Saat fere Hum tere - 77 books and stories free download online pdf in Hindi

सात फेरे हम तेरे - भाग 77

माया को जिस दिन का इंतजार था वो दिन भी आ गया था। आज माया का रिसेप्शन था।
घर में सुबह से सब लोगों का आना जाना लगा हुआ था।
नैना ने माया को गले लगाते हुए कहा कि दी आज बरसों बाद तुम्हारा सपना पूरा हो गया।
माया ने कहा हां अब मैं चाहती हूं कि तेरा सपना भी पूरा हो जाएं।
कुछ देर बाद सागर आ गया और साथ में फुलों का गुलदस्ता लेकर आ गए।
ये तुम्हारे लिए है। सागर ने कहा।
माया ने कहा वाह क्या बात है थैंक यू।
सागर ने कहा तो साली साहिबा को क्या चाहिए?
नैना ने कहा मुझे कुछ नहीं चाहिए बस आप और दीदी खुश रहो।
माया ने नैना को गले से लगा लिया।
फिर माया तैयार हो गई उनके घर मुंह दिखाई की रस्म होने वाली थी।।।
बैठक में सभी रिश्तेदारों की भीड़ लगी थी।
माया जाकर अपनी सासू मां के पास बैठ गई।
अब एक जगह करके आओ और मुंह दिखाई की रस्म शुरू करो।
ये बात सागर की दादी मां ने कहा।।
बड़ी बुआ जी आप आओ ये सागर ने कहा।
रीमा ने कहा हां बेटा जरूर ‌।
माया के पास जाकर घुंघट उठा कर कहा बहु सुन्दर है ये कहते हुए एक गले का हार पहना दिया।
छोटी बुआ रानो। हां हां मुझे कोई नहीं बुलाएगा।
आगे बढ़ कर घुंघट उठा कर माया को आशीर्वाद दिया और एक लिफाफा दिया।
माया ने पैर छुए और कहा धन्यवाद।
अब फुफी ,मामी, चाची इन लोगों ने भी एक एक करके घुंघट उठा कर बहु को देखा और आशीर्वाद दिया।
अब बारी थी पड़ोसी आंटी और दादी की।वो सब भी करती रही। काफी देर तक सिलसिला चलता रहा।
माया एक दम थक चुकी थी।।
सागर ने कहा अब धीरे धीरे सब लंच करने चले।
काफी भीड़ हो गई थी।
विक्की, अतुल और बिमल भी खाना खाने चले गए।
माया भी धीरे धीरे उठ गई।
उसको जो सब गिफ्ट्स मिला था वो सब सपना माया के रूम में जाकर रख दिया।
सागर की दादी मां ने कहा अब सागर और माया एक ही थाली में खाना खाएंगे।
सभी हंसने लगे।
सागर ने एक साड़ी, गहने, पांच हजार रुपए नकद माया के हाथों में दिया।
माया ने ले ली और पैर छुए।
उसके बाद माया और सागर खाना खाने बैठ गए। सागर ने पहले माया को खिलाया और माया ने सागर को खिलाया।
फोटो खींच रहे थे विडियो हो रहा था।।
विक्की, अतुल और बिमल खाना खाने में बहुत ही व्यस्त दिखाई दे रहे थे।।
नैना बहुत ही परेशान हो रही थी कि विक्की कल चला जाएगा। और वो मेरे साथ ऐसा कर रहा है मुझे उससे बात करनी होगी।
माया ने कहा कि नैना जाओ खाना खा लो।
नैना ने कहा हां ठीक है पर नैना वहां से चली गई।
विक्की अतुल और बिमल खाना खाने के बाद माया के पास जाकर बैठ गए।
विक्की ने कहा दीदी हम अब चलते हैं शाम को यहां आकर पहले सारा सामान रखने के बाद होटल जाएंगे।
सागर ने कहा अरे बाबा इसकी जरूरत क्या थी?
विक्की ने कहा अरे जीजू शादी तो एक बार ही होती है हम कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं दीदी की शादी में।
माया रोने लगी। और फिर बोली जाने क्या रिश्ता है शायद पिछले जन्म का कोई होगा।
विक्की ने कहा अरे दीदी हम भले ही एक ही मां के कोख से जन्म नहीं लिए होंगे। कहीं ना कहीं कोई तो धागा प्रेम का है जो ये सब।।
विक्की ने कहा बस करो अब चलते हैं वैसे नैना कहां है?
माया ने कहा पता नहीं कहां चली गई।

