EK KAHANI AISI BHI - 3 books and stories free download online pdf in Hindi

एक कहानी ऐसी भी - भाग 3

आगे  अपने  देखा की  किस  तरह  अनुज  को  काले  जादू  के  जाल  मे  फसाया  जाता  है |

जब  वो  घर  पहुचता  है  तब  सब  को  लगता  है  की  सब कुछ  ठीक  हो  गया |

पर  ये  उनकी  गलतफहमी  थी  |

जैसे  ही  अनुज  डिनर  करके  खड़ा  होता  है  , वो  धम  से  गिर  जाता  है  |

ओर  उसे  काले  खून  की  उलटी  होती  है  |

सब  उसे  अस्पताल  ले  जाते  है  |

 

अब  आगे  |

अस्पताल  के  बाहर  कोई  फोन  पे  बात  कर  रहा  है |

जीतने  भी  पैसे  हो  सब  के  सब  लगा  दूंगा  पर  मेरे  बच्चे  को  कुछ  नहीं  होने  दूंगा  |

ये  अनुज के  पिताजी  राकेश  मिश्रा  जि  की  आवाज  थी  |

तो  दुशरी  ओर  उसका  बड़ा  भाई  अस्पताल  की  भागड़ोद  मे  लगा  है  |

उसकी  मम्मी  से  अनुज  की  हालत  देखि  नहीं  गई  ओर  वो  घर  पर  ही  बेहोस  हो  गई |

सोनल  भाभी  भी  मा  के  पास  वही  घर  पर  ही  ठहर  गई  |

परी  ओर  प्रिया  दोनों  सुबह  ही  नानी  के  घर  गए  थे  क्योंकि  प्रिया  का  भाई  सामान  खरीद ने  सहेर  आया  था  |

तो  सोचा  की  बहन  से  मिलकर  चला  जाउगा  |

पर  परी  ने  नानी  के  घर  जाने  की  जिद  की  तो  किसिने  नहीं  रोका |

तो  वो  दोनों  सुबह  ही  आने  वाले  थे  |

 

इधर  हालत  कंडीसन  से  बाहर  हो  रहे  थे  |

क्यों  की  खून  पूरा  काला  पड़  चुका  था  |

डॉक्टरों  को  भी  समज  नहीं  आ  रहा  था  की  ये  रोग  क्या  है  |

फिर  भी  डॉक्टर  ने  पूरी  कोशिस  की  |

हा  थोड़ा  बहुत  आराम  भी  था  क्योंकि  उल्टीया  बंध  हो  गई  थी  |

पर  खून अभी  भी  काला  था |

थोड़ी  देर  बाद  डॉक्टर  ने  उसे  घेन  का  इंजेकसन  दे  दिया  जिसकी  वजह  से  वो  सो  रहा  था  |

 

बाद  मे  डॉक्टर  ने  राकेश  ओर  प्रेम  को  बुलाकर  बोला  |

ये  बात  बहुत  गंभीर  है  ओर  उतनी  ही  जटिल  |

मैंने  अपने  पूरे  करियर  मे  ऐसा  केस  पहेली  बार  देख  रहा  हु |

जहा  पर  पेसन्ट  मे  कोई  बीमारी  नहीं  है  फिर  भी  पूरा  खून  काला  पद  गया  है  |

ये  बीमारी  हमारी  समज  से  परे  है  |

इसमे  हमारा  अस्पताल  कुछ  नहीं  कर  सकता  |

 

आम  तौर  पर  ऐसा  तब  होता  है  |

जब  खून  कुछ  मिल  जाए  या  फिर  किसी  जंकफूड  की  वजह  से  खून  मे  इंफेकसन  हो  जाए  |

पर  यहा  ऐसा  कुछ  भी  नहीं  |

ऑल  रिपोर्ट्स  आर  नॉर्मल  |

 

आज  की  रात  हम  इसे  अंडर  ऑबसर्वेसन   के  लिए  रखेंगे  |

कल  सुबह  दुबारा  रिपोर्ट  के बाद  आप  उसे  घर  ले  जा  सकते  है |

 

फिर  थोड़ी  देर  बाद  राकेश  जि  घर  पर  गए  क्योंकि  |

घर  पर  रीना  जि  ओर  सोनल  अकेले  थे  |

 

वो  घर  पहुचे  ओर  राकेश  ने   रीना  जि  ओर  सोनल  को  सब  कुछ  बताया  |

डॉक्टर  की  बाते  कहते  हुए  राकेश  जि  ओर  सुनते  हुए  रीना  जि  एकदम  अंदर  से  टूट  चुके  |

जैसे  ठीक  कुछ  साल पहले  सुनैना  के  मा - बाप  टूट  चुके  थे  |

लगता  था  सरुआत  हो  चुकी  है  |

उसने  अपना  पहेला  दाव  खेल  लिया  |

अब  आगे  क्या  होगा  जानने  के  लिए  पढे  |

एक  कहानी  ऐसी  भी  - भाग - ४