Saat fere Hum tere - 51 books and stories free download online pdf in Hindi

सात फेरे हम तेरे - भाग 51

फिर सब ऊपर आकर फ्रेश होकर बैठ गए।
विक्की ने कहा दीदी कैसा लगा?
माया ने कहा अरे भाई तू तो कमाल कर दिया। इतने कम समय में इतनी सारी खुशियां दे दिया तूने।
विक्की ने कहा हां ठीक है अब हम शनिवार और रविवार कानपुर की सैर करेंगे। फिर मजा आएगा।
नैना ने कहा हां अब तो तुम्हारी सैम भी आने वाली है।
विक्की ने कहा सारा मुड खराब कर दिया।
माया ने कहा चल नैना छत से सारे पापड़ ले आएं।
नैना ने कहा हां ठीक है फिर दोनों जाकर सारे पापड़ ले कर बालकनी में रख दिया।
फिर सब मिलकर चाय पीने लगे। विक्की ने कहा दीदी रात को डिनर में डबल रोटी और मक्खन दे दिजियेगा।
माया ने कहा अरे क्यों तुम ये सब क्यों। विक्की ने कहा अरे दीदी कभी कभी चलता है।

फिर रात को डिनर में डबल रोल और मक्खन और जैम खा कर सो गए।

नैना पुरी रात करवटें बदलते हुए सो गई।

सुबह जल्दी उठकर तैयार हो कर दोनों स्कूल भी चली गई।कल से होली की छुट्टी।
फिर दोपहर को नैना स्कूल से आकर देखा तो विक्की किचन में था।
नैना ने कहा अरे कुछ चाहिए क्या? विक्की ने कहा हां तुम्हें।
नैना ने कहा क्या? विक्की ने कहा अरे बाबा मुझे जो चाहिए तुम दे सकती हो?
नैना ने कहा हां अगर मैं बस में होगा।
विक्की ने कहा अरे जाने दो।
नैना ने कहा हां ठीक है।
फिर विक्की टेबल पर खाना लगा कर नैना का इंतजार करने लगा।
विक्की ने कहा आज होलिका दहन है ना।
नैना ने कहा हां है तो।
विक्की ने कहा हम चलेंगे। फिर वहां से आईसक्रीम खाने चलेंगे।
नैना ने कहा हां ठीक है।
फिर विक्की ने नैना की तरफ देखा तो नैना अपनी आंख बंद कर दिया।
विक्की ने कहा क्या इतना बुरा हुं मैं।
नैना ने कहा नहीं बुरी तो मैं हुं कोई भी खुशी मुझे रास नहीं आती है। निलेश ने कई सारे सपने दिखाए थे पर पुरे तुमने किए।
विक्की ने कहा क्या मैं एक गुस्ताखी कर सकता हूं कल।
नैना ने कहा क्या?
विक्की ने कहा मैं तुम्हें वो सारे रंग देना चाहता हूं जिसमें तुम्हारा हक है।
नैना ने कहा हां,पर सैम का क्या।
विक्की ने कहा वो तो बस,
नैना ने कहा देखो जिसके साथ किस्मत ने गन्दा खेल खेला हो तुम उसके साथ क्या होली खेलोगे।
ये कह कर नैना अन्दर चली गई और फिर दरवाजा बंद कर दिया।
विक्की ने दरवाजा खटखटाया और बोला कि खाने पर गुस्सा क्यों।


नैना ने कहा प्लीज़ मुझे कुछ देर के लिए अकेला छोड़ दिजिए।।
विक्की ने कहा अच्छा ठीक है मुझे बाहर आ जाओ।
नैना ने कुछ देर बाद दरवाजा खोला और देखा कि विक्की भी बिना कुछ खाए बैठा था।
नैना ने कहा अरे बाबा आप की थाली तो वैसे की वैसे ही है। विक्की ने कहा हां नहीं तो भुख ही मर गया है। नैना ने कहा अच्छा ठीक है आइए खाना खा लिजिए वरना माया दी मेरे ऊपर नाराज हो जाएंगी।

