Junoon Se Bhara Ishq - 11 books and stories free download online pdf in Hindi

Junoon Se Bhara Ishq - 11

Priya ka Partner



प्रिया कुछ भी किसी को भी नही बता सकती थी। इसलिए वो बस हल्का सा मुस्कुराई। जैसे निशा की बातो को अग्री कर रही हो। वही उसका रिएक्शन देख जय के चेहरे पर एक अलग ही एक्सप्रेशन आ गये।



जैसे उसकी बात खास अच्छी न लगी हो। क्या सच मे प्रिया किसी और लडके के साथ थी !

निशा :- अहंहहहह . . . . . . . . . तुम्हारी मुस्कुराहट देख कर तो यही लग रहा है की मै सही ह। पर ये गलत बात है पीयू, अपनी बहन से ऐसी बात कोई छुपाता है भला।

वैसे तुम मेरी बहन हो इसलिए तुम्हे एक एडवाइस देने चाहती हू। अब बहार का माहौल तुम भी देख रही होना, की कैसे कैसे लोग रहते है, तो थोडा सावधान रहना।

वैसे अगर तुम्हे हमसे मिलने मे कोई दिक्कत न हो तो तो उसे ले आओ घर।

मॉम और मै उससे मिल लेगे। वो ठीक रहेगा, कम से कम हम भी पहचान जायेगे।




प्रिया ने अब भी उसकी बातो का कोई जवाब नही दिया। बस मुस्कुराकर सर हिला दिया। निशा ने जय की तरफ देखा और उसे बेफिक्र होकर खुश हो गई।


पर वो ये न देख सकी, की इस बेफिक्र के पीछे एक बेचैनी भी थी। जो जय खुद भी नही जानता था।

निशा बोली :- वैसे मै ने अभी कुछ देर पहले किसी से बात करते हुए सुना की तुम छुट्टी पर जा रही हो, कुछ दिन के लिए।

प्रिया :- वो . . . . . . हा वो मै कुछ दिन के लिए थोडा रिलैक्स होना चाहती थी तो सोचा लीग ले लू।

बस आपके पास ही आ रही थी बाय कहने।

चलो मै निकलती हू मेरी फ्लाइट मिस हो जायेगी।


निशा ने प्यार से प्रिया का हाथ पकडा और कहा :- अपना ख्याल रखना और बहुत एन्जॉय करना।

वैसे तो मै ये कह रही थी की मॉम से एक बार मिल कर जाओ। पर अब तुम्हारी फ्लाइट है तो कोई बात नही।

मै उन्हे इन्फोॅम कर दूंगी। और तुम अपना ख्याल रखना। और अगर कोई भी प्रॉब्लम हो तो बस एक रींग कर देना। तुम्हारी बहन तुम्हारे पास होगी।



निशा की बात सुन प्रिया का दिल भर आया। निशा का कोमल दिल और हर बार उसकी केयर करना प्रिया का दिल खुश कर जाता था। वही जय को ये बात थोडी अजीब लगी।


जय :- तुम अकेली जा रही हो ?

प्रिया :- हा ! पर तुम लोग चिंता मत करो, मो जल्द ही वापस आ जाऊगी।

आखिर तुम्हारी शादी भी अटेंड करनी है।



नजाने क्यू पर जय को उसका ऐसे जाना बडा ही अजीब लग रहा था। वो उसकी बातो से संतुष्ट नही था। पर उसकी बात मानने के अलावा और कोई ओप्शन भी तो नही था।


इसलिए उसने भारी दिल से विश किया।

जय :- happy journey.

प्रिया ने भी मुस्कुराकर जवाब दिया :- thank you.



