Saat fere Hum tere - 98 books and stories free download online pdf in Hindi

सात फेरे हम तेरे - भाग 98

नैना ने कहा कि ये क्या हो रहा है कालेज में ।। नैना की दोस्त रिचा भी आ गई और फिर बोली अरे वाह नैना तुम लड़ती भी हो क्या।
नैना हंसने लगी हां विक्की ने सिखाया था कि कैसे लड़कियों को अपनी रक्षा करनी चाहिए।
नैना ने फिर सबको एक एक मुक्का दिया और उन लड़कों में कोई अंग्रेज भी था।
फिर नैना और रिचा लेक्चर सुनने चले गए।
फिर कैंटिन में जाकर बैठ गए नैना ने विक्की के घर पर जा कर क्या क्या किया सब रिचा को बताने लगी।
नैना ने कहा मुझे बहुत मजा आ रहा था यार।।
फिर रिचा और नैना पढ़ाई करने बैठ गई।।
नैना ने कहा यार बहुत बोरिंग हो गया है सब कुछ कहा मैं पढ़ाती थी और अब खुद पढ़ रही हूं।
रिचा ने कहा हां एक बार जब खुद लेक्चरर बन जाएंगी तो खुद बच्चों को पढ़ाएगी बड़े बच्चों को।
नैना ने कहा मैं तो बस एक टीचर थी पर अब।
तभी विक्की का फोन आया और बोला कि नैना इस महीने की आखिरी तारीख से तुम्हारे पेपर शुरू हो रहा है।


नैना ने कहा हां जिसका डर था वहीं हुआ। एग्जाम का भूत सवार हो गया है।
विक्की ने कहा हां , मैं समझ गया हुं कल से शुरू तुम्हारी पढ़ाई और टीचर बना तुम्हारा आशिक।।
नैना ने कहा हां ठीक है मैं भी देखती हूं एक फौजी कैसे क्या करता है।
फिर नैना को पढ़ने का मन ही नही हो रहा है और फिर वो सो गई।
दूसरे दिन सुबह कालेज के लिए दोनों निकल गई और फिर नैना को शाम का इंतजार था कि विक्की क्या करता है।


फिर विक्रम सिंह शेखावत का फोन आया और उसने कहा ये ब्लैक काॅपी शाॅ प आ जाओ।
नैना ने कहा चल रिचा मिलते हैं रात को।।

नैना वहां पहुंच गई और फिर देखा तो विक्की खड़ा था।
नैना ने कहा हम यहां पढ़ेंगे।
विक्की ने कहा क्या क्या न किया सनम तेरे लिए।।
नैना ने कहा अरे बाबा ये क्या।
विक्की ने कहा दो घंटे के लिए पुरा जगह बुक किया है सिर्फ तेरे लिए।
नैना ने कहा अरे बाबा क्या जरूरत थी इतना सारा खर्चा करने की।
विक्की ने कहा अरे बाबा चलो अब।
फिर दोनों अन्दर पहुंच गए और एक जगह बैठ गए।
कुछ देर बाद दोनों के लिए आरेंज जूस और चीज सैंडविच आ गया।
नैना ने देखते ही कहा अब ये सब कुछ।।
विक्की ने कहा चुप पढ़ने के साथ ये भी जरूरी है।।
फिर दोनों खानें लगें।
विक्की ने कहा अब अंग्रेजी देखते हैं हां।
नैना ने कहा बुक निकल कर सामने रखा।
विक्की ने बुक से कुछ सवाल पूछे और नैना ने सारे जबाव दे दिया।
विक्की ने कहा वाह वाह क्या बात है।। फिर विक्की ने कुछ सवाल लिखने को दिया तो नैना ने लिख दिया।
विक्की ने बहुत ही अच्छे से एक टीचर की तरह नैना को पढ़ाया।
दो घंटे बीत गए। नैना ने कहा अरे सर जी अब तो जाना होगा वापस पर विक्की ये क्या पागलपन है तुम इतनी दूर से मेरे लिए आओगे।
विक्की ने कहा हां जब आशिक बन गया हुं।
टीचर भी बन सकता हूं।

नैना ने कहा यस सर ओके कल मिलते हैं।
फिर इसी तरह एक फौजी किस तरह से नैना को हर कदम पर साथ चलते हुए उसकी मदद करता है।
हर शाम को नैना वहां पर विक्की का इंतजार करती थी और फिर वहां शाम होते ही नैना जैसे एक दिन निलेश के लिए इन्तजार करती वहां पर अब विक्की के लिए इन्तजार करती थी।

