सात फेरे हम तेरे - Novels
by RACHNA ROY
in
Hindi Love Stories
ये कहानी ऐसे दो लोगों की है कि एक एहसास में पुरी आस , प्यार का इज़हार किए बिना भी प्यार निभाना बहुत बड़ी बात है। एक दूसरे को देखे बिना क्या कोई प्यार कर सकता है।। प्यार का ...Read Moreबलिदान, प्यार में वो ताकत है जो पुरी कायनात एक तरफ और प्यार करने वाले दो प्रेमी एक तरफ।।
हां ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है दोस्तों प्यार का नाम सिर्फ पाना ही नहीं बल्कि त्याग, बलिदान, भरोसा, पागलपन भी है और एक ऐसा पागल पन की अपनी जिंदगी के बारे में ना सोच कर सिर्फ उसे ही सारी खुशियां देना और उसके सारे दुखों को अपना बना लेना ये भी प्यार है।
कानपुर शहर में एक बहुत ही होनहार , जिंदादिल युवक जो कि तरह तरह के तस्वीरें बनाता है और तस्वीरें ऐसा बनाया था कि जैसे तस्वीरो में जान आ गई हो।पर शायद उसे किसी का इंतज़ार है अब तक वो आई नहीं है तभी तो तस्वीरें भी अधुरी सी लगती है।
ये कहानी ऐसे दो लोगों की है कि एक एहसास में पुरी आस , प्यार का इज़हार किए बिना भी प्यार निभाना बहुत बड़ी बात है। एक दूसरे को देखे बिना क्या कोई प्यार कर सकता है।। प्यार का ...Read Moreबलिदान, प्यार में वो ताकत है जो पुरी कायनात एक तरफ और प्यार करने वाले दो प्रेमी एक तरफ।।हां ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है दोस्तों प्यार का नाम सिर्फ पाना ही नहीं बल्कि त्याग, बलिदान, भरोसा, पागलपन भी है और एक ऐसा पागल पन की अपनी जिंदगी के बारे में ना सोच कर सिर्फ उसे ही सारी खुशियां
दोनों भाई बहन अपने में बातचीत करने लगी और फिर रोज की तरह माया अपने स्कूल के लिए तैयार हो कर सारा नाशता टेबल पर रख दिया और फिर बोली भाई का लेना हा।खाली पेट बाहर निकल जाता है ...Read Moreहमेशा। ये कह कर निकल गई। निलेश ने कहा हां दीदी तुम चिंता मत करो मैं खा लुंगा। फिर निलेश की नजर खिड़की के बाहर पड़ी तो देखा सामने वाले बालकनी में वह खड़ी अपने बालों को संवार रही थी। फिर मैं बेसुध हो कर अपने बालकनी में गया जैसे कोई अनचाहा साथी उसे बुला रहा हो बस उसके कदम
निलेश की आंखें नम थी उसे नींद भी नहीं आ रही थी।करवट बदल कर वो रात बिताने लगा था कि उसे अचानक ख्याल आया कि गिटार बजाने का मन सा हो गया। और फिर उठ कर नाईट बल्ब के ...Read Moreवो गिटार पर वो धुन बजाने लगा नीले नीले अम्बर पर चांद जब आएं प्यार बरसाएं हमको तरसाए।।। फिर देखते देखते सुबह होने लगी और निलेश की आंखें लाल हो गई थी और फिर जाकर सो गया। दूसरे दिन सुबह माया उठ कर तैयार हो गई उसके बाद देखा तो निलेश उठा था। माया ने कहा क्या बात है भाई
निलेश की आंखें नम थी उसे नींद भी नहीं आ रही थी।करवट बदल कर वो रात बिताने लगा था कि उसे अचानक ख्याल आया कि गिटार बजाने का मन सा हो गया। और फिर उठ कर नाईट बल्ब के ...Read Moreवो गिटार पर वो धुन बजाने लगा नीले नीले अम्बर पर चांद जब आएं प्यार बरसाएं हमको तरसाए।।। फिर देखते देखते सुबह होने लगी और निलेश की आंखें लाल हो गई थी और फिर जाकर सो गया। दूसरे दिन सुबह माया उठ कर तैयार हो गई उसके बाद देखा तो निलेश उठा था। माया ने कहा क्या बात है भाई
