक यू थैंक यू सो सो मच यू आर बेस्ट शौर्य।"
फिर फ़ोन काट जल्दी जल्दी आइस क्रीम खाने लगती है।
उधर शौर्य बोलता है -" पागल लड़की।"
फिर फ़ोन रख देता है और मुस्कुराते हुये अपने लैपटॉप पर कुछ करने लगता है।

लगभग एक महीना ऐसे ही बीत जाते है। एक दिन सभी कॉलेज की कैटींन मे बैठे लंच कर रहे थे।
श्रुति-" यार बहुत दिनो से कही बाहर नही गये।"
रोहित-" हाँ यार शौर्य चलते है कहीं।"
अवीका चहकते हुये-" मूवी देखने चले क्या।"
अंजलि-" जब तक कॉलेज बन्द होगा तब तक सिनेमा हाल बन्द हो जायेगा।" 
श्रुति-" तो फिर क्या करे।"
तभी शौर्य बोल पड़ता है-" कॉलेज बंक कर के चले।"
शौर्य के मुँह से ऐसी बात पर  किसी को विश्वास नही हो रहा था लेकिन श्रुति को यह सब उटपटांग आइडिया ही अच्छे लगते थे तो वो मान जाती है फिर धीरे धीरे सब इस बात पर राजी हो जाते है।

अविका-" लेकिन हम बाहर जायेंगे कैसे गेट पर तो वो टकला सिक्योरिटी गार्ड है।"
श्रुति-" बैक हाल की दीवार से कूद कर चलते है ना।"
शौर्य हँसते हुये-" तो उस बार तुम दोंनो की तरह हम भी पकड़े जायेंगे।"
रोहित -" नही यार ऐसा नही होगा हम सब चलेंगे साथ मे तो।" अंजलि-" अच्छा ठीक है फिर चलो जल्दी।" 

इतना कह कर सब बैग उठा बैक हाल की तरफ बढ जाते है।





क्रमश: