Junoon Se Bhara Ishq - 10 books and stories free download online pdf in Hindi

Junoon Se Bhara Ishq - 10

Priya ki information



प्रिया जान चुकी थी की इन लोगो के पास उसकी हर एक जानकारी है, इसलिए उसे साइन करना ही पडेगा, कोई और ओप्शन नही था उसके पास वो सोच ही रही थी की तब तक मिस्टर माथुर ने दूसरा सैम डॉक्यूमेंट उसके सामने रख दिया।





निशा :- कितनी बार तुमसे कहा है जय, हर रोज बहार जाने की क्या जरूरत है ? हम यही कंपनी के कैन्टीन मे खाना खा सकते है ना।तुम फालतू ही परेशान होते हो।


जय :- इसमे परेशान होने वाली कौन सी बात है, इनफैक्ट तुम्हारे साथ वक्त बिताना मिलता है मुझे। जो मै किसी भी हाल मे गवाना नही चाहता। " आफ्टर ऑल तुम मेरी होने वाली वाइफ हो। "




उसकी बात सुन निशा मुस्कुराने लगी। या यू कहे की प्रिया को दिखा रही थी, की वो जय के साथ कितनी खुश है।

प्रिया ने डरते हुए पेन उठाया और उस पेपर पर साइन कर दिया। उसे बस कैसे भी करके यहा से जल्दी निकलना था। इसलिए वो साइन करके तुरंत खडी हो गई।

प्रिया :- क्या अब मै जा सकती हू ?

मिस्टर माथुर :- बिल्कुल ! आप कही भी जाने के लिए फ्री है। पर ठीक 6 बजे आप वापस आ जाये वरना आपको मिस्टर राठौर का गुस्से का सामना पडेगा।

वैसे एक ड्राइवर आपके साथ जायेगा। जो आपको ऑफिस ड्रोप भी करेगा और पीक अप भी।




प्रिया उस वक्त कुछ भी बोल नही सकती थी। वो तो अब तक समज ही नही पा रही थी की एक रात मे उसकी जिंदगी किस हद तक बदल देगी।


उसने सर को हा मे हिलाया।

और वहा से चली गई। प्रिया बहुत नोमॅल फैमिली से थी। उसे ना इतनी जगज्यूरस लाइफ जीने की आदत थी और ना ही ऐसी लग्जरी कार मे बैठ ने की।




वो खिडकी से बहार देख रही थी। पर अपनी जिंदगी के बारे मे सोच रही थी। जिस तरह से उसका हक अपने पर रह ही नही गया था। वो एक कठपुतली की तरह चल रही थी।


और वो भी उस इंसान के इशारे पर जिसे वो ठीक से जानती तक नही थी। सब कुछ एक सपने जैसा था उसके लिए, कुछ ही देर मे वो ऑफिस पहुंच गई।



इसलिए उसने ड्राइवर मंगेश से थोडा पहले रुकने को कहा :- भैया प्लिस यही रोक दिजिए।

ड्राइवर :- ओके मैडम !




वही, मिस्टर माथुर एक रुम के बहार डरे हुए से लग रहे थे। वो जानते थे, अभय दिन के वक्त कितना चिडचिडा होता है। इसलिए उन्होने कोई भी अवाज नही की। और बिना कहे बस डॉक्यूमेंट एक सवेॅट के हाथो अंदर पहोचवा दिये।




निंद न लेने की वजह से अभय दिन मे गुस्से मे रहता था। और दूसरा उसके सोप टेंपर भी एक वजह थी की लोग उसे कम ही रुबरु होना चाहते थे।




और उसे गुस्सा दिलाने के बारे मे सोच भी नही सकता था। प्रिया ने अपने ऑफिस मे अपने बॉस से कुछ दिन की छुट्टी की बात की तो वो उसे आसानी से उसे ब्रेक देने के लिए मान गए।


क्योकी प्रिया बहुत ही लगन और मेहनत से काम करती थी। और उसने पिछले कुछ सालो से एक भी छुट्टी नही ली थी। तो उसके लिए इस बार लेना आसान रहा।




उसने सोच लिया था की वो इस लिए के जरिया बना कर विदेश चली जाएगी। हमेशा हमेशा के लिए ! वो यहा नही रहेगी और खास कर उस सनकी की कठपुतली बन कर तो बिल्कुल भी नही।


वो आज ही विदेश के लिए निकलेगी। उसने फोन ये बात सोनिया को बताई क्योकी सोनिया को बिना बताये जाने पर वो प्रिया के लिए परेशान हो जाती।

पर इस बात को छोड़कर की वो हमेशा के लिए यहा से जाने का तैय कर चुकी है। बल्कि उसे सोनिया को कुछ दिन की छुट्टी का बताया। सोनिया ने पहले उसकी बात सुनी और फिर उससे ही सवाल किये।



सोनिया :- कल वो लोग कौन थे पीयू ? जो अचानक आये और तुझे रुकने को क्यू कहा था ? कल रात क्या हुआ था ?


