Junoon Se Bhara Ishq - 13 books and stories free download online pdf in Hindi

Junoon Se Bhara Ishq - 13

Abhay ki pahuch




मिस्टर माथुर ने लेपटॉप प्रिया के सामने रखा। प्रिया कंफ्यूज उन्हे देख रही थी। इसे पहले वो कुछ कहती लेपटॉप पर दिखाई दिया।




लेपटॉप लाइव विडियो शुरु हो गया। जिसमे सबसे पहले Rathore industries का logo दिखाया गया। और फिर उसके स्टाफ मेम्बर आके खडे हो गए।



हैल्लो मिस्टर माथुर ! हैल्लो मिस मेहरा !

मिस्टर माथुर :- don't worry, miss mehra. ये लोग हमे नही देख सकते। सिर्फ हम ही उन लोगो को देख सकते है।

Contact के मुताबिक आप किसी को भी आप के और मिस्टर राठौर के रिलेशन के बारे मे नही पता चलेगा।

ये बस आपको ये बताने के लिए था, ता की आप विश्वास कर सके।




प्रिया ने उसकी बात सुन कर राहत की सांस ली। विडियो देख वो समज गई थी की ये सब उसके लिए ही बनवाया गया है। और ये भी साबित हो गया की ये आदमी मिस्टर राठौर ही है।



क्योकी ऐसे लाइव ब्रॉडकास्ट चल वाना किसी बडे आदमी का ही काम हो सकता है। आम, इंसान के लिए ये मुमकिन नही है।


मिस्टर माथुर :- आपको और कुछ पूछना है ?

प्रिया :- नही !

मिस्टर माथुर :- ठीक है ! तो अब मै चलता हू। कुछ वक्त मे मिस्टर राठौर भी आ जाएगे।




इतना कह मिस्टर माथुर बहार चले गए। प्रिया के लिए इस कमरे मे रहना किसी कैद खाने से कम नही था। पर वो मजबूर थी, कल रात की उस आदमी की हरकत और आज दिन भर के इस खेल ने उसे थका दिया था।



अभय का इंतजार करते करते उसे नींद आ गई। और वो वही शोफे पर ही बैठे हुए ही गहरी नींद मे चली गई।


ठीक शाम के 6 बजे कमरे का दरवाजा खोला। पर प्रिया को इसका होश नही था। प्रिया की निंद तब खुली जब उसे अपने शरीर पर किसीके हाथ रेंगते हुए महसूस हुए।


उसने आंखे खोल कर देखा तो अपने उपर अभय को झुके हुए पाया। इस वक्त अभय की आंखे ऐसी थी। जैसे उसका बस चले तो वो प्रिया को पूरा निगल जाये।



उसने अभय के सीने पर हाथ रख खुद दूर हटाने की कोशिश भी की। पर उसकी हर कोशिश ना कामयाब रही। और आगे कुछ कर पाती उससे पहले ही अभय ने उसे किस करना शुरु कर दिया।




उसके हाथ प्रिया के गालो पर थे। और वो उसे बेइतहाशा किस किये जा रहा था। प्रिया के लिए अब सांस लेना मुश्किल हो रहा था।


अभय :- क्या फिर से भागने का प्लान है ? अगर हो भी तो अपने दिमाग से निकाल देना। क्योकी ये पहली बार था इसलिए छोड रहा हू पर अगर दोबारा ऐसा हुआ तो याद रखना कभी भागने का तो छोडो चलने लायक भी नही छोडूंगा।

फिर अपनी सारी जिंदगी इसी कमरे मे गुजारोगी और अगर अब भी भरोसा ना हो तो कोशिश कर सकती हो।





प्रिया को उसके शब्द सुन अपनी रीड की हड्डी तक सिहरन महसूस हुई। उसका शरीर फिर से कांपने लगा। प्रिया समज चुकी थी की वो आदमी अब मजाक नही कर रहा है।




क्योकी अब उसे उसकी असली पहचान पता चल गई थी। और वो जानती थी, की यहा से निकलना उसके लिए बेहद मुश्किल होने वाला है।

शायद नामुमकिन भी ! ! !




