Huaang Chaau ki Beti - 7 books and stories free download online pdf in Hindi

हुआंग चाउ की बेटी - 7

हुआंग चाउ की बेटी

7 - झड़प की आवाज़

डिटेक्टिव डरहम, जब वहां पड़ा उस जगह के ख़ास इतर को सूंघ रहा था, जान गया कि उसने खुद को आधिकारिक सुरक्षा के दायरे से बाहर कर दिया है और वह तकनिकी रूप से चोर बन गया था।

उसने सोचा कि क्या चीफ इंस्पेक्टर केरी उसकी इन हरकतों का समर्थन करेगा, पर उसने जांच की यह योजना खुद ही बनायी थी और वह जानता था कि यदि उसे सफलता मिली तो उसके हर तरीके को सही माना जाएगा। दूसरी तरफ, पकडे जाने पर ऐसे व्यवहार के परिणाम भुगतने के लिए उसे तैयार रहना होगा। हालांकि, वह यह भी अच्छी तरह जानता कि उसके मशहूर वरिष्ठ ने तरक्की ऐसे ही अजीब तरीके अपनाकर पायी थी और वह जानता था कि यदि उसे कोहेन और चीनी पी लंग की मौत का प्रमाण मिल गया तो, उसी रास्ते पर चले हुए उसके हासिल के तरीकों के बारे में ज्यादा सवाल नहीं करेंगे।

वह महत्वाकांक्षी था और लगातार बड़े जोखिम लेता था। चुप्पी बनी रही और वह दीवान पर बैठा तथा उसने टॉर्च का बटन फिर दबाया, जिससे निकली रौशनी कमरे को और उस जगह की परछाइयों को चीरने लगी। उसने सोचा कि अब वह उसी स्थिति में था जिस स्थिति में कोहेन अपने जीवन के अंतिम पलों में था और मनहूसियत के अहसास ने उसे जकड लिया।

जैसे ही उसने पोलैंड की अप्राकृतिक चीखों के बारे में सोचा, एक अजीब अंत:प्रेरणा ने उसे दीवान से अपने पैर मोड़ने को प्रेरित किया, जैसे एक गुप्त खतरा फर्श पर कई कालीनों और गलीचों के बीच रेंग रहा हो।

उसे अब उस योजना की पुनर्रचना करनी थी जो अमेरिकी बदमाश ने अपनाई थी। पोलैंड को यकीन था कि कोहेन को पता था कि हुआंग चाउ का कथित खज़ाना कहाँ छिपा था।

डरहम ने जगह की जांच शुरू की। उसने सोचा कि इसकी संभावना नहीं ही थी कि एक चालाक बूढा चीनी, यदि मान लिया जाए कि उसके पास छिपा खजाना था, उसे ऐसी आसानी से पहुँच सकने वाली जगह पर रखेगा। इसकी ज्यादा सम्भावना थी कि ऊपर के कमरे में उसके पास कोई फायरप्रूफ तिजोरी थी, शायद दीवार में बनी हुई। इसके बावजूद, पोलैंड के कहे अनुसार, डायमंड फ्रेड की मौत इसी कमरे में हुई थी और न किसी अन्य कमरे में।

पर्दों पर डरहम का पहला ध्यान गया। उसने उन्हें सलीके से एक और हटाया, एक एक कर, कोई छिपी जगह ढूँढने के लिहाज़ से पर उसे नहीं मिली। बाहरी कार्यालय से जुड़ने वाले दरवाज़े पर ताला लगा था, पर उसे एक पल के लिए भी नहीं लगा कि कार्यालय को देखना चाहिए।

आभूषण जडित हथियारों, जवाहरों से भरी पेटियां और प्याले थे पर इनमें से किसीसे छेड़छाड़ नहीं की गयी लगती थी और सभी तालाबंद थे जैसी कि इतर की बोतलों से भरी बड़ी कैबिनेट।

जगह के कई बड़े सामानों में खाने और अलमारियां तिन और उसने एक के बाद एक सलीके से खोले पर उसे कुछ नहीं मिला। कुछ अलमारियों में टूटी क्राकरी और एक या दूसरी तरह के क्षतिग्रस्त वस्तुएं थीं पर ऐसा कुछ नहीं था जो उसकी तलाश में मदद का क्लू देता।

