Saat fere Hum tere - 65 books and stories free download online pdf in Hindi

सात फेरे हम तेरे - भाग 65

विक्की ने कहा हां ठीक है ।।
चलो अब जल्दी से डांस शुरू करते हैं।
मैडम ने कहा हां पर नैना ने बताया नहीं कि वो पर्दा क्यों करी है?
नैना ने कहा हां मैं किसी वजह से ऐसा कि हुं।।
पर प्लीज़ आप लोग यहां इन्जाय किजिए।
विक्की ने वहां पर जो भी मियुजिशरन थे उसने गिटार ले लिया। और फिर उसने सोच लिया था कि जैसे भी हो नैना का पर्दा हटाना होगा।
तो वो नैना के पास जाकर ही गाना शुरू किया।

चाँद से परदा कीजिये
हाँ..चाँद से पर्दा कीजिये
कहीं चुरा ना ले चेहरे का नूर
ऐ मेरे हम नवा.. ऐ मेरे हुज़ूर
ऐ मेरे हम नवा.. ऐ मेरे हुज़ूर
हाँ.. चाँद से पर्दा कीजिये

नैना तो खुद को पर्दे पर रख कर मजे ले रही थी और विक्की पुरी कोशिश में लगा था कि किसी तरह नैना का चहेरा देखने को मिल जाए।
फिर गाने लगा।
जुल्फों से उड़ी ख़ुशबू प्यार की
होठों पर खिल गई कलियाँ बहार की..
होठों पर खिल गई, कलियाँ बहार की
फूल से परदा कीजिये
हाँ..फूल से परदा कीजिये
कहीं चुरा ना ले चेहरे का नूर
ऐ मेरे हम नवा.. ऐ मेरे हुज़ूर
ऐ मेरे हम नवा.. ऐ मेरे हुज़ूर
हाँ चाँद से पर्दा कीजिये
गाना खत्म हो गया क्या सब ताली बजाने लगे।। विक्की ने कहा अरे नहीं बाबा अभी गाना बाकी है।
नैना ने अभी तक पर्दा नहीं हटाया।।
माया ने धीरे से कहा अरे नैना अब तो चहेरा दिखा दो।
नैना ने कहा अरे नहीं नहीं नहीं।।
माया की सहेलियां सब विक्की के दिवानी सी हो गई थी।।
सब की नजर सिर्फ विक्रम सिंह शेखावत पर ही टिकी हुई थी। क्योंकि पार्टी की जान तो विक्की ही था।
माया भी बहुत खुश नजर आ रही थी।
सब मजाक मस्ती कर रहे थे और डांस भी कर रहे थे।
फिर विक्रम सिंह शेखावत ने फिर गाना शुरू किया।
लगती हो किसी शायर का ख़याल
ऐसी सादगी तो है ख़ुद में बेमिसाल..
ऐसी सादगी तो है, ख़ुद में बेमिसाल
ख़ुद से परदा कीजिये
हाँ.. ख़ुद से परदा कीजिये
कहीं चुरा ना ले चेहरे का नूर
ऐ मेरे हम नवा.. ऐ मेरे हुज़ूर
ऐ मेरे हम नवा.. ऐ मेरे हुज़ूर
हाँ.. चाँद से परदा कीजिये

हंस दे आप अगर बनजाये दास्तां
हंस दे आप अगर बनजाये दास्तां
पलकें जो झुकी कहीं झुकजाए आसमां
पलकें जो झुकी कहीं झुकजाए आसमां
रब से परदा कीजिये हाँ..
रब से परदा कीजिये
विक्की ने गाना पुरा गा लिया था पर नैना अभी तक पर्दे में ही थी।।
फिर तालियों की गूंज उठने लगी।।
विक्की मुस्कुराता हुआ बैठ गया।

इसके बाद सबने माया को कहा गाना गाने के लिए।
माया ने भी एक गाना शुरू किया।
ऐ री पवन ढुंढे किसे तेरा मन चलते चलते।।

फिर सब मिलकर ताली बजाने लगे।
विक्की को बहुत गुस्सा आ रहा था कि ऐसा क्यों कर रही हो नैना आखिर क्या चाहतीं हो।
नैना ने कहा हां तुम्हें सबक सिखाना चाहती हुं क्यों कि ये बहुत जरूरी है।

फिर सब खाना खाने लगे।
विक्की भी खाना खाने चले गए।
पर नैना वहीं बैठी रही।
कुछ देर बाद ही एक आवाज ने नैना को मजबूर कर दिया कि वो पर्दा खोल ले।
और फिर नैना ने पर्दा हटा दिया तो देखा कि प्रिंसिपल मैम के साथ कोई और नहीं वो शख्स बैठा था जिससे नैना नफरत करतीं हैं वो साइंस टीचर गौतम सर थे।पर वो यहां क्या कर रहे हैं अगर वो मुझे पहचान लेंगे तो।ये सोचते हुए नैना ने पर्दा फिर से कर लिया।
ये सब दूर बैठे विक्की ने देख लिया और उसे अब कुछ अटपटा सा लग रहा था कि नैना ने पर्दा हटा दिया था और फिर वापस लगा दिया??
विक्की दौड़ कर नैना के पास आ गया और देखा कि नैना कांप रही थी विक्की ने नैना को पकड़ लिया और फिर बोला अरे क्या हुआ ठंड लग रही है।
नैना ने कहा विक्की मुझे प्लीज़ घर ले चलो।
विक्की ने कहा अरे बाबा चलो डिनर कर ले।
नैना ने कहा ओह प्लीज़ मेरी बात समझो।
विक्की ने कहा चलो खाना खाने चले।
फिर विक्की नैना को लेकर चला गया।
माया ने कहा अरे आओ नैना खा लो।
विक्की ने कहा एक मिनट नैना तुम यहां बैठो मैं लेकर आता हूं।
विक्की ने जल्दी से वहां पर नैना के लिए प्लेट लगा कर नैना के हाथों में दे दिया।
नैना धीरे धीरे खाने लगी।
कुछ देर बाद ही प्रिंसिपल मैम अपने हसबैंड को लेकर माया के पास आ गई और फिर बोली ये देखो ये माया है आज इसका फेयरवेल पार्टी है।
ये गौतम है मेरे हसबैंड है।