विक्की ने कहा एक शर्त पर खा लूंगा। अगर तुम मुझे खिला दो।
नैना ने कहा अरे बच्चों की तरह शैतानी करते हो ये क्या जिद है।
विक्की ने कहा हां ठीक है जाओ।
नैना अपनी जगह से उठ कर विक्की के करीब गई और एक कौर रोटी खिला दिया।
विक्की ने कहा क्या स्वाद है खाने में।
नैना कुछ भी नहीं बोली और दुबारा एक चम्मच से चावल दाल भाजी मिक्स करके खिलाने लगी।
विक्की ने कहा प्लीज़ मुझे अपने हाथों से खिलाओ ना।
नैना ने कहा ओह मेरी बला से।
विक्की ने नैना का हाथ अपनी तरफ खींचा और फिर नैना पुरी तरह से विक्की के बाहों में जाकर गिर गई।
और फिर विक्की ने नैना के बालों को खोल दिया। नैना ने कहा ओह विक्की अब ये कैसी शरारत है। विक्की एक दम मस्त डायलाग देने वाला था कि डोर बेल बजा।
नैना किसी तरह से खुद को छुडा कर दरवाजा खोलने गई।
देखा तो माया खड़ी थी।
माया ने कहा अरे नैना इतनी हाफ क्यों रही हो।
नैना ने कहा कुछ नहीं हम खाना खा रहे थे तो दौड़ कर आ गई।
विक्की ने कहा ओह दीदी आओ देखो मैं ने सब कुछ बनाया है।
माया ने कहा हां ठीक है चलो मैं आती हूं अभी।पर तुम दोनों झगड़ा कर रहे थे क्या?
विक्की ने कहा हां दीदी देखो ना। बहुत। नैना ने कहा अरे वाह।
माया अन्दर चली गई।
नैना ने कहा अरे तुम दीदी को झुठ क्यों बोले?
विक्की ने कहा अच्छा जी।
फिर माया आ गई और फिर सब खाना खाने लगे।
विक्की ने कहा दीदी रात को होलिका दहन में जाना होगा। फिर हम आइसक्रीम पार्लर जाएंगे।
माया ने कहा हां ज़रूर अब हमारी गाड़ी आ गई है।
फिर कुछ देर तक आराम कर लिया।
फिर शाम को माया ने गुजिया और आलू चिप्स बनाया।
फिर चाय पीने के बाद सब तैयार हो गए।

फिर माया ने पुजा की थाली भी सजा लिया।
फिर तीनों ही नीचे पहुंच गए। सोसायटी के अध्यक्ष और बाकी, सारे लोग पहुंचे थे।
सबने मिलकर होलिका दहन किया। पुजा करने के बाद सब ने एक दूसरे को गुलाल से टीका किया और फिर होली मुबारक हो बोलें।

कुछ देर बाद ही बिमल और अतुल भी आ गए।
विक्की ने कहा बस दोनों की कमी थी चलो अब चलते हैं।
नैना ने विक्की को गुलाल नहीं लगाईं।
पर बिमल और अतुल को हर साल की तरह इस बार भी अबीर लगा दिया।
उधर विक्की को भी समझ नहीं आ रहा कि वो नैना को गुलाल कैसे लगाएं।
फिर विक्की ने गाड़ी निकाल लिया और फिर सब बैठ गए। अतुल आगे बैठा था।
फिर सब खाने की बात करते हुए जा रहे थे।
विक्की ने कहा दीदी सागर जी कल आ रहें हैं।
हम जा रहे हैं माॅल रोड स्थित प्रकृति स्कुप ।
माया ने कहा हां मैंने सुना है बस आज जा रहे हैं।
अतुल ने कहा हां वहां पर बहुत अच्छे अच्छे आइसक्रीम है।
फिर गाड़ी एक दम हवा में चल रही थी।

विक्की ने एक गाना भी लगा दिया क्यों मचलता है मन तुम जानो ना हम।।

वाह वाह क्या बात है।
कुछ देर बाद ही हम वहां पहुंचे।

सब जाकर बैठ गए। विक्की ने कहा मैं सबकी पसंद के हिसाब से देता हूं।
विक्की सबसे पहले माया के लिए उसके पसंद का रोयल फालूदा लाकर दिया। माया एक दम से खुश हो गई।
फिर नैना के लिए उसकी पसंद का हाॅट चाकलेट फगेड लेकर आ गए।
नैना भी चौंक गई।
फिर अतुल और बिमल को उनकी पसंद का केशर कुल्फी फालूदा।। विक्की ने कहा क्यों कैसा रहा।
माया ने कहा वाह क्या बात है।
विक्की ने कहा अब मेरी बारी है ब्राउनी शेक।।
फिर सब खाना खाने लगे।
बिमल और अतुल ने और आइसक्रीम खाई।।।

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क्रमशः