Saat fere Hum tere - 96 books and stories free download online pdf in Hindi

सात फेरे हम तेरे - भाग 96

लक्ष्मी को पुलिस लेकर पोस्टमार्टम के बाद पार्थिव शरीर को घर आकर दे गए।
विक्की ने जब अपनी मां को इस हालत में देखा तो वो खुब रोने लगा और फिर बोला कि मां उठो ना मां तुम तो जल्दी उठकर तैयार हो जाती हो।
दादी मां ने कहा बेटा तेरी मां चली गई अब वापस नहीं आएगी कभी।।
फिर किसी तरह आस पास के लोग आकर लक्ष्मी को आखिरी विदाई के लिए तैयार किया पर विक्की के पापा नहीं आया।

नैना रोने लगी ये सब सुनते हुए और फिर बोली ओह विक्की ने कितना दर्द सहा है।
दादी मां ने कहा हां उस नन्हे हाथों ने अपनी मां को मुखाग्नि भी दिया और फिर जो,जो काम है वो भी किया तुम सोचो एक पांच साल के बच्चे को जब पता चला कि उसकी मां ने आत्महत्या कर ली है तो वो कैसे खुद को सम्हाल पाता।
फिर ग्यारह दिन का काम विक्की ने बहुत ही निष्ठा से किया।उसे लगा कि मां शायद आ जाएगी मगर उस बच्चे को क्या मालूम कि मां तो कभी नहीं आएगी।
सुनते सुनते नैना बिलक बिलक का रोने लगी और फिर बोली कि उसके बाद क्या हुआ?
दादी मां ने कहा हां फिर मैंने और दादाजी ने विक्की की सारी जिम्मेदारी उठा लिया।
समय से जागना, खाना पीना पढ़ना लिखना सब कुछ उसका हम दोनों देखने लगें।

कुछ महीने बाद प्रताप और वो ऐना घर पर वापस आ गए।
फिर तुम्हारे दादा जी ने उन दोनों को कहा कि ठहरों। प्रताप ने कहा क्या हुआ।
दादाजी ने कहा देखो अब तुम और इस औरत को लेकर यहां नहीं रह सकते हो। और अगर तुमको रहना है तो इसे छोड़ना होगा, वैसे भी लक्ष्मी के कातिल तुम हो तो हमें ज्यादा समय नहीं लगेगा तुम्हें सजा दिलाने में।।
प्रताप ने कहा हां ठीक है मैंने ऐना से शादी कर ली है।
दादाजी ने कहा हां अच्छा है वैसे भी अब मेरी वसीयत में तुम्हें कोई भी रकम या जायदाद नहीं मिलेगा क्योंकि मैंने पहले ही लक्ष्मी के नाम कर दिया था और अब लक्ष्मी के बाद उसके बेटे विक्की को जाएगा।
प्रताप गुस्से में आकर बोला ये आपने अच्छा नहीं किया।
दादाजी ने कहा अब चलते बनो वरना पुलिस बुलाता हूं।
फिर प्रताप ऐना को लेकर चला गया और आज तक नहीं लौटा पता नहीं वो जिन्दा भी होगा।
नैना ने कहा ओह दादी मां किसी की जिंदगी में ऐसा दुःख न आएं जैसा लक्ष्मी मां ने झेला है।
दादी मां ने कहा हां बेटा इसलिए मैं तुम्हारे जिम्मे विक्की को देकर मैं चैन से मर सकती हुं।
लक्ष्मी ने जो कुछ सहा है वो कोई भी औरत नहीं सह सकती है।
नैना ने कहा हां पर लक्ष्मी मां ने जो कदम उठाए वो सही नहीं था उन्होंने मौत को अपनाया और फिर विक्की को अकेला छोड़ दिया।
दादी मां ने कहा देखो बेटा ये सब कुछ किस्मत का खेल है।