निलेश ने कहा आप लोग मुझे एक मौका दिजिए मैं खुद को साबित करना चाहता हूं। मैं हमेशा नैना को खुश देखना चाहता हूं।नैना ने कहा ये सब फिल्मों में बहुत अच्छा लगता है निलेश पर रियल लाइफ में ...Read Moreहां, मुझे डर लगता है सब मुझे अकेला छोड़ कर चले जाते हैं। मुझे इसलिए दोस्त बनाने में भी बहुत प्रोब्लम है। मैं कुछ नहीं देखा सकती हुं पर मेरी आत्मा जिन्दा है अभी तो वो मुझे बार बार पीछे कर देती है।सब मुझे छोड़ कर चले गए और अब।।।कल को वो छोड़ कर चले गए और फिर निलेश भी।।
निलेश अपने दोस्तों को भी इस बारे में जानकारी दी और बोला अगर कुछ भी पता चले तो बताना।माया बोली चलो अब खाना खाने चले। निलेश ने कहा हां दीदी वो सब ठीक है पर मैं कुछ सोच रहा ...Read Moreकि क्या नैना को आंख नहीं मिल सकता है।वो समझती है कि मैं उसे धोखा न दे दूं। माया ने कहा नहीं हमें यकीन दिलाना होगा कि तेरा प्यार सच्चा है और वह किसी का मोहताज तो नहीं है। निलेश ने कहा हां वो ही तो मैं समझा नहीं पा रहा। क्या हम मिल सकते हैं। माया ने कहा पता
निलेश को इन्तजार था इस बात का कि कब नैना अपने आंखों से निलेश को देख पाएंगी। क्या सच्चे प्यार की हमेशा जीत होती है? क्या इनका प्यार भी रंग लायेगा।या फिर ये सब किताबों में ही अच्छा लगता ...Read Moreजिंदगी में तो कुछ और ही होता है।इन बातों से बेखबर नैना भी निलेश का इंतजार कर रही थी कि कब निलेश आयेगा। फिर रात को बारह बजे ही निलेश अपने बालकनी में जाकर गिटार पर बर्थ डे धुन बजाने लगा। और फिर कुछ देर बाद ही नैना,रेखा, और कोकिला बालकनी में पहुंच गए। नैना ने कहा थैंक यू निलेश।
फिर माया बोली बहुत ही अच्छा गिफ्ट दिया नैना ने। निलेश ने कहा हां दीदी चलो अब सो जाते हैं। माया ने कहा भाई तू खुश हैं ना? निलेश ने कहा हां दीदी पर जब तक नैना अपने आंखों ...Read Moreन देख पाए तब तक मुझे चैन नहीं मिलेगा। माया ने कहा हां मैं समझ सकती हुं भाई। निलेश ने कहा हां दीदी नैना की कोई गलती तो नहीं कि इस उम्र में वो बिना आंखों के जिंदगी बिता देंगी। उसे कितना घुमने का शौक है तो मैं क्या इतना भी नहीं कर सकता उसके लिए। माया ने कहा हां
फिर चार बजे तक लखनऊ पहुंच गया।बस स्टैंड पर उतर कर इधर उधर देखने लगा फिर आटो स्टैंड पर जाकर अखबार में छपी उस पते पर जाने के लिए आटो चालक से बात करने लगे। फिर आटो चालक ने ...Read Moreभर दी। फिर निलेश गाड़ी में बैठ गया। फिर एक घंटे बाद उस जगह पर पहुंच गया। देखा तो बहुत ही शानदार अपार्टमेंट था।गेट पर खड़े होकर गाॅड का इंतजार करने लगा। एक गाॅड आया और फिर निलेश ने पूछा तो उसने अन्दर जाने से पहले एक रेजिस्टर पर साइन किया और फिर अन्दर पहुंच गए। इतने बड़े बड़े इमारतों
बिमल ने एक चाय की दुकान से पानी लेकर आया और फिर पानी का छिड़काव करने के बाद ही माया को होश आया तो वो एक दम रोने लगी।बिमल ने कहा अरे दीदी जरूरी तो नहीं निलेश को कुछ ...Read Moreहुआ होगा। माया ने कहा हां तुम ठीक कह रहे हो पहले हमें पता करना होगा।फिर माया वहां से सीधे काउंटर पर जाकर बोली तो उस आदमी ने एक निलेश का फोटो मांग लिया। और फिर बोला उस हाई वे के पास जो अस्पताल है वहीं जाकर आप देख सकते हैं क्योंकि सभी जख्मी लोगों को वहां भेजा गया है।