इसी तरह से नैना की एग्जाम की तैयारी बहुत ही अच्छे से हो गई।
कल पेपर है सुनो अच्छे से सो जाना। विक्की ने बताया।
नैना ने कहा कि सुबह जल्दी उठकर तैयार हो कर निकल जाऊंगी।
विक्की ने कहा हां ठीक है चलो मैं छोड़ देता हूं। नैना ने कहा आई लव यू सर।।
विक्की ने हंसते हुए कहा ओह माई डार्लिंग।
नैना ने कहा मैं मिस करूंगी।
विक्की ने कहा हां एक महीने तक एग्जाम चलेगा उसके बाद मैं अपने साथ ले जाऊंगा।
नैना ने कहा जानते हो मैं सोचती थी कि पता नहीं विक्की कभी मेरे प्यार की कद्र नहीं करेगा।
विक्की ने कहा हां पर मैं हमेशा से चाहता हूं कि तुम अपने पैरों पर खड़ी रहो।जब तुम लेक्चरर बन जाओगी तब मैं देखुगा।कहीं ऐसा ना हो कि तुम पहचानो नहीं।
नैना ने कहा ऐसा कैसे हो सकता है जान तुम तो मेरी मंजिल हो, मेरी जरूरत हो,।
नैना ने गाना शुरू किया।


तुम ही हमारी हो मंज़िल माय लव
तुम ही हमारी हो मंज़िल माय लव
ये आवाज़ देता हैं दिल माय लव
तुम ही हमारी हो मंज़िल माय लव

ऐसा न जानो हमको अचानक
तुम पे ये प्यार आ गया
हो बीति रुतों तो का ये रंग है जो
बनके बहार छा गया
हो तुमको देखा प्यार आ गया
तुम ही हमारी हो मंज़िल माय लव
ये आवाज़ देता हैं दिल माय लव
चाहा तो चाहा
हमको मेरी जान
वारेंगे तुमपे जिया,हो आगे हमें क्या
कहे को सोचें
कोई भी हो तुम पिया
तुम संग जीना ओ साथिया
तुम ही हमारी हो मंज़िल माय लव
ये आवाज़ देता हैं दिल माय लव
तुम ही हमारी हो मंज़िल माय लव

देखो हमारी राहूं में जनम
देखो हमारी राहूं में जनम
क्या क्या दिए जल गए
दिल से नज़र तक गम अँधेरे
साये जो थे टाल गए
हो रस्ते रंगों में ढल गए
तुम ही हमारी हो मंज़िल माय लव
तुम ही हमारी हो मंज़िल माय लव
ये आवाज़ देता है दिल माय लव
तुम ही हमारी हो मंज़िल माय लव.


फिर दोनों एक दूसरे के बाहों में खो गए।
विक्की ने कहा अच्छा चलो अब।
फिर विक्की ने होस्टल में नैना को छोड़ दिया।

नैना भी अपने होस्टल में चली गई।
विक्की भी वापस आ गया। और फिर दादी मां को सारी बातें बताई तो दादी मां हंसते हुए बोली आशिक बना टीचर ।।

विक्की ने कहा हां ठीक कहा वो भी ऐसा कुछ बोल रही थी।
दादी मां ने कहा हां ठीक किया तूने यहां पर उसका कोई भी नहीं है।
दादाजी ने कहा हां मुझे पता है कि विक्की चाहता है कि वो पढ़ी लिखी हो ताकि लक्ष्मी की तरह उसे ये सब ना सुनना पड़े।

विक्की ने कहा दादाजी मैं हमेशा से चाहता हूं कि नैना अपने पैरों पर खड़ी हो।

फिर विक्रम सिंह शेखावत खाना खाने के बाद सो गया।
दूसरे दिन सुबह नैना तैयार हो गई और फिर नीचे पहुंच गई तो रिशेपशन पर नैना को बुलाया और फिर कहा कि ये बुके, चाकलेट और कार्ड आया है।
नैना ने कहा हां ठीक है पर किसने भेजा होगा।
फिर नाम देखा तो लिखा था विक्रम सिंह शेखावत।।
नैना ने कहा सर जी ने भेजा है।
फिर फोन भी आ गया विक्की ने कहा आल दी बेस्ट।
नैना ने कहा थैंक यू सर। थैंक यू फार द गिफ्ट।
फिर नैना और रिचा दोनों ही कालेज पहुंच गए।
फिर एडमिट कार्ड लेकर सब अपने अपने रोल नं पर पहुंच गए।
नैना को बहुत डर लग रहा था। फिर पेपर और कापी मिल गया।
फिर नैना लिखने लगीं।।
उसे पेपर में सारे प्रश्न आ रहे थे। नैना मन ही मन बहुत खुश हो रही थी।
तीन घंटे के बाद एग्जाम हाॅल से बाहर निकल आईं ।
फिर रिचा भी आ गई और फिर दोनों निकल गए।
बाहर आते ही विक्रम सिंह शेखावत अपने युनिफोर्म में खड़े थे।
रिचा ने कहा हाय हैंडसम।
विक्की ने कहा ओह माई गॉड आप रिचा।।

