Saat fere Hum tere - 53 books and stories free download online pdf in Hindi

सात फेरे हम तेरे - भाग 53

नैना ने कहा पता नहीं क्यों ऐसा लग रहा है कि वो कुछ कह रहा था मुझे मेरे लिए कुछ लाया था शायद।
पर नहीं दे सका।
मैं भी कितना सोच रही हूं। चलो अब चलते हैं।
फिर सब कोई नीचे पहुंच गए।

तभी देखा तो सागर भी खड़ा था।
माया ने कहा अरे कब आए।
सागर ने कहा कुछ देर पहले।ये लो गिफ्ट्स होली पर।
नैना ने कहा आज कोई तो गिफ्ट लेकर आया।। विक्की ने कहा हां किसी किसी की आदत होती है सच को छुपाने की।
नैना ने कहा हां वही तो।पर किसी की अच्छी आदतें होती है गिफ्ट्स देने की।
सागर ने कहा चलो अब कहीं बाहर चले।
माया ने कहा हां ठीक है पर आज कोकिला जी के घर डिनर है।
फिर सब मिलकर बाहर निकल गए। विक्की ने गाड़ी निकाल लिया।
विक्की ने कहा आप लोग सब बैठ जाईए।
अतुल ने कहा हां,आठ लोगों के बैठने की जगह है।
माया ने कहा नैना आगे बैठ जाओ।
नैना भी आगे बैठ गई।
विक्की ने एक बार भी नैना को देखा तक नहीं।।
नैना बार बार विक्की को देख रही थी जैसे उसे कोई मिल गया हो, उसे एक हक सा लग रहा था जब से विक्की ने रंग लगा दिया उसके बाद शायद उसकी जिंदगी बदल गई थी।

फिर गाड़ी निकल पड़ी।
अतुल ने कहा पहले ठंड ई पीते हैं। फिर गोलगप्पे चाट।।
फिर सब कुछ देर बाद एक ठंडा दुकान पर पहुंच गए।
फिर सब ने ठंडाई पीने लगे।
वहां से फिर सब गोलगप्पे खाने लगे और फिर चाट सब खाने लगे।
सागर ने सारा पैसा दिया।
माया ने कहा थैंक यू सागर!
विक्की ने कहा अब वापस चलते हैं नैना के घर।
नैना ने कहा हां जी ज़रूर।पर इस बार भी विक्की ने कुछ भी नहीं कहा।
अब गाड़ी चलाने में मस्त हो गए थे।
अतुल ने कहा अरे नैना इतनी जल्दी में क्यों हो?

नैना ने कहा अरे खुश हुं पास रह कर कभी नहीं जाती हुं।
उधर पीछे माया और सागर एक दूसरे के साथ खुश दिख रहे थे।
सागर ने कहा घर में बात भी हो गई है बस तुम हां कह दो तो अगले महीने ही शादी कर लूं।
माया ने कहा हां ठीक है पर अब मेरा भाई आ गया है तो उसके साथ एक बार बात करना चाहती थी।
सागर ने कहा हां मुझे पता है कि विक्की ने कुछ दिनों में अपनी खास जगह बना ली है।
माया ने कहा हां वो अब सबकुछ हो गया है।
एक फैसला लेने से पहले मुझे विक्की से बात करनी है।
फिर सब पहुंच गए कोकिला जी के घर।
विक्की ने पहले ही मिठाईयां खरीद लिया था। और फिर वो नैना के हाथों में पैकेट थमा दिया।
नैना ने कहा अरे अजीब है।
फिर सब होली मिलन किया और फिर सब बैठ गए।
रेखा ने सबको शरबत पीने को दिया।
सागर ने कोकिला जी के पैर छुए।
कोकिला जी ने कहा अब लगता है परिवार पुरा होने वाला है।


नैना ने कहा बुई ये लो मिठाइयां ये विक्रम सिंह शेखावत लाएं हैं।
सब हंसने लगे।
कोकिला ने कहा अरे बेटा इतना मिठाई।
विक्की ने कहा हां कुछ अच्छा करने से पहले तो मिठाई बनता है।

