Junoon Se Bhara Ishq - 4 in Hindi Love Stories by Payal books and stories PDF | Junoon Se Bhara Ishq - 4

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Junoon Se Bhara Ishq - 4

Bar mein Priya

गाने की धुन पर सब मस्ती मे थिरक रहे थे। तभी अचानक बुलेट चलने की आवाज आई। बुलेट की आवाज इतनी तेज थी की म्यूजिक का शोर होने के बाद भी सभी के कानो मे उसकी आवाज पहुंच गई।

सब लोग एक दूसरे का चेहरा देखने लगे। कुछ ही सेकन्ड मे नजाने कहा से बहुत सारे कंमान्डोस आकर वहा खडे हो गए। उन्होने बार को अंदर से पूरा कवर कर लिया था।


तभी एक आदमी आगे आया और तेजी चिल्लाकर सबको बहार जाने के लिए कहा। सब लोग एक दूसरे का चेहरा देखने लगे। किसी को कुछ भी समज नही आ रहा था।

एक लडके ने आगे आकर कहा की आप लोग कौन है ? प्रिया चुप चाप जहा थी वही खडी हो गई। उसके डर के मारे पसीने छूट रहे थे।


वहा का माहौल देख ऐसा लग रहा था जैसे वहा आतंकी हमला होने वाला हो। तभी वो आदमी उस लडके का जवाब दिए बिना दोबारा चिल्लाया :- अब अगर दो मिनिट मे तुम सब यहा से नही गए तो एक भी जिंदा बहार नही जाओगे।



उस आदमी की वानिॅग सुन सब सक्ते मे आ गए। और आगे बिना कोई सवाल किये बिना बहार जाने लगे। प्रिया स्टेज से उतर कर सोनिया के पास आ गई। जो स्टेज से कुछ ही दूरी पर खडी थी।


प्रिया ने सोनिया का हाथ पकडा और बहार जाने लगी। तभी उस आदमी ने उनको रोक लिया।


" आप नही, आप जाइऐ। आप यही रुकिए। " सोनिया और प्रिया दोनो उसकी बात सुन एक दूसरे का चेहरा देखने लगे।

प्रिया की आंखो मे एक अंजाने से डर ने जगह बनाली थी। आदमी के दोबारा बोलने पर सोनिया को बहार जाना पडा। वो दीवार का सहारा लेकर बहार चली गई।


प्रिया उसे आंखो के इशारे से उसे जाने से मना कर रही थी। पर अगर सोनिया नही जाती तो नजाने वो कंमान्डो क्या करता। सोनिया के बहार जाते ही प्रिया उस आदमी से डरती हुई बोली :- आपको मुझसे क्या काम है ? मुझे यहा क्यू रोका है ?



पर वो आदमी सर झुकाकर बिना कोई जवाब दिए खडा हो गया। प्रिया को ये सब बडा अजीब लग रहा था। उसकी तो किसी से दुश्मनी भी नही थी। और ना ही उसने किसी को परेशान किया था। और ना ही उसका अंडरवर्ल्ड कनेक्शन है। तो ये लोग है कौन ? और उसे यहा क्यू रोका गया है ?






उसके पास नजाने कितने ही सवाल है पर वो आदमी सर झुकाकर अपने कदम पीछे लिए खडा हो गया। जिसका साफ मतलब था की उसके सवालो का कोई जवाब नही देगा।


हर बढते पल के साथ प्रिया का डर बढते ही जा रहा था। धडकने भी उसकी तेज चल रही थी। उसने सोचा तेजी से यहा से निकलने ही भलाई है।


न जाने ये कौन लोग है ? प्रिया ने अपने आप को मजबूत दिखाते हुए कहा :- ठीक है ! अगर आप लोग मेरे किसी भी सवाल का जवाब नही देना चाहते तो मै भी यहा खडे रहे के लिए मजबूत नही हू। मै जा रही हू यहा से। इतना बोल वो तेजी से आगे बढी।



पर वो दूसरा कदम बढाती उससे पहले ही उसकी कलाई किसी के मजबूत हाथो मे आ गई। अब तो जैसे प्रिया की हालत खराब हो गई। उसकी आंखो मे डर मारे आंसु आ गए।



उसने अपनी आंखे बंद कर ली। उसे नही पता था की आगे क्या होने वाला है ? तभी उसके कानो मे शांत मगर डरा देने वाली आवाज पडी।



" बहुत शोख है ना तुम्हे हर जगह से भागने का, कुछ ज्यादा ही जल्दी नही रहती है। " प्रिया उसकी आवाज सुन कंफ्यूज हो गई, की आखिर वो इंसान कहना क्या चाहता है ?



