Rewind Jindagi - 6.4 books and stories free download online pdf in Hindi

Rewind ज़िंदगी - Chapter-6.4: रियालिटी शो एवं पुनर्मिलन

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“उस बारे में मुझे बात नहीं करनी, अगले एपिसोड की क्या तैयारी है ये बोल।”
“तुझे बड़ी जलन हो रही है!”
“जलन नहीं बेवकूफ, हम दोनों के कैरियर का सवाल है ये।”
“उसकी चिंता मत कर मैं और माधवी इस बार सब कुछ संभाल लेंगे।”
“मुझे भी तो बता। आखिर क्या प्लान है तुम दोनों का?”
“नहीं बताऊंगा।”
“तो जा उसी माधवी के साथ ज़िंदगी जी, और उसी से प्यार कर, उसी से शादी कर, उसी के साथ हनीमून पर जा, मैं तो तेरे लिए कुछ हूं ही नहीं ना!”
“तू जलन क्यों कर रही है इतनी?”
“क्योंकि…”
“क्योंकि? क्या?”
“आई लव यू!” कीर्ति ने कहा।
“मज़ाक कर रही है?”
“नहीं!”
“सच बोल?”
“मैं तुझे किसी दूसरे के साथ नहीं देख सकती।”
“ओह! तो ये जलन किस बात की थी ये मैं अब समझ रहा हूं।”
“बड़ी देर से समझा तू।”
“इतना ही प्यार करती थी तो छोड़ कर क्यों चली गई थी?”
“बहुत लंबी कहानी है बाद में सुनाऊंगी, अभी रिहर्सल कर ले?”
“जो हुक्म मेरे आका!”

दोनों हँस दिए, दोनों के बीच की प्रेम कहानी फिर से शुरू हो गई थी। इसका परिणाम ये आया कि माधव पूरी तरह से रिलैक्स हो गया और गाना गाने में भी वो बेहतर हो गया। अगले एपिसोड में माधव और कीर्ति दोनों ने आशा भोंसले और कुमार सानू का गाया हुआ ये गाना गाया,


चेहरा क्या देखते हो दिल में उतरकर देखो ना, दिल में उतरकर देखो ना
मौसम पल में बदल जाएगा, पत्थर दिल भी पिघल जाएगा
मेरी मोहब्बत में है कितना असर देखो ना, कितना असर देखो ना


लोगों को ये गाना और, माधव और कीर्ति की केमिस्ट्री बहुत ही पसंद आई। बस फिर क्या था शो में एक के बाद एक दोनों हसीन नग़मे सुनाते चले गए, और कॉम्पिटिशन में आगे बढ़ते गए। धीरे धीरे उन दोनों का प्यार भी परवान चढ़ने लगा था। उन दोनों की जोड़ी इतनी हिट हुई कि वो दोनों शो के फाइनल तक आ गए। और बहुत ही खूबसूरती के साथ माधव और कीर्ति दोनों ने ये प्रतियोगिता जीत ली। माधव ने इनाम के साथ ही कीर्ति का दिल भी जीत लिया था। दोनों ने एक दूसरे को जीत की ख़ुशी में एक दूसरे को गले लगाया।


वर्तमान दिन,

“मैं सच में नहीं कूद पाऊंगी, माधव। प्लीज़ फ़ोर्स मत कर।” कीर्ति ने कहा।
माधव मायूस हो गया, इतना समझाने के बाद भी कीर्ति बंजी जंपिंग के लिए राज़ी नहीं हुई। पास ही में बंजी जंपिंग का ऑपरेटर खड़ा था और वो उन दोनों की बातें सुन रहा था। उसने उन दोनों को एक सुझाव दिया,
“बुरा ना माने तो एक बात कहूं? आप दोनों चाहे तो साथ में भी बंजी जंपिंग कर सकते है।”
“वाह! यह तो मैंने सोचा ही नहीं, चल हम दोनों साथ में जम्प करते है।”
“तूने अभी अभी तो जम्प किया, अब स्टेमिना है तेरे अंदर?”
“स्टेमिना भी है और हिम्मत भी है। चल करते है, मैं साथ रहूंगा तो तुझे डर भी कम लगेगा।”
“हां ये ट्राय कर सकते है। चल चलते है”
दोनों चलने लगे, बीच रास्ते में माधव कीर्ति को हैरान कर रहा था। कीर्ति भी माधव को तंग ना करने को कह रही थी।
“एक बात बोलू?” ऑपरेटर ने पूछा।
“हां!”
“आप दोनों की जोड़ी मस्त है! आज कल के लोग तो शाम को मिलते है और सुबह एक दूसरे को भूल जाते है। वहीं आप दोनों हो जो शादी के इतने सालों बाद भी नए जोड़े जैसे लग रहे हों। वैसे बुरा ना माने तो एक बात पूछना चाहूंगा कि आप दोनों की शादी के कितने साल पूरे हुए।”
“तुझे कितने लगते है?”
“25 साल हुए होंगे! करीबन।”
माधव और कीर्ति ने एक दूसरे को देखा और फिर हल्की सी मुस्कान दोनों के चेहरों पर आ गई।
“क्या हुआ मैंने कुछ ग़लत बोल दिया?”
“नहीं बेटा! हम तो यूं ही हँस रहे थे।” माधव ने कहा।
माधव और कीर्ति ने एक दूजे को देखा और सोच में पड़ गए।
“चिंता मत कर कीर्ति! सब अच्छे से हो जाएगा।” माधव ने कहा।
“तू है ना? तो फिर मुझे चिंता किस बात की? जो होना होगा वो हम दोनों को होगा। कहां मुझे अकेली को कुछ हो जाने वाला है? वैसे भी ये हम दोनों को करना था तो करेंगे भी साथ और मरना होगा तो मरेंगे भी साथ।”
दोनों इस बात पर हँस पड़े, पर इस हँसी के पीछे बहुत सारे ग़मों के दर्द भी थे।


Chapter 7.1 will be continued soon…

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✍️ Anil Patel (Bunny)