नैना ने कहा हां ठीक कहा आपने।कल मुझे वापस जाना होगा।
दादी मां ने कहा हां इस का ग़म है।
नैना जैसे ही बाहर निकल आई तो देखा विक्की आ रहा था।
नैना विक्की को देखें जा रही थी। विक्की ने कहा क्या बात है ये तुम्हारी नज़रें क्यों भारी सा है।
नैना ने कहा अरे नहीं तो वो कुछ कचरा चला गया था।
विक्की ने कहा हां झूठ बोलने के लिए हिम्मत चाहिए।
नैना ने कहा अरे बाबा जाने दो कल मुझे वापस जाना है तो चलों गिफ्ट्स खोल ले।
विक्की ने कहा हां चलो।
फिर दोनों मिलकर सारे गिफ्ट्स खोलने लगें।
उसमें भी थोड़ी सी नोंक झोंक भी होने लगा।
विक्की ने कहा पता है माया दी और उनके परिवार सपना और अमन सब लोग आ रहे हैं।
नैना ने कहा अच्छा ये तो अच्छी बात है।
कब तक आ रहे हैं?
विक्की ने कहा दो महीने बाद तुम्हारे एक्जाम के बाद।
नैना ने कहा अरे तुमको सब पता है मेरे एग्जाम कब है?


विक्की ने कहा हां सब पता है। अच्छा ये बताओ की कल रात क्या हुआ था तुम्हें कुछ याद है क्या?
नैना ने कहा कि मैंने क्या किया मुझे तो याद ही नहीं।
विक्की ने कहा ओह माई गॉड तो क्या सुनना चाहोगी की तुमने क्या किया था?
नैना ने कहा ना बाबा ना।
दादी मां ने दोनों को बुलाया और कहा कि देखो जिंदगी का भरोसा नहीं है तो मैं कुछ बताना चाहती हुं।
विक्की ने कहा अरे दादी मां जाने दो ना।।
नैना ने कहा हां ठीक कहा विक्की ने।
दादी मां ने कहा हां पर मुझे विश्वास नहीं है कि तुम दोनों एक-दूसरे के साथ रहोगे।
नैना हंसने लगी।
विक्की ने गुस्से से नैना की तरफ देखा।
नैना ने कहा अरे बाबा ये बब्बर शेर आ गया।
दादी मां हंसने लगी और फिर बोली बेटा अब कितने दिन तक ऐसा चलेगा।
विक्की ने कहा दादी मां नैना अपने पैरों पर खड़ी हो जाएं बस फिर नैना को जो सही लगेगा वो करेंगी।
नैना ने कहा देखा दादी मां ये मेरी कद्र नहीं करता है।

विक्की ने कहा हां मैं तो एक बेकार इन्सान हुं।
नैना ने कहा अरे बाबा तुम एक फौजी हो जो अपने देश के लिए क्या क्या किया है।।
हां और क्या शादी भी नहीं किया।।
विक्की ने कहा अरे वाह क्या बात है सब याद है हां और कल की बात भुल गई।
नैना ने कहा हां पर मुझे बताया नहीं कि कल क्या हुआ था।
विक्की ने हंसते हुए कहा कुछ हो गया क्या हो गया।।कुछ हो गया है हो गया
क्या हो गया बता
कुछ हो गया है हो गया
क्या हो गया बता
चाँद के देश में दिल मेरा उड़ गया
उड़ गया
कुछ हो गया है हो गया
क्या हो गया बता
अनजानी राहों पर जीवन ये मुद गया
हा मुद गया मुद गया मुद गया
कुछ हो गया है हो गया
क्या हो गया बता

ज़ुल्फो ने तेरी उलझा दिया


साँसे बानी सरगम पिया
चाँद के देश में दिल मेरा उड़ गया
उड़ गया
कुछ हो गया है हो गया
क्या हो गया बता

बाहों में आके मई बेशुद हुयी
तेरी बाहों का ही तो ये दोष है
काजल लगा लू तो काला किया
तेरी आँखों का ही तो ये दोष है
छम छम छनन नाचे जिया
साँसे बानी सरगम पिया
अनजानी राहों पर जीवन ये मुद गया
हाय मुद गया मुद गया मुद गया
कुछ हो गया है हो गया