बिमल और अतुल दोनों अपने घर नहीं जा सकें। माया दी को इस हालत में छोड़ कर नहीं जा सकते। इसी तरह एक एक दिन निकालना बहुत ही मुश्किल होने लगा था।फिर एक दिन डाक्टर अनिल कपूर का फोन ...Read Moreनैना के घर पर। नैना ने ही फोन उठाया तो डॉक्टर ने कहा कि एक डोनर मिला है तुम जल्दी से जल्दी आपरेशन करवा सकती हो। नैना ये सुनकर रोने लगी और उसने बिना कुछ कहे फोन रख दिया।जब ये बात कोकिला को पता चला तो वो नैना को बहुत समझाया पर नैना कुछ भी करने को तैयार नहीं हो
इसी तरह से एक महीने गुजर गए।पर सबके लिए जैसे जिंदगी थम सी गई है। माया को हर पल निलेश का इंतजार है कि शायद कभी आएगा। उधर नैना भी निलेश का इन्तजार कर रहे थे।फिर एक शाम को ...Read Moreअनिल माया के घर पहुंच गए। और उन्होंने कहा कि बहुत ही जरूरी बात करना है। माया भी बहुत आश्चर्य हो गई कि आखिर क्या बात करना है। तभी डाक्टर साहब बोले कि मुझे पता है कि निलेश कहा है? माया ये बात सुनकर बोल पड़ी कि अरे ये क्या बोल रहे हैं आप।। डाक्टर ने कहा अगर आज भी
फिर जो स्थिति नैना की हो रही थी देखने लायक थी। नैना को कुछ भी ठीक नहीं लग रहा था।उसे सबके साथ रहने के बाद भी बहुत ही अकेला पन था। एक एक दिन एक सदियों के समान था। ...Read Moreएक एक दिन करके निकलने लगें। नैना की आंखें उसके पास थी पर वो कहीं से भी खुश नहीं थी। उसे हर पल की बेचैनी थी। नैना हर रोज निलेश का इंतजार करने लगी थी। पर उसे क्या पता कि निलेश अब कभी नहीं आएगा। सदियां बीत जाएंगी पर निलेश कभी नहीं आ पाएगा। क्या है ये जुनून है या
इसी तरह एक साल बीत गए। नैना पुरी इमानदारी से माया दी के साथ रह कर उसका साथ दे रही है। आज निलेश को गुजरे एक साल बीत गए। नैना हर रोज माया दी के साथ चाय पीने बालकनी ...Read Moreआकर बैठ जाती है। बिमल और अतुल अब नैना के बहुत अच्छे दोस्त बन गए हैं। नैना ने एक स्कूल भी जोय्न किया खुद को सम्हाल लिया था पर एक कहीं ना कहीं खाली पन सा था बहुत बड़ी कमी थी। नैना हमेशा अपने लैपटॉप पर कुछ ना कुछ अलग लिखा करतीं थीं कभी आर्टिकल तो कभी कुछ। उसने एक
नैना ने कहा दीदी मुझे निलेश के बातों पर पुरा भरोसा है एक बार हमें जाना चाहिए। माया ने कहा कितने साल बीत गए पता है ।अब कहां होगा कैसा होगा। नैना ने कहा हां दीदी ठीक है एक ...Read Moreकोशिश करने में क्या दिक्कत है। माया ने कहा हां ठीक है लेकिन अब तो हमे जाना है। नैना ने कहा हां ठीक है वहां से आने के बाद हम जरूर जायेंगे। माया ने कहा हां ठीक है। नैना ने कहा दीदी मैं चाहती हूं कि निलेश का हर एक सपना जो उसने देखा था उसको मैं पुरा करूं। उसके
फिर दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर सभी तैयारियां करने लगी क्योंकि आज रात की फ्लाइट थी। माया को एक अनचाहा सा डर बना हुआ था पर नैना उसको हौसला अफजाई करते थकती नहीं थी। नाश्ते के समय अतुल और ...Read Moreभी आ गए। माया ने पुरी और आलू दम बनाया था। माया ने कहा तुम लोग घर का ख्याल रखना आते रहना एक चाबी हमेशा की तरह तुम लोगों के पास रहेगी। बिमल ने कहा हां दीदी आप बेफिक्र होकर जाइए।हम है ना। नैना ने कहा हां मुझे विश्वास है कि निलेश के दोस्त भाई से बढ़ कर है।। माया
