Saat fere Hum tere - 24 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | सात फेरे हम तेरे - भाग 24

सात फेरे हम तेरे - भाग 24

फिर माया ने रजनीगंधा फुल नैना के बालों में लगा दिया और फिर नैना चली गई।


अतुल और बिमल भी घर आ गए और फिर तीनों मिलकर खाना खाने लगे।उन लोगों चार बजे निकलना था।

फिर अचानक डोर बेल बजा और फिर अतुल ने दरवाजा खोला तो एक दम कोई आवाज नहीं आया तो माया खाना खाते उठ गई और बोली अरे कौन है भाई।
दरवाजे पर पहुंच कर देखा तो अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि विक्की आया है।।
अरे भाई तू कुछ बोला भी नहीं।
विक्रम सिंह शेखावत ने कहा अब अन्दर बुलाएगी या फिर बाहर से।। माया एक दम से रोने लगी ये खुशी के आंसु थे जो निकल गए। आज बरसों बाद शायद निलेश की जगह कोई आया था।

अतुल बिमल सब विक्की को देख रहे थे कि कैसे कोई इतना हु-ब-हु हो सकता है या फिर भगवान का करिश्मा है।।

विक्की ने कहा अरे वाह खाने की खुशबू आ रही है। प्लीज़ मुझे भुख लगी है हां। माया ने कहा हां, हां हां जल्दी से फेश हो जाओ फिर मैं खाना परोस रही हुं।
अतुल ने निलेश का कमरा दिखाते हुए कहा आओ दोस्त ये निलेश का रूम है तुम नहा लो।
विक्रम ने कहा हां ठीक है।
फिर तीनों एक दूसरे को देखने लगें कि अचानक बिना कुछ कहे ही आ गए।

माया ने कहा जो कुछ भी होता है अच्छे के लिए होता है। चलो खाना खा लो।
कुछ देर बाद विक्की भी आ गया और खाने की टेबल पर बैठ गया।
और खाना खाने लगे वाह क्या खाना बना है।
माया ने कहा हां ठीक है अच्छे से खाओ।
विक्की ने कहा हां अब ये सोच रहे होंगे कि मैं ऐसे कैसे आ गया। क्या है कि आप ने बुलाया नहीं और मुझे एक काम से दिल्ली आना था तो सोचा पहले आप सब से मिल लेता हूं फिर चला जाऊंगा। वैसे नैना कहां है? माया ने कहा आज नैना के स्कूल का वार्षिकोत्सव समारोह है हमें भी जाना है क्या तुम जाओगे? अतुल ने कहा हां पर कार्ड तो तीन ही है।
माया ने कहा हां पर हम कुछ न कुछ कर लेंगे। विक्की हंसने लगा और वो बोला अरे क्या पता कार्ड चार हो??
माया ने कहा नहीं ऐसा कैसे? विक्की ने कहा हो सकता है एक कार्ड नैना ने निलेश के लिए रखा हो?
तभी विमल उठकर टेबल के नीचे से कार्ड बारह निकाल कर देखने लगा। अरे ये क्या विक्की को कैसे पता कि चार ही कार्ड रखा है।

विक्रम सिंह शेखावत ने कहा चलो अब सब जा सकतें हैं।
माया भी खुश हो गई।
फिर खाना खाने के बाद सभी मिलकर बात करने लगे। और फिर साढ़े तीन बजे सब तैयार हो कर निकल गए।

विक्की ने एक ओला बुक किया और सभी आराम से बैठ गए।
कुछ देर बाद ही नैना के स्कूल पहुंचे।
वहां पर गेट पर ही सबका कार्ड चेक करते हुए अन्दर जाने को बोल रहे थे।


