Saat fere Hum tere - 50 books and stories free download online pdf in Hindi

सात फेरे हम तेरे - भाग 50

बिमल और अतुल सुनकर बहुत ही खुश हो गए।
माया ने कहा अब जल्दी से आ जाओ तुम लोग।
अतुल ने कहा हां ठीक है होली से पहले आता हूं।

फिर हम सब सो गए।
दूसरे दिन सुबह चाय नाश्ता करने के बाद हम सब मिलकर बात करने लगे।
इतने में माया ने आलू, साबूदाने का पापड़ बनना शुरू कर दिया ‌
नैना ने कहा दीदी मैं छत पर जाकर बाकी सब तैयारी कर लेती हुं।

विक्की ने कहा हां चलो मैं भी आता हूं।
फिर दोनों मिलकर कर छत पर जाकर सारी तैयारी कर ली।
विक्की ने कहा कितना अच्छा लगता है ये सब कुछ।परदेस में ये सब कहां देखने को मिलता है।
नैना ने कहा हां वही तो अपना देश सबसे सुंदर।
नैना ने कहा तुम लोग बचपन से ही लंदन में हो है ना?
विक्की ने कहा हां मेरे पापा एक बैंक में नौकरी करते थे पर उनका सपना था कि वो एक सिपाही बनें एक बार किसी काम की वजह से अमेरिका जाना पड़ गया और वहां पर मेरी मां से मुलाकात हो गई पहले तो उनमें खुब नोंक झोंक होती थी पर एक दिन दोनों को ये एहसास हुआ कि वो दोनों एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं और फिर दोनों ने शादी कर ली।
पहले तो बहुत मुश्किल में जिंदगी गुजार रहे थे। मेरे दादा, दादी भी इंडिया में अकेले हो गए थे।
एक दिन मेरी मां ने मेरे पापा का दर्द समझा और वो खुद इंडिया जाकर मेरे दादा दादी को अपने साथ ले कर आ गई।
पापा को समझते देर नहीं लगी कि ये सब उनके लिए ही किया मम्मी ने।
फिर धीरे धीरे सबकुछ ठीक होने लगा।
पापा ने जल्दी ही अपना कारोबार शुरू किया और फिर मैं आ गया।
पापा मम्मी मुझे बहुत प्यार करते थे। सबकुछ बहुत ही अच्छा चल रहा था फिर कहते हैं ना कि ज्यादा खुशी रास नहीं आती।
उस समय मैं हाई स्कूल की पढ़ाई कर रहा था। पापा मम्मी को अचानक कनाडा जाना पड़ा और फिर वापसी के समय उनका प्लेन क्रेश हो गया। मौसम विभाग ने हाई अलर्ट किया था कि मौसम खराब है पर फ्लाइट कैंसेल नहीं हुआ था।
नैना सब सुन कर रोने लगी। विक्की ने हाथ बढ़ा कर उसके आंसु पोंछ दिया और फिर बोला हां मुझे पता है कि तुम्हारी कहानी भी कुछ कुछ ऐसी है।कितनी मिलती है हमारी कहानी है ना।

कुछ देर बाद माया ने विक्की को बुलाया और वो सब पापड़ का घोल दे दिया।
फिर विक्की और नैना ने मिलकर पापड़ लगाने लगे।
विक्की ने कहा अरे वाह कितना मज़ा आ रहा है।
कुछ देर बाद माया भी आ गई .. फिर तीनों मिलकर पापड़ लगाने लगे और बातचीत भी करने लगे।
सारे पापड़ लगाने के बाद सब नीचे आ गए।
माया ने कहा चलो अब नाश्ता कर लो।
विक्की ने कहा अरे बाबा आलू के परांठे संग रायता।
फिर सब मिलकर कर डाइनिंग टेबल पर बैठ कर नाश्ता करने लगे।
फिर कार शोरूम से फोन आ गया।
विक्की ने फोन रखते हुए कहा दीदी चलिए अभी आने वाली है कार।
नैना ने एक नारियल,माला, सिन्दूर, मिठाई, अगरबत्ती सब तैयार करके नीचे पहुंच गए।
सोसायटी के कुछ लोग भी देख रहे थे।
कुछ देर बाद कोकिला भी नीचे पहुंच गई।
बस इन्तजार खत्म हुआ और फिर कार आ गई।
माया ने विक्की को कहा कि वो ही उद्घाटन करें।