नैना ने कहा मजाक मत करो हां ।।
प्लीज़ बताओ मुझे कल क्या-क्या हुआ था।
विक्की ने कहा हां ठीक है अकेले में बताता हु।
नैना ने कहा बदमाश हो तुम।
विक्की ने कहा अरे बाबा धीरे धीरे बोलो।
फिर विक्की ने सारे गिफ्ट्स दादी मां के रूम में रखवा दिया और फिर बोला कि मैं जा रहा हुं।
नैना ने कहा दादी मां आपके पैरों को दबा दूं।
दादी मां ने कहा अरे नहीं नहीं।
नैना ने फिर भी पैर दबाने लगी और फिर बोली दादी मां विक्की बचपन में कैसा था
दादी मां हंसने लगी और फिर बोली अरे विक्की बचपन में बहुत ही सीधा सा था । बिल्कुल अपनी मां की तरह। आंखों का तारा था।
पता है उसे खीर बहुत पसंद था लक्ष्मी के हाथों का और जब से लक्ष्मी चली गई तभी से वो खीर खाना छोड़ दिया।पर तुम उसे एक बार खीर बना कर खिलाओ।
नैना ने कहा पर दादी मांवो नाराज हो गया।
दादी मां ने कहा हां ठीक है पर खुद पर भरोसा रखो और फिर देखो।
नैना ने कहा अच्छा ठीक है फिर कल जाने से पहले बना दुंगी।
दादी मां ने कहा जब विक्की के पापा और वो ऐना चले गए तब हमने एक टीचर रख दिया था जो कि विक्की को सब चीजों को बहुत ही अच्छे से सिखाया करता था।
फिर दसवीं की परीक्षा में पुरे कालेज में प्रथम स्थान प्राप्त किया था।


नैना ने कहा हां सच फिर क्या पापा वापस आएं थे?
दादी मां ने कहा हां एक बार जब लक्ष्मी का पुण्य तिथि था तो प्रताप आया था और जब सारे लोग जब चले गए।
प्रताप ने कहा कि उसे अपने किए की सजा मिल गई है क्योंकि ऐना को जो रोग लगा था वो उसे भी लग गया और फिर बिना चिकित्सा करवाएं वो चली गई।
और अब मैं भी उसी आग में जल रहा हूं।
लक्ष्मी को जो तकलीफ दिया था उसकी सजा मिल गई। मैं भी अब उसके पास जाकर माफी मांग लूंगा।
दादी मां ने कहा बेटा तुझे समझ आया पर बहुत देर हो गई।
प्रताप ने कहा एक बार विक्की से मिलना चाहता हूं
दादाजी ने विक्की को बुलाया और विक्की आया और फिर बोला अरे दादी मां ये कौन है?
दादी मां ने कहा ये तुम्हारे पिता है।
विक्की ने कहा अच्छा पर मैं इनको नहीं जानता ये कहता हुआ चला गया।
विक्की के जाने के बाद प्रताप बहुत रोने लगा और फिर बोला कि विक्की की कोई गलती नहीं है जन्म के बाद से ही मैंने उसे दुत्कार दिया हमेशा। मैंने माना ही नहीं ये कहता रहा कि पाप है। और लक्ष्मी समझाती रही कि आपकी संतान है।
मैं जा रहा हुं और हां ये हार विक्की को पहना दिजियेगा।
एक सोने का हार अपनी मां के हाथ देकर वहां से हमेशा के लिए विदा ले लिया और अब हो सकता है कि अब इस दुनिया में नहीं है।

नैना ने कहा अच्छा फिर वो हार गले में पहना है?
दादी मां ने कहा हां फिर उसी रात को विक्की को वो गले में पहना दिया और बोली कि अब इसे कभी मत उतारना।
विक्की भी खुशी खुशी पहन लिया और आज तक पहना है।

नैना ने कहा दादी मां मैं किचन में जाती हुं विक्की के लिए खीर बना देती हुं कल मेरे जाने के बाद उसे दिजियेगा।
दादी मां ने कहा हां ठीक है।
नैना किचन में जाकर जल्दी से दुध गैस पर चढ़ा दिया।
और फिर चावल को भिगोकर रख दिया और फिर किशमिश, काजू बादाम सब छोटे छोटे काट कर प्लेट में रख दिया।
और फिर धीरे धीरे दुध खौलता गया।
फिर चावल धोकर दुध में डाल दिया और फिर शक्कर भी मिला दिया।