सोनिया के पूछते ही प्रिया को कल रात हुए हर एक पल की याद आ गई और दिल फिर एक बार भर गया। वो सोनिया को सब कुछ बताना चाहती थी।


पर फिर उसने सोचा की जिस बात को खुद भरोसा नही कर पा रही थी। वो बात सोनिया को कैसे बतायेगी ! और नजाने सोनिया क्या सोचेगी। इसलिए उसने इन शब्दो को अपने भीतर दबा दिया जो सोनिया से कहना चाहती थी।


प्रिया ( नकली हंसी हस्ते हुए। ) :- वो उन्हे कोई गलत फहमी हुई थी। उन्होने मुझे कोई और समज लिया था। पर फिर बाद मे चले गए।

सोनिया गहरी सांस लेते हुए :- Thank God ! अच्छा लगा ये सुन कर वरना मै तो रात से ही टेंशन मे ही थी, की पता नही कौन थे वो लोग ?



प्रिया उसकी बात सुन हल्के से मुस्कुरा दी। कुछ देर उसने सोनिया से बात कर फोन रख दिया। अब उसे यहा से निकलना था। उसने अपना बैग उठाया और ऑफिस से बहार आ गई।



पर जैसे ही वो बहार आई। एक पल को उसकी धडकन रुक गई। सीने मे एक पूराना ददॅ वो एक बार फिर उभर आया। और हो भी क्यो ना सामने जय खडा था।


ब्लैक शूट मे मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ। जय उसका पहला प्यार जय मुस्कुराते हुए उसके पास आया।

जय :- good morning piyu.

प्रिया :- good . . . . . . morning Jay.

जय :- कही जा रही थी ?

प्रिया :- हंहह . . . . . . .हा वो . . . . . .

इससे पहले वो कुछ बोल पाती जय बोल पडा।

जय :- वैसे अगर अरेॅजेन्ट काम न हो तो, मै और निशा लंच के लिए जा रहे है थे। अगर तुम्हे कोई ऐतराज न होतो, क्या तुम हमारे साथ चल सकती हो ?





प्रिया जानती थी की जय यहा निशा के लिए ही आया था। आखिर वो उसकी मंगेतर जो थी। उसका दिल फिर एक बार ददॅ से भर गया।



लाख अपने जज्बातो पर काबू पाने की कोशिश की उसने, पर अपने प्यार को किसी और के साथ देखना इतना भी आसान नही होता।



ददॅ ना चाहते हुए भी आ ही जाता है। पर उसे अपने आपको संभालना आता था।


प्रिया ( नकली मुस्कान के साथ ) :- नही, जय अभी मै ने ब्रेकफास्ट नही किया है और लंच मे काफी टाइम है इतना मै वेट नही कर सकती।

तुम लोग जाओना और एन्जॉय करो।




निशा भी प्रिया की कंपनी मे काम करती थी। और जय लगभग हर दूसरे दिन उसे बहार ले जाता था। जय ने देखा प्रिया कुछ परेशान सी है। उसके चेहरे पर हर रोज जितनी रोनक नही थी।


इसलिए वो उसके करीब जाकर खडा हो गया। और उसका हाथ पकडा।

जय :- सब ठीक है ना पीयू ? तुम्हारी तबियत ठीक है ?



प्रिया उसे अपने करीब देख थोडा हडबडा गई। पर वो जय के केरिंग बिहेवियर को भी अच्छे से जानती थी। वो कुछ बोलती उससे पहले ही उन्हे निशा की आवाज सुनाई दी।


निशा :- अरे जय ! तुम आ गए !


निशा की आवाज सुन प्रिया ने तुरंत अपना हाथ जय के हाथो से अलग कर लिया। और हल्का पीछे हट कर खडी हो गई। निशा मुस्कुराते हुए आई और जय के पास खडी हो गई। और उसकी बाजू को पकड लिया।


निशा :- कितनी बार तुमसे कहा है जय, हर रोज बहार जाने की क्या जरूरत है ? हम यही कंपनी के कैन्टीन मे भी खा सकते है ना। तुम फालतू ही परेशान होते हो।

जय :- इसमे परेशान होने कौन सी बात है, इनफैक्ट तुम्हारे साथ वक्त बिताना मिलता है मुझे। जो मै किसी भी हाल मे गवाना नही चाहता। " आफ्टर ऑल तुम मेरी होने वाली वाइफ हो। "

उसकी बात सुन निशा मुस्कुराने लगी। या यू कहे की प्रिया को दिखा रही थी की वो जय के साथ कितनी खुश है। प्रिया भी उन दोनो को देख मुस्कुराने लगी।




निशा ने प्रिया की तरफ देखा, और ऐसे रियेक्ट किया जैसे उसका ध्यान उस पर गया हो।


निशा :- अरे पीयू ! तुम कब आई ? कल रात कहा थी ? सब तुम्हारा इंतजार कर रहे थे। कही कोई boyfriend वगैर तो नही बना लिया ना और ऐसा है तो अपनी बहन से क्या छुपाना।

बताव बताव कल रात उसके साथ थी क्या ?


प्रिया निशा की बात सुन सकपका गई। वो सनकी उसका boyfriend कभी नही हो सकता। पर वो कैसे बताती अपनी बहन को की असलियत मे क्या बात थी। कैसे उसे जबरदस्ती बेड पर फोसॅ किया गया। एक अजनबी के हाथो।





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