फिर भी नजाने कहा से प्रिया मे इतनी हिम्मत आ गई। और उसके दिल मे आये शब्दो को उसने उसके सामने कह दिया।

प्रिया :- तो कब तक ये चलने वाला है ? और कब तक मै यहा से नही जा सकती ? मै पहले ही कह चुकी हु, मुझे उस रात के बारे मे कुछ नही पता।


अभय :- तुमने। contact ठीक से पढा नही क्या ? उसमे साफ साफ लिखा है, की मै जब तक तुमसे बोर नही हो जाऊ तब तक तुम्हे मेरे पास और मेरे साथ ही रहना है।

जब भी मै चाहू, और अब तुम मुझे चाहिए।



प्रिया का चेहरा गुस्से और शमॅ से भर गया। वो उस लडके से चाहती थी, उसे सवाल करना चाहती थी, की वही क्यू ? ? ? ? ?


पर उसे अभय की धमकी याद आते ही उसे शांत रहना सही समझा। वरना ये सनकी उसके साथ नजाने क्या करेगा।


अभय :- और अगर तुमने कोशिश की ना मुझे रोकने की तो दिक्कत तुम्हारे लिए ही बढेगी।

याद रखना।




प्रिया चुप चाप लेटी रही। अभय उसके कपडो को एक एक कर निकाल रहा था और उसे अब खींच आने लगी थी। क्योकी उसकी शटॅ के बटन बहुत सारे और टाइट थे। जो आसानी से खुल नही रहे थे।




अभय :- क्या है ये ? ? ? इतने बटन वाली ड्रेस। ( गुस्से मे )

प्रिया कुछ कहती उससे पहले . . . . . . . .

अभय :- आज के बाद तुम कोई भी ऐसी ड्रेस नही पहनोगी, जिसमे बटन होगे।
समझी तुम . . . . . . .।




अभय को किसी भी चीज मे टाइम वेस्ट करना पसंद नही था। भले ही वो चाहे कोई भी काम हो। प्रिया का पूरा चेहरा लाल हो गया था। कुछ शमॅ से तो कुछ गुस्से से।


प्रिया ने अब अपनी आंखे बंद कर ली। वो अपने साथ हो रहे बताॅव को अपनी आंखो से नही देख सकती थी। अभय ने उसे अपनी बाहो मे उठा लिया।

प्रिया को जैसे ही महसूस हुआ की वो अभय की बाहो मे है। तो उसने झटके से अपनी आंखे खोल दी।

प्रिया :- ये . . . . . . . ये क्या कर रहे है आप ? कहा लेजा रहे हो आप मुझे ?


अभय उसे बिना कुछ बोले बाथरूम मे ले गया। और बाथटब मे फैंक दिया।

अभय :- क्या तुम्हे सच मे याद नही है, की contract मे क्या लिखा है ? उसमे लिखा था ना की बेड पर जाने से पहले तुम्हे अच्छे से बाथ लेना है।

ताकि तुम तरह से साफ रहो। और बहारी चीजो की स्मैल तुम्हारे जिस्म पर ना रहे।


प्रिया का चेहरा एक बार फिर गुस्से लाल हो गया।

अभय :- अगर तुम्हे सच मे contract याद नही है तो कोई बात नही, अब ये जिम्मेदारी मेरी हुई। मै इस वक्त तुम्हे एक एक रुल अपने तरीके से बेड रोज याद दिलाया करुगा।

अब ठीक है !



प्रिया की आंखे हैरानी से चौडी हो गई।

प्रिया ( अपने मनमे ) :- क्या आदमी है ये ? क्या ऐसा भी कोई होता है ?


अचानक ही उसने देखा की अभय भी अपने कपडे निकाल रहा है।

प्रिया ( चिल्लाकर ) :- क्या ? क्या कर रहे हो ये ?

अभय ने प्रिया की तरफ ऐसे जैसे वो कोई पागल औरत हो।

अभय :- क्या तुम सच मे बेवकूफ हो ? या मेरे सामने बन रही हो। तुम्हे अच्छे से पता है की मै तुम्हारा मालिक हू तो जो मै चाहू वो तुमसे करवा सकता हू।

चाहे बेड पर हो या बहार तुम्हे मेरे हर रुल हर ओडॅर को मानना पडेगा।
इसलिए मै चाहता हू की तुम मुझे नहलाओ।



इस बार प्रिया का गुस्सा अपनी सीमा से पार हो गया। उसने अपनी मुठ्ठी ओको गुस्से से बंद कर लिया।

अभय ने अपने शूज और कपडे निकाले और सीधे बाथटब मे आ गया।



* * * * * * * * * * * * * * * *