EK NAYA SHABD,AUR KYA? books and stories free download online pdf in Hindi

एक नया शब्द,और क्या?

मनोरमा देवी किसी भी तरह से पैसो की हैसियत में मिसेज रुमी चढ्ढा से कम ना थी,और किसी भी तरह से रुमी से सुन्दरता मे भी बीस ही पडती थीं,पार्टियों मे मनोरमा की उपस्थिति ही जान डाल देती थी,उन दोनो की उमर मे भी समानता थी,और रहने वाली भी एक ही कालोनी की थीं,सो गाहे बगाहे,सोसायटी के पार्क मे,या मीटिंगों मे भी दोनों टकरा ही जाया करती थीं।
मनोरमा भी एक जवान लडकी की मांं थी,और इत्तेफाक से रुमी भी,और लोग बातों बातो मे अपने बच्चो की तारीफ तो करते ही रहते है,सो ये सब तो चलता ही रहता था,पर बहस मे तो हमेशा रुमी ही सबसे आगे रहती थी,क्योंकि हर चीज मे अव्वल रहने के बावजूद मनोरमा एक चीज मे,रुमी से मात खा जाया करती थीं,और वो ये था कि मनोरमा अपने पति की दूसरी बीवी थी।बातो मे ना जीत पाने के कारण घुमा फिरा के रुमी के पास एक ही हथियार था कि उसे ये गर्व था कि वोअपने पति की वैध पत्नी थी,और मनोरमा कुछ भी हो,पर थी तो वो दूसरी बीवी ही,यानि कि उसे " रखैल "कहो "या कि इंग्लिश मे "केप्ट",कोई भी चलता है।
मनोरमा के पति सुनील खालिस करोडपति थे,और उनकी पहली पत्नी देहली से थी,जो अभी भी जिन्दा थी,और वही देहली मे ही रहा करती थी।बाम्बे मे एक फिल्म बनाने के दौरान उनका दिल एक माडेल मनोरमा पे आ गया था,और उन्होंने उसे शादी का आफर दे डाला था।मनोरमा एक साधारण परिवार से थी,और धनी होने की चाहत मे उसने ये रिश्ता कबूल कर लिया था,और दोनो ने चुपके से किसी मंदिर मे विवाह कर लिया था,पर था तो ये कानूनी दृष्टि से अवैध ही,पर सुनील बाबू ने इसे बडे ढंग और इज्जत से निबाह कर रखा था।हालांकि इस कहानी को अब 22 साल बीत चुके थे,पर लोगो की नज़रो मे ये कहानी अब भी जिन्दा थी,पर कोई कुछ नही कहता था,क्योंकि हमाम मे सभी नंगे थे,उंची सोसायटी की उंची बात,हां रुमी ज़रुर इस बात का फायदा अपनी नाक उंची रखने के लिये कभी कभी उठा लिया करती थी,और मनोरमा के पास मन को मसोस कर रखने के अलावा और क्या था।
मनोरमा की बेटी सूषमा पूना के हास्टल मे रहती थी,और वहीं पे वकालत की शिक्षा प्राप्त कर रही थी,उधर रुमी की लडकी झूमी देहली मे मेडिकल पढ रही थी,और वहीं रहा करती थी।पहली पत्नी से मिलने मि. सुनील अक्सर देहली जाते रहते थे,और इस बार देहली से लौटने के बाद उन्होंने मनोरमा को एक गरमा गरम खबर सुनायी थी,जिसे सुन कर मनोरमा का मनमयूर झूम उठा था,और वो बेसब्री से किसी पार्टी का इंतज़ार कर रही थी,कि अपनी भडास निकाले।
ऐसा मौका उसे जल्दी ही मिला जब मिसेज़ बंसल के मैरेज एनिवर्सरी की पार्टी थी,और ये उस सोसायटी के ही बडे से लान मे मनायी जा रही थी,जहाँ सोसायटी का लगभग हर निवासी मौजूद था,मिसेज रुमी भी।ये शादियों के किस्से कहानी सुनाने का मौका था,और सभी अपनी अपनी शादी के किस्से बढ चढ के सुना रहे थे,ऐसे मौके पर रुमी भी कुछ सुना रही थी,और मनोरमा की बोली बन्द थी।
थोडी देर बाद जब लडके लडकियों की बाते,उनके शादी विवाह की बाते चलने लगी,तो मनोरमा ने रुमी से पूछ डाला,
"सुना है कि आपकी बेटी झूमी ने भी शादी कर ली है"
पार्टी मे मानो सन्नाटा सा छा गया,ये कैसे हो सकता था,किसी को इस शादी की कौई खबर नही?
"नहीं, किसने कहा," रुमी चकरा उठी
"सुनील तो बराबर देहली जाते रहते है,उन्हें पता है,उनके घर के पास ही तो आपकी बेटी झूमी अपने पति के साथ रहती है,वो भी करीब एक साल से,दोनो पति पत्नी के हैसियत से ही तो रहते हैं" मनोरमा ने ये रहस्योद्घाटन कर के एक लम्बी सांस खींची।
रुमी के तो मानो काटो खून नहीं, उसके ज़बान पर मानो ताला पड गया,सब उसकी तरफ प्रश्नवाचक दृष्टि से देखने लगे,और ये सबको पता था कि झूमी ने एक साल से बंबई मे कदम नहीं रखा था।
थोडी देर पश्चात दो गिलास पानी पीने के बाद रुमी ने कुबूल किया कि "हां,दोनो साथ तो रहते है,पर अभी शादी नही की है,फिलहाल वे लोग "लिव इन रिलेशनशिप" मे रह रहे है,जल्द ही हमलोग उन दोनो की शादी करेंगे,और ये सब तो आजकल चलता ही है ना,अब क्या करें?"
रुमी ने फिर विजेता की भांति अपना सिर उठाया।
अब फिर मनोरमा की बारी थी,
"यानि कि फिलहाल वो अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ "रखैल" की हैसियत से रह रही है,यही ना"
"क्या बकती हो..." रुमी ने तिलमिला के कहा।
"अब बहन,तुम्हारे समाज मे तो ऐसा बिन ब्याहा रिश्ता रखैल होना ही कहलाता है ना,कितनी बार तुमने मुझे ऐसा ही कहा है,वैसे ये "लिव इन रिलेशनशिप" का मतलब हिन्दी मे क्या होता है,मिसेज बंसल" मनोरमा ने बडे भोलेपन से पूछा।
"बस एक नया शब्द है और क्या,वही मार्डन रखैल"
मिसेज बंसल ने वाक्य पर मुहर लगा दी,और रुमी की ज़बान तालू से चिपक के रह गयी।
आज मनोरमा ने भी विजयी भाव से चारों तरफ़ देखा।