Saat fere Hum tere - 40 books and stories free download online pdf in Hindi

सात फेरे हम तेरे - भाग 40

विक्की ने कहा चलो अब जल्दी निकलना होगा वरना बस मिस हो जाएगा।
फिर सब जल्दी जल्दी नाश्ता करके निकल गए।

बस पुरी भर चुकी थी इस बार शायद भगवान चाहते थे कि नैना की बगल वाली सीट पर विक्की ही बैठे और ऐसा ही हुआ।
माया इस बार दोनों भाई के बीच बैठी थी।
नैना पहले थोड़ी सी सहज नहीं थी पर जब विक्की बात करने लगे तो नैना भी बात करती जा रही थी जैसे भगवान ने ही नैना से कहा हो।


फिर हम सब ताजमहल पहुंच गए। पहले टिकट बुक करना पड़ा।


फिर अन्दर पहुंच गए। अन्दर का नजारा इतना ही मनोरम दृश्य था कि क्या कहें।
वहां पर गाइड बोलने लगा।

बहरत के उत्तर प्रदेश राज्य में यमुना नदी के तट पर स्थित आगरा एक ऐतिहासिक शहर है इसी वजह से यहाँ कई भव्य ऐतिहासिक इमारते देखने को मिलती है ऐसे में अगर आप एक ईतिहास प्रेमी व्यक्ति हैं तो आपको आगरा जरुर जाना चाहिए

यहाँ कई खुबसूरत पर्यटन स्थल है और इनमे कुछ तो यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज साईट में भी शामिल है जैसे ताजमहल, आगरा का किला और फतेहपुर सीकरी आगरा अपने पर्यटन स्थलों के अलावा खाने पिने के शौकीन लोगो के लिए भी एक अनोखा शहर जगह है|

तो चलिए आगे आखिर कौन कौन से आगरा के वे सबसे बेहतरीन पर्यटन स्थल है जहाँ आगरा में जाकर आपको अवश्य घूमना चाहिए

आगरा का ताजमहल वश्व की सबसे खुबसूरत और प्रसिद्ध इमारतो में से एक है जिसे सन् 1553 ईस्वी में शाहजहाँ ने अपनी प्रिय बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था इसके निर्माण में लगभग 21 साल का समय लगा था यह सफेद संगमरमर के पत्थरों से बना हुआ है ताजमहल यमुना नदी के किनारे स्थित है

ताज का सर्वधिक सुन्दरता इसकी ईमारत के बराबर ऊँचे महान गुम्बदो में बसी है इसके निचे ही मुमताज की कब्र स्थित है विश्व के सात अजूबो में शामिल ताजमहल यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज साईट में भी शामिल है

इसे देखने के लिए देश ही नही बल्कि की विदेशो से भी हजारो लाखो की तादात में पर्यटक आते है यह ऐसी जगह है जहाँ पर कोई भी ऑफ सीजन नही होता है और पर्यटक साल भर आते रहते है|

ताजमहल के खुलने का समय सुबह 6:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक रहता है और इसका प्रवेश शुल्क ऐसे तो 50 रूपये पर पर्सन है पर अगर आप ताजमहल को बहुत ज्यादा करीब से देखना चाहते है

तो 250 रूपये का आपका प्रवेश शुल्क लगेगा पर पर्सन|हालांकि पहले आप 50 रूपये में ही करीब से देख सकते थे

आगरा के इस खुबसूरत किले का निर्माण सन् 1565 ईस्वी मुग़ल बादशाह अकबर ने करवाया था लाल बलुआ पत्थरों से निर्मित इस किले का डिज़ाइन ‘लाल किला’ से मिलता होने के कारण इसे आगरा का लाल किला नाम से भी जाना जाता है

यहाँ आकर आपको ऐसा लगेगा की आप मुग़ल काल में आ गये हैं|सन् 1638 तक यह किला मुगलों का गढ़ हुआ करता जिसे बाद में मुगलों ने आगरा से दिल्ली राजधानी को तप्दिल कर दिया|इस किले में पर्यटकों के लिए कई देखने योग स्थल हैं


जिसमे शीश महल, दीवाने आम, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, जहाँगीर महल और अंकुर बाग मौजूद हैं इसके अलावा आगरा का यह शानदार किला यूनेस्को के ‘विश्व धरोहर स्थल’ में भी शामिल है|

अतुल ने कहा वाह क्या बात है कितना अच्छे से समझा रहा है।

आगरा किले का प्रवेश शुल्क भारतियों के लिए 40 रुपये तो वही विदेशियों के लिए 550 रूपये लगते हैं और सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक यह खुला रहता

आगरा से करीब 35 किलोमीटर दूर फतेहपुर सिकरी नामक स्थान पर स्थित बुलंद दरवाज़ा एक शानदार संरचना है जिसे मुग़ल बादशाह अकबर ने 17वीं शताब्दी के आरंभ में गुजरात पर हुई जीत की याद में बनवाया था

यह दरवाज़ा लाल बलुआ पत्थरों से बना हुआ आगरा शहर का एक मुख्य आकर्षण है इस दरवाज़े पर बनी वास्तुकला काफी अनोखी जो हर साल हजारो पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है|

बुलंद दरवाज़ा हप्ते के सभी दिन सुबह 8:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक खुला रहता है और यहाँ प्रवेश शुल्क के लिए भारतियों को केवल 10 रूपये पर पर्सन लगेंगे तो वही विदेशियों के लिए 750 रूपये पर पर्सन लगता है
चलिए एक और जगह बताते हैं।।।
आगरा में घूमने वाली जगह मेहताब बाग –
मेहताब बाग ताजमहल के विप्रित दिशा में यमुना नदी के बाएं तट पर बना एक खुबसूरत बाग है जिसे ‘चांदनी बाग’ भी कहा जाता है करीब 25 एकड़ के छेत्र में फैले हुए इस बाग का निर्माण सन् 1631 से 1635 ईस्वी के बिच करवाया गया था

