Meera - 7 books and stories free download online pdf in Hindi

मीरा - 7

आदित्य का गुस्से से दिमाग खराब हो गया था वो राघव के घर तो जा रहा था पर ऐसा लग रहा था कि आज राघव का अंतिम दिन है ... ...

राघव के बंगले के पास पुलिश को देखकर watchman waha आया . ....

Watchman - ( salute मारते हुए) शाहब जी . क्या हुआ ....

आशीष - हमे राघव से मिलना है ...

watchmen - Imin. शाहब जी ...

(Watch men गेट के पास जाता है किसी को call करता है फिर दरवाजा खोल देता हैं ... आशीष जीप अंदर ले जाता है .... फिर जीप रोकता है और आदित्य और वो जीप से उतर कर अंदर जाते है हॉल में राघव शोफे पर बैठा था . ... आदित्य ने जाकर उसकी कॉलर पकड़ ली ....

आदित्य- ( गुस्से में ) मीरा कहाँ है..

राघव (आदित्य का हाथ हटाते हुए) मुझे क्या पता ...

आदित्य (राघव के मुक्का मारता है वो शोफे पर गीर जाता है) - बता दे वरना ...

राघव (अपने होठो से खुन साफ करते हए) मुझे सच में नहीं पता मेंकल के लिए सच में शर्मिदा हु... कल मै drunk था. ..

आशीष - तो तुम Meera से उसके बाद नहीं मिले ....

राघव - ( याद करते हुए) मिला था उसी रात पर मैंने सिर्फ उससे माफी मांगी उसके बाद मैं आ गया था

आशीष- जब तुम वहाँ से गए तो क्या तुमने वहाँकुछ अजीब देखा .....

राधव ( याद करते हुए) वहाँ एक van थी black colour की Actually वहाँ कुछ लोग लड़ाई कर रहे थे बाकी वहाँ ओर कोई नहीं था.. सच

आदित्य (पास में रखा वास फेकते हुए) अगर Meera के गायब होने में कही भी तेरा हाथ हुआन तो

राघव - मैं सच बोल रहा हु... मैने कुछ नहीं किया ...

आशीष - हमे और कुछ पुछना होगा तो हम फिर आएगे

राघव - Please sir सिर्फ आप आना..

आशीष सर हाँ में हिलाता है और आदित को बाहर लेकर आता है . . आदित्य जीप में बैठ जाता है .... आशीषआदित्य के कंधों पर हाथ रखता है .....

आशीष -आदि खुद को संभाल इतना गुस्सा करेगा तो कैसे चलेगा तू तो हर किसी को पीटने में लग रहा है ..

आदित्य -तो क्या करूं तू ही बता ... मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा .तू जानता है मेरा मीरा के अलावा और कोई नहीं हैं ..अगर उसे कुछ हो गया ना तो .. (सर झुका कर )

आशीष - कुछ नहीं होगा मीरा को तू टेंशन मत कर हम उसे ढूंढ लेंगे ...

आशीष कार स्टार्ट करता है और वह लोग वहां से निकल जाते हैं आशीष आदित्य को उसके घर पर ड्रॉप करता है और खुद पुलिस स्टेशन के निकल जाते हैं आशीष ऊपर अपने फ्लैट में जाता है और शिव को कॉल करता है ...

शिव (हाफ्ते हुए) -हेलो  में तेरे पास ही कॉल करने वाला था अंकल को अचानक से अटैक आया है जल्दी से आ जाओ हॉस्पिटल ...

आदित्य -क्या मैं आ रहा हूं ...

आदित्य जल्दी से खड़ा हो जाओ और दरवाजा वैसे ही छोड़ कर बाहर निकल जाता है और अपनी कार स्टार्ट करके जल्दी से वहां पहुंच जाए जिधर की लोकेशन शिव ने उस को भेजी थी हॉस्पिटल के बाहर कार रोककर आदित्य सीधा बाहर निकल कर  हॉस्पिटल के अंदर जाते हैं .....

हॉस्पिटल के अंदर जाते ही उसे शिव दिख जाता है वह शिव के पास जाता है ..

आदित्य -अचानक से अंकल की तबीयत कैसे खराब हो गई वो तो ठीक थे .

शिव -पता नहीं मैं उनके रूम में गया तो वह बेहोश बेहोश है यहां पर पता चला उनको हार्ट अटैक आया था ...

आदित्य - आंटी कहां है क्या वह ठीक है यह क्या हो रहा है .सब कुछ उटपटांग ....

शिव - वो ठीक हैं Priya दी के पास हैं वो ...

आदित्य - Thanks yaar . आज तु नहीं होता तों सब अकेले ....

शिव - सिर्फ तुही मीरा की family को अपनी family मानता है.. मेरे लिए भी ये मेरी family हैं ..

(रात हो गई थी पर अब तक मीरा का कोई पता नहीं चला था .. आदित्य hospital में था ..... वो पूरी रात जाग रहा था नीद उसकी आँखो से गायब हो गई थी .. ]

अगले दिन

6:00 AM HOSPITAL 

आदित्य का फोन बजता है. आशीष का फोन था ...

आदित्य (एक सॉस में) - पता चला मीरा के बारे में ...

आशीष (धीरे  से अटकते - अटकते ) - हाॅ वो मिल गई हैं ...

आदित्य (एक सॉस में) किधर मिली कैसी है  कहाँ हैं: तुकहाँ हैं उसके कुछ हुआ तो नहीं न तुमेरी बात करा अभी नहीं तु मुझे बता तुम कहा हो में आ रहा हु.. तु कुछ बोलेगा .....

आशीष (उस कीबात काटताहै )तू CV hospital आ में वही हु ...

हॉस्पिटल का नाम सुनते ही आदित्य सन हो जाता है वह कुछ नहीं कहता आशीष फोन काटदेते हैं ....