EK KAHANI AISI BHI - 5 books and stories free download online pdf in Hindi

एक कहानी ऐसी भी - भाग 5

अगले  भाग  मे  हमने  देखा  की  |

किस  तरह  अनुज  का  परिवार  काले  जादू  से  लड़  रहा  है  |

ओर  हर  बार  रात  मे  ही  कुछ  घटना  ए  घटती  है  |

क्या  अनुज  का  परिवार  ऐसे  ही  सब  सहेता  रहेगा  |

या  कोई  आएगा  इन्हे  बचाने  |

 

अब  आगे  |

 

अनुज  को  इमर्जनसी  अस्पताल  ले  जाया  गया  |

सब  हेरान  थे  की  |

आखिर  ये  क्या  हो  रहा  है  |

तब  ही  डॉक्टर  आए  ओर  बोले  |

सॉरी  मी .  राकेश  आपका  लड़का  कोमा  मे  चला  गया  है  |

अब  हमारी  कोई  ट्रीटमेंट  का  उनपे  कोई  असर  नहीं  होगा  |

 

आप  सब  लोग  अब  घर  जा  सकते  यहा  पे  रुकने  का  कोई  फायदा  नहीं  है  |

राकेश  जि  ने  डॉक्टर  से  पूछा  की  वो  कब तक  कोमा  से  बाहर  आएगा  |

डॉक्टर  ने  प्रत्युतर  दिया  अभी  तो  कुछ  भी  नहीं  कहा  जा  सकता  |

 

एक दिन  , एक  माह  , एक  साल  या  फिर  कभी  नहीं  |

ये  सुनकर  पूरा  परिवार  रोने  लगा  |

अब हालत  गंभीर  थे  इस  लिए  सबको  घर  पर  छोड़  के  |

राकेश  जि  ओर  प्रेम  ने  वापस  अस्पताल  आने का  निर्णय  लिया  |

 

सबको  छोड़  के  राकेश  जि  ओर  प्रेम  वापस  आ  रहे  थे  |

तभी  सामने  उनकी  कार  के  आगे  बुढ़िया  आ  गई  |

प्रेम ने  उसे  बुढ़िया  को डाटा  फिर  राकेश  जि  के  समजाने  पर  वो  लोग  वापस  चलने  लगे |

तभी  उस  बुढ़िया  ने  बोला  काला  जादू  | इतना  सुनते  ही  वो  दोनों  ठहर  गए  |

 

बुढ़िया  फिर  से  बोली  काला  जादू  किया  है  | तेरे  लड़के  पर  |

सिर्फ  सात  दिन है  | तेरे  पास  |

आठवे  दिन वो  उसे  अपनी  दुनिया  मे  रख लेगी  |

जन्मों  जन्म  के  लिए  |

ये  सब  सुनकर  वो  दोनों  उस  बुढ़िया  के  पास  गए  |

ओर  उनसे सब  पूछा  की  आपको  कैसे  पता  ये  सब  |

 

तब  उसने  बोला  सुनैना  को  तो  जानते  होंगे  तुम  लोगे  |

तुम्हारी  वजह  से  उनके  मा -बाप  ने  खुद खुशी  की  थी |

उसी  बात  का  वो  बदला  ले  रही  है  |

 

आप  कोन  हो  |

मे  मायावती  उसकी  गुरु  |

तो  आप  उसे  रोकती  क्यों  नहीं  |राकेश  जि  ने कहा  |

वो  जिंदा  हो  तो  उसे  रोकू  |

 

वो  मर  गई  पर  कैसे  |

आज  से  ठीक  नो  महीने  पहले  जब  मुजे  पता  चला  की  उसके  काले  जादू  सीखने  के  पीछे 

बदले  की  भावना  है  तो  मैंने  उसे  निकाल  दिया  |

सरीर  के  साथ  उसकी  शक्तीया  सीमित  थी  |

इस लिए  उसने  सरीर  को  त्याग  कर  जला  दिया  |

 

ओर  वो  अब  बहुत  शक्तिशाली  है  |

उसे  रोकना  मुमकिन  ही  नहीं  नामुमकिन  है  |

 

मा  क्या  अब  इसे  कोई  नहीं  रोक  शकता  |

रोक  शकता  है  एक  ऐसा  इंसान  है  |

जिस  पर  खुदा  का  भी  हाथ  है  ओर  मेरा  भी  |

मेरा  अपना  बेटा  अभिमन्यु  |

 

यहा  से  बहुत  दूर  | ओर  उसकी  अपनी  दुनिया  मे  खोया  हुआ  |

जो  उसके  सारे  चक्रव्यूह  को  तोड़  शकता  है  |

ओर  अनुज  को  उसकी  दुनिया  से  वापस  ला  शकता  है  |

हा  सिर्फ  वही  है  | जो  इस  पूरे  कहानी  का  अंत ला  शकता  है  |