विक्की ने कहा हां मैं देखता हूं चलो अब।।
फिर सब नीचे जाने लगें।
नैना भी कुछ देर बाद आंखें मलते हुए नीचे पहुंच गई।
विक्की ने कहा अरे कहां थी तुम, लंच में नहीं देखा।
नैना ने कहा हां लंच नहीं किया।
विक्की ने कहा चलो पहले खाना खा लो वैसे आज तुम्हारा अमन कहां गया?
बड़ा ख्याल रख रहा था अब हो गया।
नैना ने कहा हां पर तुम्हें इससे क्या?
तभी अमन भागता हुआ आया है बोला ये लो तुम्हारे लिए ,! लंच कर लो। नैना ने कहा इसकी क्या जरूरत थी?
विक्की ने कहा अरे जब इतने प्यार से दे रहा है ले लो।
नैना कुछ भी नहीं बोली।।
अतुल ने अमन के हाथ से वो डिब्बा ले लिया।
और गाड़ी निकल पड़ी।
कुछ देर बाद सब होटल में पहुंच गए।
विक्की ने बताया कि सारा गिफ्ट्स निकाल कर लिख और देख।।
अतुल ने कहा हां ठीक है। अतुल बिमल सब कमरे में जाकर लेट गए।।
नैना को एक उलझन ही हो रहा था। और तभी विक्की ने डोर बेल बजाया।
नैना ने दरवाजा खोला और फिर बोली अरे तुम।
विक्की ने कहा हां मैं पर इतना अजनबी सा लग रहा है।
नैना ने कहा हां कसूर तो इस चाहत का है आप तो अजनबी जैसे ही हो अब मेरे लिए।।
विक्की ने कहा हां सही कहा है तुमने वैसे भी आज रात को जा रहा हुं मिलना ना हो पाएगा।।
नैना ने कहा हां जाना तो होगा ही।
विक्की ने कहा अपना ख्याल रखना ये कहते हुए जाने लगा तो नैना ने कहा अरे रूको सजा भी सुनाई पर कसूर क्या था मेरा नहीं बताया?कह कर विक्की से लिपट कर रोने लगी फिर बोली ऐसा क्यों कर रहे हो आखिर।।
विक्की ने कहा क्या किया मैंने?बदल गई हो तुम।।
नैना ने कहा मैं बदल गई हुं ये सब क्या कह रहे हो?
विक्की ने नैना को अपने से अलग कर दिया और फिर कहा देखो मुझे अभी जाना होगा।
नैना ने कहा धोखा मत देना मुझे।।
विक्की ने कहा कौन देगा?

फिर विक्की चला गया।
सब तैयार हो गए थे।
सारे गिफ्ट्स गाड़ी में रख दिया अतुल ने।
फिर सब निकल गए।
सबसे पहले माया के ससुराल सागर मेंशन पहुंच गए।
सारे गिफ्ट्स नैना और विक्की ले जाकर माया के रूम में रख दिया।
सागर ने विक्की को गले लगा लिया और फिर बोला कि चलो अब ताज होटल में मिलते हैं।
फिर सब मिलकर जाने लगें।
सारे रिश्तेदार के लिए एसी बस बुक किया गया था।
सब अपने अपने तैयार हो कर निकल गए।
नैना विक्की अतुल और बिमल भी गाड़ी से निकल गए।
क्या शानदार सजावट थी।चारों तरफ गुलाब से और लाईट से सजा हुआ था।
डीजे भी सेट किया गया था।
खाना पीने की व्यवस्था भी बहुत अच्छी तरह से हुआं था।

स्टेज पर दुल्हन और दूल्हा बैठ गए थे। रिश्तेदार, मेहमानों का स्वागत बहुत ही अच्छे से हो रहा था।
विक्की थोड़ा अपसेट सा हो गया था।
माया समझ रही थी पर कुछ भी नहीं कर पा रही थी।
अमन नैना के आगे पीछे घुम रहा था।
डिजे पर गाना शुरू हो गया।
सागर ने विक्की को सबसे पहले बुला लिया।
विक्की ने कहा आज मैं खुश हूं पर दुखी भी हुं।

गा रहा हूं इस महफ़िल में आपकी मोहब्बत है

आज हूँ मैं जो कुछ भी वो आपकी इनायत है
गा रहा हूँ...
ज़िन्दगी से कैसा शिकवा खुद से ही शिकायत है
आज हूँ मैं जो कुछ भी वो आपकी इनायत है
गा रहा हूँ...

प्यार की वो सौगातें किस तरह भुला दूँ मैं
आपका हर एक आँसूँ पलकों पे उठा लूँ मैं
आपके ही दम से तो ये आज मेरी शोहरत है
आज हूँ मैं जो कुछ...

कितने रंग है जीवन के ये अजब कहानी है
कुछ मिले तो कुछ खो जाये रीत ये पुरानी है
किसको क्या मिला यहाँ सब अपनी-अपनी किस्मत है
आज हूँ मैं जो कुछ...

काश फिर कोई नगमा इस फ़िज़ा में लहराये
दूर से सही लेकिन आपकी सदा आये
मेरे दिल की हर धड़कन अब आपकी अमानत है
आज हूँ मैं जो कुछ...

गाना खत्म हो गया और विक्की की आंखों में आसूं आ गए थे। और फिर वो चला गया।
माया ने सागर को कहा प्लीज़ आप विक्की को खाना खिला दिजिए।
सागर ने कहा हां ठीक है तुम चिंता मत करो।
सागर विक्की के पीछे गया और बोला साले सहाब फौजी हो आप पर प्यार के आगे सबको एक दिन झुकना पड़ता है।
विक्की ने कहा नहीं नहीं ऐसा नहीं है मैं ठीक हूं। मुझे अभी निकलना होगा।
सागर ने कहा हां पहले खाना खाने चले।
विक्की और सागर खाना की स्टाल पर पहुंच गए।
विक्की ने थोड़ा बहुत प्लेट में परोस लिए।
सागर ने कहा वहां पहुंच कर एक फोन कर दिजियेगा।
नैना पीछे से बोली हां और क्या करना होगा ही।
विक्की ने कहा हां जैसे कोई मर रहा है मेरे लिए।।
नैना ने कहा हां क्यों नहीं कोई मर रहा हो तो? दोनों एक दूसरे की आंखों में देखने लगें दोनों की आंखें भरी हुई थी।।
क्रमशः