माया ने कहा नमस्कार 🙏 सर।।
गौतम ने कहा हां, हां खुश रहो।
और तुम्हारे साथ कौन कौन है । माया ने कहा ये है विक्रम सिंह शेखावत आर्मी ऑफिसर।।
और वो है नैना।।
गौतम ने कहा अच्छा नैना कौन, नैना।
विक्की ने कहा अरे सर जो पर्दे में है आज।।
गौतम ने कहा हां पर पर्दे में क्यों है वो?
विक्की ने कहा अरे कुछ नहीं सर ।आप बताइए आप क्या करते हैं? गौतम ने कहा अभी तो कुछ नहीं पर पहले स्कूल में पढ़ाया करता था इतिहास टीचर था मैं छोटे-छोटे बच्चों को पढ़ाने में जो मजा है ना।।
विक्की ने कहा अच्छा तो आप इतिहास में क्या समझाते थे। गौतम हंसते हुए कहा अरे बहुत कुछ।
विक्की ने धीरे से कहा नैना को आप जानते हैं क्या?
गौतम थोड़े असामान्य दिखें।पर बोलें हां एक नैना नाम की लड़की थी तो पर बहुत ही जिद्द करने वाली हठी थी।
विक्की ने कहा क्या जिद करती थी पर क्यों।
गौतम ने कहा मैं उसे पढ़ाना चाहता था पर वो बात नहीं मानती थीं।


विक्की ने कहा अच्छा।।
माया ने कहा चलो विक्की अब चलते हैं।
विक्की ने कहा हां ठीक है।
गौतम बार बार नैना को देख रहें थे ये विक्की समझ रहा था।
विक्की ने मन में कहा कि ये नैना ने तो डायरी में साइंस टीचर के लिए लिखीं थीं पर ये तो इतिहास के टीचर हैं।
फिर हम लोग निकल गए।
गाड़ी में बैठते ही नैना बेहोश हो गई।
और फिर विक्की ने जल्दी से उसका मुंह से चुन्नी हटा लिया और फिर मुंह में पानी का छिड़काव किया तो नैना उठ कर विक्की से लिपट गई और फिर जोर जोर से चिल्लाती हुई रोने लगी।
विक्की ने नैना के बालों को सहलाने लगा और वो बोला ठीक है तुम रो लो दिल का भरास निकाल दो।
भरोसा रखो। विक्की ने मन में सोचा कि एक दरिंदा युही घुम रहा है खुलें आम।न जाने कितने जिंदगी बर्बाद किया है। नैना को मुझे इस काविल बनाना होगा। इस खौफनाक मंजर को भुला दें। और उस इंसान को उसके किए की सजा दे सकें। इतने समय से नैना एक दोहरी भूमिका निभा रही हैं मुझे आज रात नैना की डायरी को पढ़ना होगा।
फिर विक्की ने नैना को पानी का बोतल पीने को कहा। और खुद आगे जाकर गाड़ी चलाने लगा।
फिर माया ने नैना को सम्हाल कर थोड़ा सा अपने कंधे पर लेटने को कहा।
नैना चुपचाप बैठी रही।
फिर जब घर पहुंच गए तो नैना सीधे कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर दिया और फिर खुब रोने लगी कि ये क्या हो गया आज मैंने वहां पर गौतम सर को देखा मैं क्या विक्की को सब कुछ बता दूं।

इधर सागर का फोन आया और फिर माया ने सारी बात बताई तो सागर ने कहा कि विक्की ने क्या किया?
माया ने कहा अरे बाबा पार्टी की जान तो विक्की ही था पता है कितना अच्छा गाना गाया।
सागर ने कहा हां मैंने तो मिस कर दिया।
माया ने कहा हां और क्या अब रखतीं हुं।
विक्की ने कहा दीदी आप भी सो जाओ।
माया ने कहा हां गुड नाईट।
विक्की भी अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर दिया और बैंग में से वो डायरी निकल लिया और फिर पलंग पर बैठ गए।
डायरी का पहला पन्ना पलटा तो उसमें लिखा था कि मैं एक लड़की हुं पर मुझे इस दुनिया में जीने का कोई मतलब नहीं है।
विक्की ने दूसरे पन्नों पर गया और फिर वहां लिखा था स्पर्श।
स्पर्श क्या है जो कोई छूता है क्यों गलत सही कहा जाता है।

मेरे साइंस टीचर हमेशा मुझे नंबर कम देते थे पता नहीं क्यों।मैं जबकि हमेशा पढ़ने में आगे रहती थी पर पता नहीं क्या दुश्मनी थी।
विक्की सोचने लगा साइंस टीचर कौन है?
तीसरे पन्ने पर लिखा था आज साइंस टीचर का तबादला किसी दूसरे स्कूल में हो गया था मैं अन्दर से बहुत खुश थी कि वह अब जा रहें हैं।

विक्की ने कहा अरे फिर ये गौतम सर को देख कर क्यों ऐसा किया।

क्रमशः