यह बाग ताजमहल के बिलकुल समीप है जहाँ से ताजमहल की ऐसी विश्मैकारी रूप देखने को मिलती है जिसे आप आप कभी भूल नही पाएंगे|महताब बाग काफी सुन्दर और शांत है आप आराम से यहाँ बैठ के टाइम स्पेंड कर सकते है

यहाँ के गार्डन में आपको तरह तरह के फुल देखने को मिलेगे जो भी पर्यटक ताजमहल को देखने आते है वे यहाँ भी अवश्य जाते है क्योंकि यह ताजमहल से ज्यादा दूर नही है आप ताजमहल से यहाँ पैदल भी आ सकते है|

मेहताब बाग सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है और यहाँ अन्दर जाने का प्रवेश शुल्क भारतियों के लिए 30 रूपये और विदेशियों के लिए 200 रूपये पर पर्सन लगता है वही 15 साल से कम उम्र के बच्चो के लिए एंट्री बिलकुल फ्री है

अकबर का मकबरा आगरा शहर का एक और प्रसिद्ध पर्यटन स्थल जहाँ अकबर को दफ़न किया गया है यह आगरा से करीब 13 किलोमीटर दूर सिकंदरा नमक स्थान पर स्थित है

जरासल अकबर की यह चाह थी की उसके मरने के बाद एक मकबरे का निर्माण करवाया जाए जिसके बाद अकबर के पुत्र जहाँगीर ने अपने पिता के इक्छा को पूरा करने के लिए सन् 1613 ईस्वी में सिकंदरा नामक स्थान आगरा में इसका निर्माण करवाया

यह मकबरा अकबर की राजपूत बेगम की समाधी है इस बेगम को अकबर ने ‘मरियम मकानी’ अर्थात संसार की माँ की उपाधि दी था इस मकबरे का निर्माण मुग़ल शासक जहाँगीर ने अपनी माँ की याद में बनवाया था

जो आगरा और सिकंदरा के बिच में स्थित अपनी अनोखी कारीगरी के लिए काफी लोकप्रिय है

यह एक मकबरा है जो 1628 में बनकर तयार हुआ था यहाँ पर भी काफी पर्यटक आते है तक़रीबन 23 वर्ग किलोमीटर में फैला यह मकबरा यमुना नदी के पूर्वी तट पर बना हुआ है कहते है की गहनों का डिब्बा और छोटा ताज नाम से जाना जाने वाला इत्मद-उद-दौलाह का मकबरा विश्व प्रसिद्ध ताजमहल की पहली प्रेरणा थी|
विक्की ने कहा अरे भाई थोड़ी देर आराम कर लो।

यह मकबरा सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है और बात करे प्रवेश शुल्क की तो भारतियों के लिए यहाँ मात्र 10 रूपये और विदेशियों के लिए 110 रूपये लगते है अगर यहाँ आपको वीडियोग्राफी करवानी है तो आपको अलग से 25 रूपये देने होंगे जबकि फोटोग्राफी बिलकुल मुफ्त

आगरा से तकरीबन 20 किलोमीटर की दुरी पर स्थित सुर सरोवर पक्छी अभ्यारण पक्छी प्रेमियों के लिए एक खास जगह है यहाँ पक्छियो की अलग अलग प्रजातियाँ देखने को मिलती है यहाँ पर देखने जाने वाली पक्छी प्रजाति में साइबेरियन सारस, स्पूंस विल्स और रिमिनी बतक मुख्य पक्छी प्रजाति है

और इन्हें देखने का सबसे अच्छा समय नवम्बर से मार्च महीने का रहता है तो अगर आप इन महीनो में आगरा घुमने के लिए आते हैं तो सुर सरोवर पक्छी अभ्यारण भी जरुर घुमने जाए

अब यहां देखिए।।

ताजमहल परिसर के अन्दर स्थित ताज संग्राहलय आगरा के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है जिसका निर्माण 1982 में किया गया था

वैसे तो आप यहाँ पर इतिहास से जुड़ी हुई विभिन्न कलाकिर्तियाँ देख सकते है पर इस संग्राहलय का सबसे मुख्य आकर्षण यहाँ रखी गई शाहजहाँ और मुमताज की तस्वीरे है जिन्हें देखने के लिए पर्यटकों का ताँता लगा रहता है
यह बाग भारत में सबसे पुराना मुग़ल उद्दान है इस आराम बाग को राम बाग और बागे-उल-अफसाने के नामं से भी जाना जाता है यमुना नदी के तट पर स्थित इस बाग को सन् 1528 ईस्वी में मुग़ल शासक बाबर द्वारा बनवाया गया था

इस उद्दान में मंडप बनाए गये है ताकि यमुना से निकलने वाली हवा हरियाली के साथ मिलकर मंडप को ठंडा बनाए रखे ऐसा कहा जाता है की बाबर अपना खली समय इसी मंडप में बिताता था


यह एक बहुत सुन्दर और पुराना मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है यह मंदिर आगरा के समशाबाद रोड पर स्थित है मंदिर परिसर में नंदी की मूर्ति है तथा मुख्य गर्व ग्रेह के अन्दर एक सुन्दर शिवलिंग स्थापित है|

वाह क्या बात है बहुत ही खूबसूरत है यहां से जाने का मन नहीं है अब।।
नैना ने कहा हां सच कहा। चलो थोड़ा सा खरीदारी करें।

क्रमशः