उसने उस आसन की भी जांच की जिस पर हुआंग चाउ बैठा था जब वह उससे मिला था और हालांकि उसने वैज्ञानिक तरीके से उसको खंगाला पर उसे कुछ नहीं मिला।

एक बहुत खराब और बदमज़ा गंध उस समय कमरे में किसी जगह से आ रही थी और उसने खुद को चौड़ी कालीन लगी सीढ़ियों की तरफ घूरते हुए पाया। इसके बाद उसने अपना ध्यान लाख के ताबूत पर केन्द्रित किया जो आसन से लगी जगह पर था। यह असाधारण सुंदर कलाकारी दर्शा रहा था और शायद बहुत कीमती था।

ढक्कन पर स्क्रू लगा हुआ था और डरहम उसे घूरते खड़ा था थोडा आंदोलित और थोडा उत्तेजित सा। उसे इसे खोलने का कोई साधन नहीं मिल रहा था, हालांकि जब उसने उसे हिलाना चाहा तो पाया कि वह काफी भारी था। उसने निष्कर्ष निकला कि सभी लाये-ले जा सकने वाले कीमती सामान पेटियों अथवा कैबिनेट में तालाबंद थे। और इस खोज से उसे एक विचार आया।

इत्तर की बोतलों वाली पेटी दीवार से काफी सटी थी और वह अपने विचार पर अमल नहीं कर पा रहा था पर कार्यालय के दरवाज़े के पास एक चौकोर पेटी जिसमें चीनी मिटटी के छः में से पांच छोटे पर अमूल्य मर्तबान थे, उसे वह क्लू दे गए जिसकी उसे तलाश थी।

एक पतली इलेक्ट्रिक तार पेटी के अन्दर कहीं से निकल रही थी और कुर्सी के एक पैर तक गयीं और फर्श में सफाई से ड्रिल किये एक सुराख के ज़रिये डाली गयी थी।

"चोर घंटी!" वह बुदबुदाया।

इस पेटी को या किसी भी और चीज़ को खोलने से घंटी बज उठेगी। यह महत्वपूर्ण खोज नहीं थी, पर यह उसे उसके ज़ेहन में चल रही मुख्य समस्या के हल के थोडा करीब ले आई। यह मान लें कि कोहेन ने किसी एक पेटी को खोला था और बूढ़े हुआंग चाउ को सतर्क किया था, तो उसने ऐसे क्या कदम उठाये कि घुसपैंठिये की ऐसी बुरी मौत हुई? और उसने लाश से कैसे छुटकारा पाया?

डरहम कुछ पल वहां सोचने और कांच में से नीचे चीनी मिटटी के बर्तनों को देखता रहा, एक मद्धिम आवाज़ ने शान्ति भंग की। इससे उसे एक और विचार आया। फर्श का एक हिस्सा पत्थर का था, पर एक लकड़ी का।

लकड़ी वाले एक हिस्से पर कोई कालीन नहीं था, डरहम लेट गया और अपना कान उसने फर्श से लगा दिया।

नीचे किसी जगह से कुछ सरसराने और हिलने की आवाज़ आ रही थी।

"आह!" वह बुदबुदाया।

यह याद आते ही कि वह जगह लगभग थेम्स के एक सिरे पर थी उसने अंदाज़ा लगाया कि तहखानों में हाई टाइड के समय पानी भर जाता था या फिर वहां कोई नाला या नाली थी जो घर के नीचे से बह रही थी।

वह फिर उठ खड़ा हुआ, इमारत से आ रही आवाज़ सुनने की कोशिश करने लगा। उसे लगा कि उसे कुछ मिला और अब जैसे वह सतर्क हुआ उसने वह फिर सुना, किसी झड़प जैसी आवाज़ जो चूहों या चुहियों की थी पर और ध्यानं से सुनने पर चूहों की हरकत नहीं लग रही थी।