सागर ने कहा हां ठीक कहा।
कोकिला ने कहा आइए खाना लग चुका है।
फिर सब बैठ गए। नैना की डाइनिंग टेबल बारह लोग की थी। इसलिए सब बैठ गए।

फिर नैना ने सबको खाना सर्व कर दिया। और वो विक्की के बगल वाली सीट पर बैठ गई।
विक्की अपने मन से खाना खा रहा था।
नैना ने कहा रंग दिया मुझे और खुद गुस्सा दिखा रहे हो।

विक्की ने कहा क्या सुना नहीं।।
फिर सब खाना खाने के बाद सोफे पर बैठ गए।
रेखा ने सबको आइसक्रीम दिया।
अतुल ने कहा मुझे और चाहिए।
नैना ने कहा हां ठीक है मैं देती हुं।
सब बातें करने लगे।
नैना बार बार विक्की को देख रही थी पर विक्की बहुत ही नाराज़ था क्योंकि उसने जो गिफ्ट रखा था वो नैना ने देखा ही नहीं था।
वो तो गिर गया था।
नैना को तो पता नहीं चल पाया।

फिर सब खाना खाने के बाद घर लौट आए।
माया ने सागर का बेड डाईंग रूम में लगा दिया।
अतुल और बिमल, विक्की जैसे अन्दर सो रहे थे वैसे ही सोने चले गए।
कुछ देर बाद ही विक्की ने गिटार बजाने लगे और फिर वो धुन जो कभी निलेश बजाते थे।नीले नीले अम्बर पर चांद जब आएं प्यार बरसाए हमको तरसाए।
गाना सुनते ही नैना विचलित हो उठी और उसे निलेश की यादें ताजा हो गईं और फिर वो दौड़ती हुई आई और फिर बोली प्लीज़ बन्द करो ये गाना।
विक्की ने पूछा कैसे बन्द करूं मेरा पसंदीदा गाना है।
नैना ने कहा अतुल तुमने नहीं बताया कि कौन गाता था।
बिमल ने कहा हां।
सागर भी आ गया और फिर बोला कोई दूसरा गाना शुरू करो।
विक्की ने कहा हां ज़रूर।
फिर विक्की दूसरा गाना शुरू किया।
मेरे सनम तुझको मेरी कसम, तुझसे बिछड़ के मर जाएंगे हम , मरने से पहले जी ले जरा हम।।।
सागर ने कहा वाह क्या बात बहुत खुब।
फिर दूसरा शुरू किया गाना बहुत खुब सूरत हो बहुत खुबसूरत हो ।।
नैना कुछ देर बाद ही वहां से जाने लगीं।
तो विक्की ने पूछा अरे ठहरो मेरी जाना। वादा करो नहीं छोड़ो गी तुम मेरा साथ जहां तुम हो वहां मैं भी हुं।
नैना ने कहा मेरे ही पीछे आखिर पड़े हो तुम क्यों एक मैं जबां नहीं हुं और।

माया भी आ गई और फिर उसने भी एक धुन छेड़ा।आती रहेंगी बहारें, जाती रहेंगी बहारें।।
विक्की ने कहा फुलों का तारों का सबका कहना है एक हजारों में मेरी बहना है सारी उम्र हमें संग रहना है।।
हम बने तुम बने एक दूजे के लिए हम बने तुम बने एक दूजे के लिए।।
फिर इसी तरह काफी रात हो गई थी सागर ने कहा चलो अब सोने जा रहा हुं।
फिर सब चले गए। विक्की भी थोड़ा मायूस सा लग रहा था और वो भी सो गया।

नैना भी पुरी रात करवटें बदलते हुए सो गई थी।
कल सब का स्कूल की छुट्टी थी इसलिए सब देर तक सोते रहे।
दरवाजे पर दस्तक हुई वो काम वाली बाई आ गई थी।
फिर सब धीरे धीरे उठने लगे।
वो आभा ताई जरा इधर आना ये नैना ने कहा।
आभा ने झाड़ू लगाते हुए कहा हां जीजी क्या बात है।
नैना ने कहा आज अच्छे से पलंग के नीचे झाड़ना हां।
आभा ने कहा हां ठीक है। फिर नैना भी फेश् होने चली गई।


क्रमशः