अपनी बहन से गले मिल आगे बढ गई। वो जानती थी की जय और उसका मिलना पॉसिबल नही है। क्योकी वो उसकी बहन का मंगेतर था। दूसरा वो निशा से प्यार भी बहुत करता था।



प्रिया ने एक लंबी सांस ली। और बहार निकल गई। उसने तैय कर लिया था की अब वो मुड कर इसे रास्ते पर कभी नही आना है।




जय मल्हौत्रा इंदौर के जाने माने अमीरो मे से एक मल्हौत्रा फैमिली का एक लौता बेटा था। और उस वक्त मल्हौत्रा कंपनी का बिजनेस वो ही संभाल रहा था।

वही, मेहरा परिवार एक नोमॅल मिडिल क्लास फैमिली है। वैसे तो उन परिवारो मे कोई मेल नही था। पर कहते है ना किस्मत का लिखा नही कभी नही मिलता, वैसा ही कुछ जय और निशा के रिश्ते का हाल था।




तभी वो दोनो एक हुए दरशल निशा को जन्म देने वाली मां सीमा जी और जय की मां दामिनी जी दोनो ही बेस्ट फ्रेन्ड थे। पर कुछ वक्त बाद ही सीमा जी डेथ हो गई।



उस वक्त दामिनी जी शहर से बहार थी। सीमा जी की मौत के बाद परिवार के प्रेशर और निशा की अच्छी परवरिश के लिए निशा के पापा मिस्टर मेहरा ने सीमा जी की कजिन सिस्टर ललिता जी से कुछ दिन बाद शादी कर ली।


निशा और प्रियाके बीच उम्र मे ज्यादा अंतर नही था। निशा बस कुछ महिने ही बडी थी प्रिया से। उस घर मे आने के बाद से प्रिया को वो सब कुछ झेलना पडा जो एक नाजायज बच्चे को झेलना पडता है।



लोगो के ताने, परिवार वालो का धिक्कार यहा तक की उसके पापा ने उसे हमेशा इग्नोर किया। वही निशा को मां का प्यार देते हुए ललिता जी भी प्रिया से दूर होती जा रही थी। और वक्त के साथ निशा ललिता की सगी बेटी से बढ़कर बन गई।




और प्रिया उस पर नाजायज का कलंक कभी मिट ही नही सका। आज हालत ये थे की, ललिता जी प्रिया की सिफॅ नाम के लिए मां रह गई थी। निशा का बताॅव हमेशा से प्रिया के लिए बहुत ही सोफ्ट और लविंग था।



इसलिए प्रिया ने सपने मे भी उसे दुख पहुचाने की कोशिश भी नही की थी। और यही कारण था की जय को भी निशा के लिए भुलाने के लिए तैयार थी।


हर वक्त उसकी मां ने उसे यही समझाया की ये घर और परिवार निशा की ही देन है। उनके लिए प्रिया ऐसे ही रहना होगा और सहना भी होगा।




प्रिया ने भी बिना कुछ कहे, हमेशा ये उनकी बात मानी। निशा, जय और प्रिया बचपन मे साथ ही रहे। जय जब भी बहार जाता तो निशा से online बात करता, पर क्योकी निशा हमेशा मौज मस्ती मे रहती थी।




इस वजह से उसने प्रिया को ये काम सौप दिया था वो जय से निशा बन कर बात करे। और प्रिया निशा के कहे मुताबिक जय से निशा बन कर online बात करती। तब जब जय बहार जाता।


तभी कुछ दिन के लिए तो, कुछ महिने के लिए ये बात सिर्फ निशा और प्रिया के बीच ही रहती थी। बात करते हुए प्रिया कब जय से प्यार करने लगी उसे पता ही नही चला।



" उसे लगा था की जय को वो बता देगी, की वो अपने कितना प्यार करती है। पर वो उसे कुछ बता पाती उससे पहले ही एक दिन निशा ने आकर सबको बताया की जय और वो एक दूसरे से प्यार करते है। "