जैसे उसने समझा यह थम सी गयी और वह सोचने पर मजबूर हो गया तथा अपने आसपास के माहौल के आकस्मिक खतरे को लेकर सजग हो गया। वह सोचने लगा कि इस रहस्यमयी घर के किस हिस्से में लाला रहती होगी और यह महसूस करते ही कि उसके वहां से जाने के बाद भी उसकी मौजूदगी की चुगली करते संकेत रह जायेंगे, उसने अपनी जांच को जितना ज्यादा समय संभव हो सके जारी रखने का फैसला किया क्योंकि दूसरा मौका तो मिलने वाला नहीं था।

वह हैरान था पर उसे उम्मीद भी थी। उस जगह की गंध में ऐसा कुछ था जो उसे हतोत्साहित कर रहा था, या फिर वहां की चूप्पी में जो ध्यान से सुनें तो पानी के टपकने की आवाज़ से टूटती थी।

अस्पष्ट झड़प की आवाज़ भी जो समझने या पहचानने में वह विफल रहा था उसके ज़ेहन में फँसी रही और पता नहीं क्यों उसमें भय के तत्व थे।

उसने कमरा पार किया और धीरे-धीरे सीढियां चढ़ने लगा। वह हलके से चरमराई और ऊपर दरवाज़ा आधा खुला था। वह अन्दर गया पर उसे जगह खाली गया। यह टिपिकल चीनी अपार्टमेंट था, जिसमें बहुत कम फर्नीचर था, डेस्क सबसे दर्शनीय वस्तु और एक छोटा पूजाघर जिसका मुख कमरे की दूसरी ओर था।

वह डेस्क तक पहुंचा और उस पर पड़े कागजों को देखने लगा। सभी पर जो लिखा था, चीनी में ही था। एक बड़ा सा, सफ़ेद ब्लॉटिंग पैड टेबल पर पड़ा था पर उसकी सतह कोमल और चमकीली थी।

इसके ऊपर छत से एक लैंपशेड जैसा कुछ लटक रहा था, पर जांचने पर पता चला कि उसमें कोई बल्ब नहीं था, बल्कि यह एक तरह का चोंगा था, सम्प्रेषण के लिए।

इस ईजाद को डरहम ने काफी देर और उत्सुकता से देखा पर इसके उद्देश्य के बारे में किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा। उसने और तफ्तीश की होती थी पर वह कमरे में अपने पीछे आ रही धीमी और नियमित आवाज़ से सतर्क हो गया।

वह एक झटके से मुड़ा, और उन दो पर्दों की दिशा में देखने लगा जो जैसे एक दरवाज़े पर लहरा रहे थे।

वह दबे पाँव वहां पंहुचा और उसने परदे हटाये।

उसने छोटे से, कक्ष जैसे कमरे में देखा, जिसमें रौशनी एक खिड़की से आ रही थी, जहाँ एक नीचे बिस्तर पर हुआंग चाउ शांति से सो रहा था!

डरहम ने लगभग अपनी सांस रोक ली और चुपचाप जैसे वह आया था, वह सीढ़ियों से उतरा। नीचे उसका ध्यान फिर झड़प जैसी आवाज़ पर गया। यह अचानक जैसे शुरू हुई थी वैसे ही थम गयी, और वह आश्चर्य में पड़ गया और आशंका से कांप भी उठा।

वह पहले ही जाने की योजना बना चूका था, पर वह जानता था, कुछ प्रमाण ज़रूर छूटेंगे जो उसके वहां आगमन की चुगली करेंगे।

दीवान के पास एक बड़ा और मज़बूत टेबल था और उसे उसे जाली के नीचे लगाया। उस पर उसने तेंदुए की एक खाल लगायी ताकि आवाज़ न हो। उसके बाद उस खाल पर उसने एक कुर्सी रखी। अपनी टॉर्च जेब में रखी और छत पर चढ़ा। सूए की मदद से जाली फिर बंद कर उसने सुआ हटाया और जेब में रखा।

फिर ढलान वाली छत से धीरे-धीरे नीचे उतारकर वह वापस वीरान प्रांगण में कूदा।

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