सुबह जल्दी उठकर तैयार हो गई थी दोनों। नैना ने कहा दीदी सब सामान ले लिया ना? माया ने कहा हां जो,जो ज़रूरी सामान है सब एक बैग में ले लिया। दोनों ने साड़ी पहनी थी। माया ने कहा ...Read Moreना लगे किसी की।। नैना आज शायद निलेश जहां कहीं भी हो वो जरूर देख रहा होगा। मैं तो निलेश की पेंटिंग को एक सही स्थान पर पहुंचा दिया। माया ने कहा हां चल अब। फिर नीचे पहुंच कर नाश्ता किया और फिर एक बस उन सभी लोगों के लिए था जो जो इस में योगदान किए थे। नैना और
फिर फाईलन राउंड में दस प्रश्न पूछें जाएंगे। ज़बाब जल्दी देना है। नैना को प्रश्न पूछें गए और उसने सारे ज़बाब एक दम सही और जल्दी ही दे दिया।प्रतियोगिता समाप्त हो गई और फिर अब परिणाम घोषित करना होगा। ...Read Moreदेर बाद ही हमारे जज आएंगे। कुछ देर बाद ही तालियों की गूंज उठने लगी। जनरल वीके सिंह के पुत्र आर्मी चीफ के कमांडर विक्रम सिंह शेखावत हमारे बीच आए हुए हैं। सबसे पहले मैं विक्रम सिंह शेखावत को स्टेज पर बुलाना चाहुंगा। कुछ देर बाद ही एक आर्मी चीफ बिक्रम सिंह शेखावत स्टेज पर पहुंच गया।सारे लोग उनका स्वागत
नैना ने कहा दीदी देखा कैसे पीछे पड़ गए हैं। देखा ना कि हम अकेले हैं। माया ने कहा नहीं नैना मेरा तजुर्बा कहता है कि ये नेक दिल इंसान हैं। नैना ने कहा दीदी आप निलेश का हमशक्ल ...Read Moreये सोच कर आप बोल रही है कि निलेश जैसा ही होगा। माया ने कहा नहीं निलेश जैसा कोई नहीं हो सकता है पर ये आर्मी चीफ आफिसर है। नैना ने कहा चलो उधर घुमते है और भी बहुत सारे लोग बहुत ही मजा कर रहे थे।फिर वहां पर सभी को लंच करने के लिए बुलाया गया। सभी वहां पर
नैना ने कुछ देर बाद ही माया को वो चिट्ठी पढ़ने को दिया। माया ने वो चिठ्ठी पढ़ कर कहा अरे कितना सच्चा है विक्की तू उसे गलत मत समझो। नैना ने कहा पर उसकी हिम्मत देखो। माया ने ...Read Moreक्या हिम्मत दिखाया बिचारे ने।।तू पुरी जीवन निलेश की यादें में बिता देंगी। ऐसा निलेश भी नहीं चाहता होगा। नैना ने कहा कि मैं निलेश से कैसे बेवफाई कर लूं। माया ने कहा पर तेरी तो शादी भी नहीं हुईं थीं निलेश से फिर तुझे इतना चिंता क्यों एक बार सोच तो अतीत था वो निलेश था पर जो वर्तमान
नैना ने कहा हां अब हमें जाना होगा। फिर गाड़ी क्ल्ब में जाकर रुक गई। तभी एक नौकर आकर दरवाज़ा खोला और फिर हम बाहर आ गए।हमारा स्वागत फुलों से किया गया। नैना ने देखा तो बहुत ही आलिशान ...Read Moreजैसा लग रहा था। माया ने कहा विक्की बहुत ही खूबसूरत जगह है। विक्रम सिंह शेखावत ने कहा हां दीदी आइए आप को बहुत कुछ दिखाता हूं। फिर विक्रम सिंह शेखावत के वहां पर तरह - तरह के खेलों की मेजबानी दिखाया। खाने पीने का जगह दिखाया। फिर विक्रम सिंह शेखावत खुद खेलते हुए नजर आएं। माया ने कहा नैना
माया ने कहा पता नहीं क्यों रह,रह कर विक्रम का ख्याल आ रहा है। नैना ने कहा हां दीदी तुम जो उसको भाई बना लिया है क्यों? निलेश को कितना तकलीफ हो रहा होगा। माया हंसते हुए बोली अरे ...Read Moreनिलेश बहुत खुश हो रहा होगा क्योंकि उसकी दी आज बहुत दिनों बाद हंस रही है। नैना ने कहा हां ठीक है देखते हैं कि कितना प्यार करता है। माया ने कहा पता नहीं क्यों निलेश भी ये चाहता है कि तुम भी विक्रम को अपना लो। तुम्हारी शादी तो हुई भी नहीं फिर क्यों किसी की विधवा बन कर
