Mera Hero - 15 in Hindi Fiction Stories by Priya Maurya books and stories PDF | मेरा Hero - (भाग-15) - श्रुति ऐण्ड ग्रुप ऑन मिशन

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मेरा Hero - (भाग-15) - श्रुति ऐण्ड ग्रुप ऑन मिशन

आफिस के अंदर सभी सोफे पर बैठे हुये थे। मामा जी हाथ मे कुछ फाइल्स लिये देख रहे थे। तेजस जी सामने टेबल पर फ़ाईल रख कर -" वैसे जो हम आप सबको बताने वाले है वो बात शौर्य और रोहित पहले से ही जानते है और आप लोगो को ट्रेनिंग भी इसी खास वजह से दी गयी है।"

रोहित और शौर्य समझ चुके थे की मामाजी क्या कहने वाले है लेकिन इधर श्रुति, अन्जली और अविका को कुछ समझ नही आता है वो शौर्य और रोहित का मुह देखने लगती है।

तभी रोहित मामा जी से-" क्या आप कॉलेज मे हो रही गड़बड़ से जुडी सभी बाते बताने वाले है।" श्रुति को आश्चर्य होता है की मामा जी को कैसे सब पता चला की कॉलेज मे क्या हो रहा है।

तेजस-" ऑफ़ कोर्स इन्होने जाने अनजाने मे हमें पहले दिन से बहुत इन्फॉर्मेशन दे रहीं है और इन्हे तो पता भी नही की यह कितने बड़े मिशन पर काम कर रही है पहले ही दिन से।" अंजलि चौकते हुये -" कौनसा मिशन।" श्रुति तो बस शौर्य को निहार रही थी।

तभी शौर्य बोलता है-' तुम लोग को पता नही होगा लेकिं रोहित और मैने बस कुछ ड्रग्स डीलर को पकड़ने के लिये कॉलेज जॉइन किया था लेकिन तुमने जब अफताब कनिस्का रुपोर्त्शी और कीर्ति के ऊपर अपने सक को मुझे बताया तो मुझे लगा यही डीलर है लेकिन ऐसा नही था लेकिन इतना तो साफ है की ड्रग्स डीलर उसी कॉलेज का है।"

तभी मामा जी बोलते है-" लेकिन अफताब , कनिस्का और रुपोत्सी की छान बिन के दौरान हमें कुछ चौकाने वाली बाते पता चली है तभी तुम लोगो का कीर्ति का पीछा करने की वजह से उसका कनेक्शन भी रुपोर्त्शी से लगता है ।

फिर उन्होने सारी बात तीनो को बताई।

जैसे जैसे तीनो बात सुनती है उनकी आँखे फैलते जा रही थी। फिर तेजस जी-" लेकिन हमे यह क्लियर नही है की ये लोग वही और ये करना क्या चाहते है ....... एक और बात तुम ही लोग नही हो जो इस मिशन पर साथ हो बल्कि हमारा एक ऑफिसर भी है जो तुम्हारे कॉलेज मे रह कर यह मिशन का हिस्सा है।"

अवीका अंजलि श्रुति को तो कुछ नही समझ आ रहा था। तेजस किसीको कॉल कर बोलतें हैं-" तुम अंदर आ जाओ।" जैसे ही वो व्यक्ति अंदर आता है श्रुति , अंजलि और अवीका का मुह खुला रह जाता है उन्हे विश्वास भी नही हो रहा था की यह ऑफिसर भी हो सकता है।

उधर उस व्यक्ति का मुह भी खुला का खुला था जब वो शौर्य , रोहित, अंजलि, अविका और श्रुति को वहा देखता है। यह कोई और नही अनिकेत था।

अनिकेत पहले तेजस को सैल्युट मारता है फिर -" सर यह सब यहाँ पर।" तेजस-" चौकने की कोई बात नही है तुम्हारे ही तरह यह सब भी शुरु से ही इस मिशन पर है।"

फिर अनिकेत सबको मुसकुराते हुये हेलो कहता है। तेजस जी-" और श्रुति, अविका और अंजलि इन सब के बिच आपको ट्रेनिंग tricks भी बहुत काम आने वाली है इसिलिए आपको हमने यहा ट्रेनिंग के लिये बुलाया ।

एक बात और इन सबके बिच जान का खतरा बहुत है इसलिये अगर आप तीनो मे से कोई भी मिशन से हटना चाहता है तो हट सकता है।" शौर्य को श्रुति की बहुत चिंता हो रही थी वो कहने वाला ही था की श्रुति तुम हट जाओ तभी श्रृती बोल पड़ती है-" मामाजी हम अपने देश के लिये कुछ भी कर सकते है मै अपने आखिरी सांस तक इस मिशन का हिस्सा रहूँगी।"