वो धीरे से पलटी पर सामने खडे इंसान को देख उसके पैरो तले जमीन खिसक गई। चेहरा डर से पीला पड गया। धडकने जैसे एक पल को थम सी गई। पैरो मे शक्ति ही नही बची खडे होने की।


उसे ऐसा लग रहा था की वो अगले ही पल गिरने ही वाली है। उसने तो सोचा भी नही था की ये पल उसके सामने इतनी जल्दी ही आ जायेगा। उसके सामने वही लडका खडा था। जिसके साथ उसने उस होटल मे रात बिताई थी।




अभय बडे गौर से उपर से नीचे तक देख रहा था। अभय उसे देखने के बाद बोला :- हम्म्म्म ! काफी रंगीन शोख है तुम्हारे तो।

प्रिया इस हालत मे नही थी की वो उसे पलटकर जवाब दे सके। पर अगर वो उस वक्त डर गई तो शायद ये लडका उसे और डरायेगा। ये सोच उसने अपने डर को अपने जितना हो सका अंदर दबाया।



और अपनी कलाई छुडाने की कोशिश की। पर वो उसे जितना छुडाने की कोशिश करती। उसकी गिरफ्त और मजबूत होती जा रही थी। अब प्रिया को खींच ने के साथ साथ उस पर गुस्सा भी आ रहा था।


प्रिया :- देखिए मेरा हाथ छोडिए।

अभय उसकी बात का जवाब दिए बिना न रह सका :- शोटॅ ड्रेस आधी रात को इस बार मे अंजान लोगो के साथ नाच रही हो। लोगो की गंदी नजरो के साथ साथ गंद्दे हाथ भी तुम्हारे बदन को छू रहे है। और तुम्हे कोई फर्क नही पड रहा है।



प्रिया गुस्से मे बोली :- look mister that's non of your business so just leave my hand and lek me go.

अभय :- ooh really हरकते तुम्हारी खराब है। खुल्ला इन्विटेशन तुम लडको को दे रही हो और फिर कहती हो was non of your business. strange ......

प्रिया :- देखिए मुझे आपसे कोई लेना देना नही है। आप बस मेरा हाथ छोडिए और मुझे जाने दिजिए।

अभय :- तुम्हे लेना देना हो या ना हो पर मुझे है।



और वो प्रिया का हाथ खींच कर उसे दूसरे दरवाजे से बहार ले गया। प्रिया बार बार अपना हाथ छुडाने को कहती रही पर जैसे उस इंसान पर उसकी बात का कोई असर ही नही हुआ।



उसने ना तो उसकी बात का कोई जवाब दिया और ना ही पलटकर उसे देखा। बस उसका हाथ पकड़कर बहार ले आया। प्रिया ने देखा बहार लंबी लंबी गाडिया खडी थी।




जिनके पास कंमान्डोस खडे थे। उन्हे देख प्रिया की जान हलक मे आ गई। कौन थे ये लोग ? और ये उसे कहा ले जा रहे थे। प्रिया एक आखरी कोशिश करते हुए बोली :- देखिए ! आपको शायद गलत फहमी हुई है । आप ! किसी और को ढूंढ रहे होगे। और मै वो नही हू।





पर अभय ने उसकी बात का कोई जवाब ना देकर उसे धक्का से एक कार का दरवाजा खोल उसमे बिठाकर दरवाजा बंद कर दिया। प्रिया अभय को देख पहले ही डर गई थी। उसके उसे जबरदस्ती गाडी मे बिठाने से वो सक्ते मे आ गई।




आखिर अभय उसे कहा लेजा रहा है ?


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