बस उस दिन उनके रिश्ते पर हमेशा के लिए महोर लग गई। प्रिया जय को पसंद करने लगी थी। पर जिस दिन उसे निशा और जय के बारे मे पता चला उस दिन से उसने भी अपने जज्बातो को हमेशा के लिए दिल मे ही दबा लिया।



और उसके लिए जय हमेशा के लिए ख्याल बन कर रह गया। जिसे चाहा तो जा सकता था, पर पाया नही। प्रिया के सामने जैसे सब कुछ फिल्म की तरह चल रहा हो। उसने अपना सर झटका और एक लंबी सांस ली।




जो होना था वो हो चुका अब बस वो अपनी आगे की लाइफ के बारे सोचेगी। वो बस खुद से इतना कह वो एयरपोर्ट के लिए निकल गई।



कुछ देर बाद बिजनेस मिटिंग के लिए जय को भी निकलना था। जय के जाने के बाद निशा का चेहरा एक दम से कठोरता और नफरत से भर गया।

उसने तुरंत अपनी मॉम को फोन लगाया।

निशा :- मॉम ! आपको पता है, आखिर क्या हुआ ! वो प्रिया ने जय का हाथ पकडा था। उसकी इतनी हिम्मत हो गई की वो मेरे जय का हाथ पकडे।

मै उसे कभी अपनी जिंदगी मे नही देखना चाहती। मन तो कर रहा है की उसको ऐसा सबक सिखाऊ की वो जिंदगीभर याद रखे।


ललिता जी बोली :- अरे मेरी जान ! इतना स्ट्रेस ना लो तुम, तुम तो जानती ही हो की कैसे मै ने जय की सगाई तुमसे फिक्स करवाई तुम्हारे जन्म के वक्त।

तो बस उसे भी तुम्हारी लाइफ से बहुत ही जल्द फिकवा दूंगी।

तुम फिक्र मत करो।

निशा :- मै बस उसे जय के आस पास भी नही देखना चाहती।

अरे हा ! वो कुछ दिन के लिए बहार जा रही है। ( हस्ते हुए। )

ललिता :- बहुत ही जल्द वो तुम्हारी लाइफ से भी चली जाएगी।




निशा का असली चेहरा ये था। जो वो प्रिया से छुपाकर रख रही थी। ता की वो उस पर हमेशा भरोसा कर सके। और कभी भी ये ना जान पाये की " प्रिया ही जय की असली मंगेतर है। "

जिसके साथ उसकी सगाई उसके जन्म से पहले ही तैय हो गई थी।




निशा :- आप करने क्या वाली है मॉम ?

ललिता :- उसे वापस आ जाने दो। मै ने तुम्हारे डॅड से बात कर ली है। हमारे दूर के रिलेटिव मे एक लडका है। जो उम्र मे प्रिया से भी काफी बडा है।

और उसकी एक शादी पहले भी हो चुकी है। पर कुछ वजह से टूट गई।

अब उसकी शादी हम प्रिया से फिक्स कर देगे। फैमिली भी ठीक ठाक पैसे वाले भी है। तुम चिंता मत करो।

उसका पमाॅमेंट बंदोबस्त कर दिया है मै ने।




उसकी बात सुन प्रिया के चेहरे पर भी मुस्कुराहट भी आ गई। फायनली प्रिया अब उसकी लाइफ से दूर चली जाएगी। अगर जय को सच्चाई पता चली भी तो भी वो हाथ मलने के अलावा कुछ नही कर पायेगा।





निशा :- ओ मॉम ! Your are the best !

ललिता :- तुम्हारे लिए कुछ भी स्वीटहार्ट ! आफ्टर ऑल तुम मेरी बेटी हो। और दुनिया मे सबसे ज्यादा प्यार ही मे तुम्ही से जो करती हू।


निशा ने मुस्कुराते हुए भी फोन रख दिया। और वापस अंदर ऑफिस मे चली गई। वही, कुछ देर बाद प्रिया ऐयरपोटॅ पहुंच गई।




* * * * * * * * * * *