आजतक श्रुति को इतने आत्मविश्वास मे किसी ने नही देख था और उसकी बातो से तो और भी सब प्रभावित हो रहें थे। तभी अंजलि बोलती है-" हा अंकल अगर हम डर जायेंगे तो लानत है हमे हिंदुस्तानी होने पर।"

अविका-" वी आर रेडी ।" सभी खुशी से एक के ऊपर एक हाथ रखकर मुसकुराते हैं उनके आँखो मे जज्बा साफ दिख रहा था। अनिकेत सबसे बोलता है -" मेरे जानकारी के मुताबिक शायद यह कुछ बड़ा करना चाहते हैं। फिर सभी अपने आगे के प्लान डिस्कस करने लगते हैं।

कुछ घंटो के बाद सब वापस बाहर आते है। अनिकेत तो सिधे कैम्प से सबको बाय बोल निकल जाता है लेकिन एक पांचो वापस अपने कमरे मे आ जाते है। अब तो समान भी पैक हो चुका था सबको बोरियत महसूस हो रही थी। तभी रोहित और शौर्य के कमरे मे अंजलि और अविका आती है।

अवीका वही बैड पर बैठाते हुये-" अरे यार बड़ी बोरियत मालुम हो रही है।" अंजलि भी उसके बगल मे बैठ जाती है। रोहित-" क्यो ना हम कैरम खेलते हैं। " अविका -" ये ठीक रहेगा ......शौर्य जाओ श्रुति को बुला लाओ।" शौर्य भी सबकी बात सुन श्रुति को बुलाने चला जाता है।

शौर्य श्रुति के कमरे मे जा कर नॉक करता है श्रुति को लगता है की अंजलि है क्योकि इस समय हमेशा वही आती थी वो बोलती है-" अंदर आकर डोर लॉक कर दो। शौर्य को समझ नही आता है की वो ऐसा क्यू कह रही है लेकिन वो बन्द कर के जैसे ही श्रुति को देखता है उसके होश उड़ जाते है श्रुति अपनी पीठ उसकी तरफ किये अपने ड्रेस की हुक बन्द करने की कोशिश कर रह थी लेकिन वो बन्द नही हो रहा था।


श्रुति को ऐसे देख शौर्य की धड़कने तेज हो रही थी। तभी श्रुति शौर्य को अंजलि समझ कर-" बन्द कर दो यार बन्द ही नही हो रही है तब से बन्द करने की कोशिश कर रही हूं। " शौर्य को समझ नही आ रहा था की श्रुति उससे ऐसा क्यू बोल रही है।

फिर वो आगे बढ कर हुक बन्द करने लगता है लेकिन जैसे ही उसका हाथ श्रुति की पीठ से छूता है श्रुति एकदम सहम जाती है वो झट से पीछे मुड़ कर देखती है और को देख चिल्लाते हुये अपने दुपट्टे से खुद को ढकने लगती है।

श्रुति-" तू.... तू .......तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ऐसा करने की। ' शौर्य भी उसी तरह-" तुमने ही तो बोला था ।"

श्रुति को अब अपनी गलती का अहसास होता है वो सोचती है काश पहले ही एक बार देख लेती की रुम मे कौन आया है।
श्रुति -" तू ......तू ......तुम जाओ यहाँ से और अंजलि को भेज देना ।"
शौर्य भी उसकी बात मान चला जाता है और अपने कमरे मे आकर अंजलि से -" अंजलि श्रुति तुम्हे बुला रही हैं कुछ जरुरी काम है। " अंजलि सोचने लगती है की वो क्यू उसे बुला रही है। लेकिन उसका ध्यान शौर्य के चेहरे पर जाता है तो उसका चेहरा एकदम लाल था।

वो श्रुति के रुम मे सिधे चली जाती है। अंजलि जब श्रुति को हुक बन्द करता देखती है तो सब माजरा समझ जाती है और श्रुति से हँसते हुये-" 😂😂😂शौर्य आया था क्या।"

श्रुति थोड़ा गुस्से से पहले बन्द कर मेरा हुक।" अंजलि उसे चिढाते हुये हुक बन्द करने लगती है ।

फिर दोनो रोहित और शौर्य के कमरे मे आकर कैरम खेलने लगते है। इन सब के बिच दोनो मे से कोई एक दुसरे को देख नही रहा था।


फिर जल्द ही सब खाना खा कर सोने चले जाते है क्योकि अगले दिन ही सबको निकलना था।

दुसरे दिन सब जल्दी जल्दी तैयार हो जाते है और अपना सारा समान कार मे रख तेजस को बाय बोल अपने पीजी और घर के लिये निकल जाते हैं।



क्रमश: