Junoon Se Bhara Ishq - 33 books and stories free download online pdf in Hindi

Junoon Se Bhara Ishq - 33

Lalita ji ki jhoti kahani

मिस्टर माथुर की नजर आज प्रिया को असहज कर रही थी।

मिस्टर माथुर :- that's good miss mehara. अगर आप को कोई प्रोम्बेम ना हो तो क्या मै ये जान सकता हू की आपके घर मै क्या हुआ था ?

क्योकी मेरे बॉडीगार्ड्स ने बताया की जब आप बहार आई थी। तो ठीक नही लग रही थी। और आपके गालो पर भी कुछ निशान थे। इस एवरी थिंग इस ओल राइट क्योकी अगर नही है तो यू केन टेल मी। यू विल हैंडल इस टाउ।

प्रिया ने जैसे ही ये सुना तो वो सब याद कर उसका दिल कड़वाहट से भर गया। पर फिर भी वो जानती थी की अगर उसने इन्हे कुछ भी बताया तो ये जाकर सीधे ही उस अभय को बता देगे।

पर उसके परिवार के लिए एक नई मुसीबत खडी हो जायेगी। भले उसका उस परिवार से कोई रिश्ता नही बचा था अब। पर फिर भी वो उसकी वजह से उन्हे तकलीफ हुई तो उसे अच्छा नही लगेगा।

वो किसी को कुछ नही कहेगी। और अपनी जॉब कर पैसे कमायेगी और उन्हे भेजेगी। उनकी अब तक उस पर खचॅ करने की कीमत समज कर जो भी हो वो उन्हे किसी भी सिचुयेशन मे फसने नही देगी।

जो उनके लिए मुश्किल पैदा करे। प्रिया ने हल्के सर को ना मे हिला दिया।

प्रिया :- amm . . . . . . Nothing serious. और जैसा आप सोच रहे है वैसा कुछ भी नही हुआ बस बहार बारिश ज्यादा थी और रोड भी स्लीपर थी। जिस वजह से गिर गई और चेहरे पर चोट लग गई।

मिस्टर माथुर :- सच मे !

प्रिया :- हा ! बिल्कुल ! वैसे थैंक यू वेरी मच ! जो भी आपने मेरे लिए किया। मै जानती हू आप कभी मेरा बुरा नही सोचेगे।

बल्कि मेरी काफी फिक्र करते है। और ये ऐसा है की मै आपकी मदद और फिक्र को बया नही कर सकती।

मिस्टर माथुर उसकी बात का मतलब समज रहे थे। उन्होने कई लडकिया देखी थी। पर प्रिया उन सब से अलग थी। बहुत शांत और साफ दिल की। वो जानते थे की उस जैसी लडकी अभय जैसे इंसान को आगे चलकर सिचुयेशन को बहुत कॉम्लिकेटेड होने वाली है। मिस्टर माथुर ने कहा।

मिस्टर माथुर :- ओके ! अगर ये बात है तो मै अब कुछ नही पूछूगा आगे। अगर कही जाना है तो कल चली जाइऐगा। मै ड्राइवर से कह दुंगा वो आपको ले जाइऐगा।

अब आप आराम किजिए। चलता हू।

मिस्टर माथुर पलटकर जाने के लिए आगे बढ गये। तभी प्रिया ने उन्हे टोका।

प्रिया :- एक मिनिट मिस्टर माथुर !

मिस्टर माथुर :- जी !

प्रिया :- वो आप प्लिस मिस्टर राठौर को ये सब मत बताइगा मै बिल्कुल ठीक हू।

मै नही चाहती की किसी भी वजह से जैनी सोफी या कोई और सफर करे।

मिस्टर माथुर :- ओल राइट !

मिस्टर माथुर के जाने बाद प्रिया ने एक लंबी सांस ली। और एक फिर उसके चेहरे पर ददॅ और कड़वाहट से भरी मुस्कान आ गई।

वही बहार जाते ही मिस्टर माथुर का फोन रींग हुआ।

मिस्टर माथुर ने कहा :- हम्म्म्म !