फिर दुध गाढ़ा होता गया और फिर खीर को ठंडा होने के लिए छोड़ दिया फिर एक बड़े से बाउल में निकाल कर ऊपर से किशमिश काजू बादाम सब गार्निश करके वापस फ्रिज में रख दिया।
विक्की को कुछ भी बताने से मना किया।

फिर विक्रम सिंह शेखावत भी आ गया और साथ में लेकर आया नैना के कुछ गिफ्ट्स।
नैना ने कहा ये क्या हो रहा है मेरा जन्मदिन नहीं है।
विक्की ने कहा मुझे कोई ना नहीं करता है।
नैना ने कहा ओह माई गॉड फिर से।।
विक्की ने कहा ये सब जरूरी चीज है जो तुम अपने होस्टल में जाकर खोलना।
नैना ने कहा ओके थैंक यू।
विक्की ने कहा अब हम टेरेंस पर चले।
फिर विक्की ने कहा नैना ये ड्रेस पहन लो।
नैना ने अजीब तरीके से विक्की को देखते हुए रूम में चली गई।
नैना ने कहा अब ये क्या नाटक है मैं तो इस विक्की से ना।
फिर ड्रेस निकाल लिया वो एक गाउन था रोयल ब्लू कलर का।
नैना ने देखा साथ ही डायमंड नेकलेस, ब्रेसलेट,इयर रिंग था।
नैना ने कहा ओह माई गॉड एक्सपेंसिव है।।
फिर नैना तैयार हो गई और फिर वो टेरेंस की तरफ बढ़ गई।
वहां देखा तो बहुत ही सुन्दर सा सजाया गया था गुब्बारे और लाइट लगें थे।

नैना ने चारों तरफ देखा और फिर बोली ओह माई गॉड अमेजिंग।
कुछ देर बाद ही विक्रम सिंह शेखावत भी एक रोयल ब्लू सूट में आ गए।
नैना ने कहा वाह क्या बात है।।
विक्की ने एक मुस्कराहट दी और आगे बढ़ कर नैना का हाथ पकड़ लिया और फिर एक लाइट म्यूजिक के साथ दोनों बाॅ ल डांस करने लगे दोनों एक दूसरे को देखने के लिए बस इतना ही ।।।
विक्की ने नैना की आंखें बंद कर दिया और फिर नैना के हाथ को अपने पास लेकर एक रिंग पहना दिया।
तभी नैना ने आंख खोल दिया और फिर बोली अरे ये क्या?
विक्की ने नैना के होंठों पर अंगुली रख दिया और फिर इशारे से कहा कि बस चुप रहो।
नैना भी चुप हो गई और फिर दोनों बैठ गए।
नैना को तभी याद आया विक्की के बचपन में उसकी मां की मौत शायद यही से हुआ होगा।
विक्की ने कहा अरे बाबा कहां खो गई?
नैना ने कहा नहीं नहीं कुछ भी नहीं।।
नैना ने कहा क्या हुआ जो ये सब।
विक्की ने कहा हां कल रात का असर है शुरू तुमने किया था और खत्म मैं करूंगा।।
नैना ने कहा अरे बाबा बताओ भी।
विक्की ने फिर बताना शुरू किया। और जब ये बोला कि तुम मेरे होंठ को चूमने लगी थी और फिर मैं भी।।
नैना ने कहा क्या ऐसा हुआ था क्या सबूत है।
विक्की हंसने लगा और फिर बोला अच्छा सबूत चाहिए।
मैं बताता हूं कि तुम ने कैसे किस किया था और फिर विक्की सारी हदें पार करते हुए नैना को अपनी बाहों में भर लिया और फिर उसे उसकी आंखों पर, उसके गालों पर और फिर उसके होंठों पर किस करता रहा बस करता रहा।
नैना को भी अपनी वजूद का एहसास हुआ कि विक्की नैना को बहुत प्यार करता है।