नैना ने कहा हां ये बात सही है एग्जाम मैंने दिया है पर याद इसने किया है सर जी ने।।
विक्की ने कहा हां ठीक है अब चलें यहां से। एक आइडिया है पहले आप दोनों होस्टल जाओ फ्रेश होकर आ जाओ हम लोग डिनर करने जाएंगे।
नैना ने कहा हां ठीक है चलो फिर।
फिर तीनों बैठ गए और फिर निकल गए।
पहले होस्टल पहुंच गए।
फिर दोनों चली गई और विक्की गाड़ी में इन्तजार करने लगे।
फिर सब मिलकर निकल गए।
रिचा ने कहा अरे हम कहां जा रहे हैं?
विक्की ने कहा हां नैना की फेवरेट जगह पर।

ओलिव गार्डन में पहुंच गए।
नैना ने कहा ओह माई गॉड तुम्हें याद था क्या?
विक्की ने कहा यस मैडम।
फिर तीनों अन्दर पहुंच गए।
फिर बैठ गए बहुत ही भीड़ थी और फिर तीनों मिलकर बैठ गए।
विक्की ने कहा कि रिचा क्या लोगी?
रिचा ने कहा योर चोयस।
नैना ने भी पलकें झपका दिया।
विक्की ने ही सबके लिए आर्डर कर दिया।
कुछ देर बाद सूप सर्व हो गया।

फिर बहुत सारे डिनर आ गया। कोफ्ते, पनीर चिली, फाइड राइस,कटलेट, सिजलर, स्वीट डिश,बटर पनीर मसाला पापड़, और भी बहुत कुछ था।
नैना ने कहा अरे बाबा रे आज ही सब खिलाना है क्या?
रिचा ने कहा मुझे तो भुख लगी है मैं तो शुरू कर रही हुं।
फिर सब धीरे धीरे खाने लगे।
काफी देर तक खाते रहे। लास्ट में आइसक्रीम भी आ गया।
विक्की और नैना ने एक आइसक्रीम शेयर किया।
फिर खाना खाने के बाद सब होटल से बाहर निकल आए।
विक्की ने कहा चलो अब तुम लोग को छोड़ कर मैं चला जाऊंगा।


होस्टल में दोनों को छोड़ दिया और फिर विक्की वहां से सीधे अपने बंगले में पहुंच गए।

दादी मां ने कहा कैसा रहा सब
विक्की ने कहा अरे आप सोएं नहीं।।सब अच्छा था।
दादी मां ने कहा नैना अब आएंगी।
विक्की ने कहा अरे नहीं वो सारे पेपर के बाद ही आएंगी।
दादी मां ने कहा हां ठीक है मैं जा रही हुं सोने तू भी सो जा।
फिर इसी तरह एक, एक दिन छोड़कर पेपर होने लगा।
और हर शाम विक्की टीचर बन कर नैना को पढ़ाया करता था नैना भी खुब मन लगाकर पढाई करने लगी थी और फिर उसका सपना पूरा होने वाला था।


विक्की को कभी कभी लगता था कि नैना को खो न दे। जैसे मां लक्ष्मी चली गई थी तो क्या नैना भी चली जाएगी।
विक्की रात भर टहलता रहा।

फिर दूसरे दिन सुबह ही जल्दी आफिस से फोन आया और उसे कनाडा के लिए निकल जाना पड़ा।
नैना को कुछ भी नहीं बता पाया।
नैना अपने समय से ही रोज की तरह वहां खड़ी रही फिर अन्दर जाकर बैठ गई और फिर खुद ही पढ़ाई करने लगी। उसने बहुत बार विक्की को फोन किया पर फोन नेटवर्क से बाहर बता रहा था।
फिर काफी देर तक इन्तजार करने के बाद नैना मायुस होकर होस्टल लौट आई।
नैना चुपचाप सो गई और फिर सोचने लगी कि अब अगर विक्की ने किया तो मैं नहीं उठाएगी।
स्वीच ऑफ कर देती हुं।
फिर नैना सो गई।
विक्की कनाडा पहुंच कर सब काम करने के बाद उसने नैना को फोन मिलाया पर नैना ने फोन नहीं उठाया क्योंकि फोन बंद था।
विक्की ने कहा ओह नैना फोन उठा लो।
काफी देर तक जब नैना ने फोन नहीं उठाया तो विक्की भी सो गया।
कल नैना का लास्ट पेपर था तो सब तैयारी हो गई थी पर एक उदासी थी नैना की आंखों में।
फिर पेपर भी हो गया और नैना वापस होस्टल आ गई।
नैना ने कहा हां मुझे आज ले जाने वाला था क्यों ऐसा किया विक्की।।

क्रमशः