सामने से एक आदमी ने कहा :- आपने आज मेहरा फैमिली मे क्या हुआ ये पता लगाने को कहा था। मै ने वहा के सवेॅट से कुछ पता किया।

जब कुछ देर पहले मिस मेहरा यहा आई थी। तो उनकी मां ने उसे बहुत बेइज्जत किया था। और उन्हे थप्पड भी मारे थे।

यहा तक की उन पर फैमिली की रेपुटेशन मिट्टी मे मिलाने के इल्ज़ाम भी लगाये गये।

और उनसे उस परिवार से सारे रिश्ते तोडने के लिए कहा गया।

उसके बाद उन्हे धक्के मार कर घर से निकाल दिया गया।

उनके जाते ही उनके सामान को भी घर के बहार फैक दिया गया और शायद वो कुछ काम आ सकता था आपके इसलिए मै ने उन्हे रखवा दिया गया है।

मिस्टर माथुर ये सुन हैरान हो गये। कैसी फैमिली थी ये इतने बेवकूफ ! क्या उन्हे नही पता है की उन्होने कितनी बडी गलती की है। मिस्टर राठौर से जुडा हर आदमी भले ही चाहे उनसे छोटा ही क्योना हो रहेता भी वो लग्ज्यूरी तरीके से है।

और उन्होने तो उनकी वुमेन के साथ ऐसा किया है। खैर वो ये भी जानता था की ये रिश्ता तो ज्यादा दिन को तो है नही और प्रिया ने उसे नही बताया मतलब वो नही चाहती होगी की उसकी फैमिली को किसी भी तरीके की परेशानी से सामना करना पडे।

मिस्टर माथुर :- ओके, थैंक यू ! और उस सामान का ध्यान रखना।

आदमी :- ओके, सर !

वही जय और निशा कुछ दिन के लिए घूमने गये थे। जो आज ही वापस आये थे। उनके आने के बाद ललिता जी ने बहुत ही फैमिलियर तरीके से जय का वेलकम किया और काफी खातिर दारी भी की।

ललिता जी को जय को देख खुशी होती थी। क्योकी वो एक तो बहुत अमीर था। दूसरा अब वो उनका दामाद बनने वाला था। उसकी बेटी बहुत बडा जो हाथ मारा था।जय कॉफी पी रहा था।

जय :- पीयू कहा है ? काफी दिनो से वो दिखी नही वो।

उसका ये पूछना निशा को पसंद नही आया। जो उसकी आंखो से साफ दिख गया। पर उसने तुरंत अपने भावो को छुपा लिया। जय को प्रिया के बारे मे पूछना ललिता जी को भी पसंद नही आया।

कहा वो उस लडकी को उन सबकी जिंदगी से निकाल चुकी थी। और जय उसके बारे मे पूछ रहा था। उनके दिमाग मे प्रिया की इमेज अच्छी नही थी। उन्हे लगता था प्रिया सिफॅ मदों को ललचाने का काम करती है।

यहा तक की उसकी नजर जय पर भी है। इसलिए उन्होने हमेशा हमेशा के लिए उसे घर से बहार फैक दिया। वो नही चाहती थी की कोई भी उन्हे गलत कहे। इसलिए उन्होने अपनी आंखो से जूठे आंसु बहाना शुरु कर दिया। और रुमाल से उन्हे पौछने का नाटक करने लगी।

ललिता :- अब क्या बताऊ बेटा ! उस लडकी का नाम ही ना लो तो अच्छा है। मै तो कभी सोच भी नही सकती थी जया।

की मेरी एक बेटी ऐसी निकलेगी वो काफी दिनो से आज तक घर ही नही आई थी।

जैसे तैसे आज आई तो पता चला की वो इतने वक्त से अपने बॉयफ्रेंड के साथ रह रही थी।

तुम बताओ क्या ये सही था ? मै ने उसे समझाने की कोशिश की तो उसने कहा की वो इस घर से सारे रिश्ते तोड कर जा रही है।

और वो चली गई। ये कह कर की वो वापस लौट कर कभी नही आऐगी।

मै तुम्हे नही बता सकती की मुझे कैसा लग रहा है।

निशा ये सब पहले ही जानती थी। उसे पता चला था की उसकी मां ने उसकी बहन को घर से धक्के मार कर निकाल दिया है। पर वो जय के सामने वो भी नाटक करने लगी।

निशा :- क्या कह रही है आप मॉम ? क्या सच मे उसने ऐसा किया ? मुझे तो पता ही नही था की यहा ये सब चल रहा है।

वही जय ये सब सुन चौंक गया। प्रिया ऐसा कुछ कर सकती है। उसके लिए विश्वास करना मुश्किल था। वो ऐसी लडकी नही थी। बल्कि वो बाकी लडको से दूर ही रहती थी। यार ! उसका बॉयफ्रेंड कैसे हो सकता था। और अपने परिवार से सारे रिश्ते भी तोड दिये।

Impossible! वो तो बहुत सीधी सादी लडकी है। वो उसे बचपन से जानता है। यहा तक की वो अगर किसी भी भाग वाली जगह पर जाती तो 10 मिनिट से ज्यादा रुक ही नही पाती थी।

उसे भीड भाड वाली जगह से घबराहट हो जाती थी। उसे हमेशा से ही अकेला रहना ही पसंद था। सबसे मासूम और शांत रहने वाली लडकी ये सब कर सकती थी।

नही वो ये बिलिव नही कर सकता।



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