नैना ने कहा अरे बाबा जाने दो ना।। पता है वहां निलेश को कितना सम्मानित किया गया आज वह होता तो उसका हक था। माया ने कहा हां वो तो है पर आज निलेश हमारे बीच नहीं हैं पर ...Read Moreतो है और वो नैना से प्यार करता है और अपनी नैना भी।।। पर कहते हैं कि जब जो होता है वो होकर रहता है ज्यादा सोचो मत ओके। नैना ने कहा आज अगर मैं जिन्दा हुं निलेश की वजह से। माया ने कहा हां पर निलेश तो नहीं है तुम्हारी वजह से उसको जाना था पर जाते जाते अपनी
फिर माया ने रजनीगंधा फुल नैना के बालों में लगा दिया और फिर नैना चली गई। अतुल और बिमल भी घर आ गए और फिर तीनों मिलकर खाना खाने लगे।उन लोगों चार बजे निकलना था। फिर अचानक डोर बेल ...Read Moreऔर फिर अतुल ने दरवाजा खोला तो एक दम कोई आवाज नहीं आया तो माया खाना खाते उठ गई और बोली अरे कौन है भाई।दरवाजे पर पहुंच कर देखा तो अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि विक्की आया है।।अरे भाई तू कुछ बोला भी नहीं।विक्रम सिंह शेखावत ने कहा अब अन्दर बुलाएगी या फिर बाहर से।। माया
कुछ देर बाद सब लोग सो गए।सुबह आठ बजे नैना की आंख खुल गई और फिर बोली अरे आज माया दी ने जगाया नहीं।। चलो अब फेश् होकर मैं ही उनको उठाती हुं।नैना तैयार हो कर सीधे माया के ...Read Moreमें पहुंच गई।नैना ने कहा अरे अब तक सो रही है ये क्या ये खुशबू हो बहुत जानी पहचानी सी लग रही है।फिर नैना धीरे धीरे बेड के पास गई और फिर बोली अरे दीदी उठो ना। इतना सो रही हो आज।चादर तान कर सो रही हो।पर नैना तो क्या पता कि कौन हो रहा था। नैना ने चादर हटा
क्या दीदी आप रूलाओगे क्या ये बात विक्की ने कहा मुझे रोने की आदत तो नहीं है।। अतुल ने कहा हां ठीक अब चलते हैं सोने ।माया ने कहा तुम लोग मेरे रूम में सो जाओ मैं बाहर सो ...Read Moreहुं। नैना ये सुनकर बाहर आकर बोली दीदी हम दोनों निलेश के रूम में सो जाते हैं। माया ने हंसते हुए कहा अच्छा ठीक है। फिर सभी सोने चले गए।कुछ देर बाद ही माया के रूम से गाने की आवाज आने लगी और साथ में गिटार की आवाज भी सुनाई दी। नैना उठकर बैठ गई और फिर बोली अरे निलेश
अतुल ने कहा सच यार कितने सालों के बाद हम लोग कानपुर घुमने जा रहें हैं वो भी विक्की की वजह से।सच में ये बात बिमल ने कहा।विक्की ने कहा बस बस इतना तारीफ की आदत नहीं है यारों ...Read Moreबोलो कहां जाना है? माया ने कहा यूपी के ऐतिहासिक शहरों में से एक कानपूर एक ऐसी जगह है, जहां जाकर आपको कुछ अलग ही देखने को मिलेगा। कानपूर शहर एक प्रमुख औद्योगिक और सांस्कृतिक केंद्र था, जिस पर कई साम्राज्यों और राजवंशों का शासन रहा है। कानपूर जितना अपने खूबसूरत मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है, उतने ही लोकप्रिय यहां
ये क्या सब कहां गए? मेरी आंख लग गई थी प्लीज़ मुझे काॅफी पिला दो।।नैना आकर काॅफी देने लगी।विक्की ने कहा अरे तुम माया दी कहा है?, नैना ने कहा वो अभी आ रही है।तुम सो रहे थे तो ...Read Moreबताया वो बैंक से फोन आया था तो अतुल के साथ गई है।विक्की उठते हुए कहा ओह थैंक यू।वाह काॅफी अच्छा बना है और तुमसे बात नहीं हो पा रही है। आज सुबह तुमने मेरा माथा छू कर देखा था ना ? क्यों। नैना ने कहा अरे बाबा वो तो कोई तकलीफ़ में था तो मैं बस।।विक्की ने कहा हां