फिर विक्की ने गाड़ी के सामने नारियल का फोड़ दिया और फिर गाड़ी को माला पहना दिया उसे रोली और चन्दन लगा दिया, अगरबत्ती भी जलाएं।
फिर मिठाई खिलाकर वहां उपस्थित लोगों को मिठाई खाने को दिया।

कोकिला ने कहा अरे वाह माया गाड़ी बहुत सुन्दर है। माया ने कहा मेरे भाई ने दिया है।

फिर विक्की ने कहा दीदी चलो गाड़ी में चले लंच आज बाहर करेंगे।

।माया ने कहा हां ठीक है एक बार अतुल और बिमल को फोन कर देती हुं।
फिर तीनों लोग गाड़ी में बैठ गए।
माया ने दोनों को कहा कि लाजपत नगर में हवेली रेस्टोरेंट में पहुंच जाएं।

फिर विक्की गाड़ी इतनी तेजी से चला रहा था कि क्या बताएं।

कुछ देर बाद ही हम सब वहां पहुंच गए। क्या हवेली जैसे बड़े बड़े इमारतों वाला रेस्टोरेंट।

माया ने कहा वाह विक्की तूने वो सब कुछ कर दिया जो निलेश को करना था कहते कहते रो पड़ी। और विक्की ने माया को गले से लगा लिया और फिर बोला क्या दीदी आप भी ना।

ये हैं शानदार हवेली वाला रेस्टोरेंट।।
फिर सब अन्दर पहुंच गए और फिर टेबल बुक कर दिया।
सब जाकर बैठ गए। कुछ देर बाद ही बिमल और अतुल आ गए।
विक्की ने सबके पसंद का खाना मंगवाया।
पहले सबने पाइनेप्पल जूस पी लिया।
कुछ देर बाद ही लंच सर्व हो गया।
सबने अपने अपने पसंदीदा खाना खाने लगे।

कानपुर के लाजपत नगर स्थित हवेली रेस्टोरेंट को पंजाबी संस्कृति के अनुसार बनाया गया है। यहां की दीवारों पर बनी पेंटिंग्स आपको किसी पंजाबी गांव की याद दिलाने के लिए काफी हैं। दोस्तों व परिजनों के साथ बढ़िया नॉर्थ इंडियन और मुगलई खाना खाने के लिए यह रेस्टोरेंट परफेक्ट है। यहां की डिशेज़ टेस्टी होने के साथ ही काफी पॉकेट फ्रेंड्ली भी हैं। यह रेस्टोरेंट दोपहर 12 बजे से रात में 11 बजे तक खुला रहता है। यहां उपलब्ध पनीर की डिशेज़ चखना मत भूलिएगा।पता-हरिहरनाथ पोस्ट ऑफिस के पास, लाजपत नगर, कानपुर
फोन नं.-0512-6051000
उन सभी के लिए ये जानकारी दे रहे हैं तो आप लोग भी जरूर यहां एक बार जरूर जाएं।
फिर सब एक साथ गाड़ी में बैठ गए।
अतुल ने कहा अरे वाह भाई जरा एसी चला दो।
विक्की ने कहा हां ये लो।
फिर अतुल और बिमल को एक बस स्टैंड पर पर उतरा दिया क्योंकि वहां से ये बस पकड़ कर अपने घर जाएंगे।
नैना ने कहा अरे जल्दी आ जाना तुम लोग।
फिर विक्की ने एक गाना चलाया।
कितना बेचैन हो कर तुमसे मिला तुमको क्या थी खबर था मैं कितना अकेला।।।
नैना भी थोड़ी सी मदहोश हो गई थी।
फिर कब घर आ गया पता नहीं चल पाया।
विक्की ने कहा दीदी आप लोग जाओ मैं गाड़ी पार्किंग में रख कर आता हूं।
नैना और माया अपने सोसाइटी की ओर पहुंच गए।
क्रमशः