फिर सभी अन्दर पहुंच गए।


फिर जहां सब बैठे थे वहीं जाकर ये लोग बैठ गए। फिर कार्यक्रम शुरू हो गया। स्टेज पर नैना को ही होस्ट करने को दिया गया था। नैना अंग्रेजी में बहुत ही सुन्दर तरीके से बोल रही थी।
फिर एक, एक करके सभी बच्चों का डांस होने लगा। नैना धीरे से ओडियन की तरफ देखा और फिर बोलने लगी।पर नैना दो बार में एक बार भी विक्की को नहीं देख सकी। फिर सारे प्रोग्राम होने लगें।
उसके बाद स्कूल की प्रिंसिपल डॉ नीरजा भनोट ने टीचर्स आॅफ द ईयर टाइटल पुरस्कार नैना को मिला। नैना खुशी से झूम उठी और स्टेज पर पहुंच गई तब नैना ने विक्की को माया के बगल वाली सीट पर बैठा देखा , देखते ही दंग रह गई।
नैना को एक मेडल और एक ट्राॅफी मिला और पुरस्कार लेते हुए नैना फिर जब देखने लगी तो कोई नहीं था। नैना ने कहा आंखों का धोखा क्यों हो रहा है ऐसा।
फिर नैना वापस चली गई। इधर विक्की तो शरारत करने में लगा था। उसने पहली बार तो दिखाया मगर दूसरी बार वो जान कर नीचे झुक गया था। माया ने कहा अरे बाबा क्यों परेशान कर रहे हो उसको। विक्की ने कहा जब तक उसके मुंह से ना सुन लूं तब तक परेशान तो करूंगा ही।

माया ने कहा हां ठीक है पर जाते समय क्या करोगे।। विक्की ने कहा कुछ नहीं मैं एकदम पीछे की सीट पर बैठ जाऊंगा। अंधेरा हो जाएगा तो उसको कुछ समझ नहीं आएगा।

फिर सारे प्रोग्राम होने के बाद सब अपने अपने घर जाने लगें।

अतुल और विक्की बारह निकल कर ही एक टैक्सी ले लिया। विक्की एक दम पीछे बैठ गया।
माया और बिमल नैना का इंतजार करने लगे। कुछ देर बाद नैना आ गई। उसके हाथ में गिफ्ट्स देखकर माया ने बिमल से कहा कि जल्दी से लेकर गाड़ी में रख दें।


नैना ने कहा अरे बहुत ही भुख लगी है।


पहले कुछ खाते हैं ये बात माया ने कहा। बिमल ने कहा यहां पर पप्पु चाट वाला।।
नैना ने कहा हां चलो मुझे बहुत पसंद हैं। फिर सब पहुंच गए चाट खाने। नैना ने कहा अरे अतुल कहां गया?
बिमल ने कहा जाने दो हम खा लेते हैं। फिर सबसे पहले गोल गप्पे और आलू चाट खा ले।
नैना ने कहा मुझे टमाटर भी खाना है।
फिर माया इधर उधर देखने लगीं। इसके बाद सब जाकर गाड़ी में बैठ गए।


सब घर पहुंच गए। नैना को पता नहीं चल पाया कि गाड़ी में विक्की भी था।
बिमल और अतुल उसी गाड़ी में चले गए। विक्की धीरे धीरे उतर गया। अतुल और बिमल हंसने लगे।इस पर नैना ने कहा क्या बात है हंसी किस बात की आ रही है?
विमल ने कहा हां ठीक है कल मिलते हैं। नैना और माया अपने घर पहुंच गए। माया ने जान कर विक्की के लिए दरवाज़ा खुला छोड़ दिया। नैना फेश् होने चली गई।

फिर धीरे धीरे विक्की अन्दर आ गए और फिर माया ने इशारे से अपने कमरे में जाने को कहा।।

विक्की माया के कमरे में जाकर फ्रेश होने गए।

नैना नहाकर आ गई और फिर बोली दीदी मैं सोने जा रही हुं।
माया ने कहा हां ठीक है मैं बाद में सोती हुं।
नैना सोने चली गई। फिर विक्की नहाकर आ गया और फिर बोला दीदी एक काॅफी मिलेगा क्या?
माया ने कहा हां ज़रूर। फिर दोनों काॅफी पीने लगे और फिर माया ने कहा जाओ तुम सो जाओ मेरे कमरे में। विक्की ने कहा अरे दीदी पर आप? माया ने कहा मैं डाईंग रूम में सो जाऊंगी।
फिर विक्की भी बहुत थका हुआ महसूस कर रहा था तो वो सो गए।
माया भी बाहर सो गई।


कमश:


कमश:

Rate & Review

Shweta Kumari Sah

Shweta Kumari Sah 8 months ago

RACHNA ROY

RACHNA ROY Matrubharti Verified 8 months ago

Deboshree Majumdar
Jigna Pandya

Jigna Pandya Matrubharti Verified 8 months ago

Dipti Patel

Dipti Patel 8 months ago