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Dil se dil tak... by Komal Talati | Read Hindi Best Novels and Download PDF

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दिल से दिल तक... by Komal Talati in Hindi
Novels

दिल से दिल तक... - Novels

by Komal Talati Matrubharti Verified in Hindi Women Focused

(180)
  • 50.8k

  • 184k

  • 28

अबीर... अपनी लाइफ अपने तरीके से जीना चाहता है... बेपरवाह , मनचला, कॉलेज खत्म होने के बाद सभीको अपने फ्युचर की टेन्सन होती है... लेकिन अबीर इन सबसे अलग अपने आपको थोडा समय देना चाहता था... ...Read More दूसरी तरफ हमारी पायल जोकी हमेशा दुसरो की परवाह करती, छोटो को प्यार और बडो को इज्जत देना बखूबी जानती थी... पायल जहा भी जाती एक खुशनुमा माहौल बना देती थी... सबकी दिलोकी धडकन थी पायल... जहा अबीर मस्तमोला था वही पायलने अपने परिवार की सारी जवाबदारी अच्छे से निभा रही थी... पायल के पापा पंद्रह साल पहले ही गुजर गए थे... पायल मा और दादी के साथ रहती थी... पायल की मा सुनीतिजी एक फुलोकी सोप मे मैनेजर थी... और पायल अजमेर शहर मे एक टूरिस्ट गाइड का जोब करती थी... नए लोगो से मिलना, उनसे बाते करना पायल को बहुत अच्छा लगता था...

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दिल से दिल तक... - Novels

दिल से दिल तक... - 1
dear readers..... ak baar fir nayi kahani lekar upsthith hu... I hope ap sabhi ko meri ...Read Morekahani pasand aae??? part - 1 अबीर... अपनी लाइफ अपने तरीके से जीना चाहता है... बेपरवाह , मनचला, कॉलेज खत्म होने के बाद सभीको अपने फ्युचर की टेन्सन होती है... लेकिन अबीर इन सबसे अलग अपने आपको थोडा समय देना चाहता था... दूसरी तरफ हमारी पायल जोकी हमेशा दुसरो की परवाह करती, छोटो को प्यार और बडो को इज्जत देना बखूबी जानती थी... पायल जहा भी जाती एक खुशनुमा माहौल बना देती थी... सबकी दिलोकी धडकन
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दिल से दिल तक... - 2
( २ ) मि. अभिमन्यु... - " अबीर तुम कब तक इसी तरह घूमते फिरते रहोगे... कल से तुम ओफिस आ ओ और काम सिखोगे... मुझे कोई ओर बहाना नही सुनना तुम्हारा... " अबीर... - " पापा ! मे ...Read Moreपहचान खुद बनाना चाहता हु प्लीज़ मुझे कुछ वक्त और दे दीजिए... " मि. अभिमन्यु... - " अच्छा ! और पहचान किस तरह बनाओगे... ? इसी तरह रात दिन दोस्तों के साथ घूमकर... इसी तरह चलता रहा तो बन चुकी तुम्हारी पहचान... " निलाजी... - " अरे ! आप बेवजह गुस्सा कर रहे हो... जब वह
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दिल से दिल तक... - 3
( ३ ) रूम मे आते ही अबीर बेड पर लेट जाता है... पर थोडी ही देर मे कुछ याद आया तो उठकर बैठ गया और अपनी स्टडी टेबल कि चेयर पर आकर बेठकर सोचने लगता है... वह डायरी ...Read Moreकुछ लिखने की कोशिश करता है पर उसे कुछ समझ ही नही आ रहा था कि कहासे शुरूआत करे... क्यूकि दिमाग मै तो मि. अभिमन्यु की बाते ही चल रही थी... उसने जब देखा की चारो तरफ उसके हाथों फटे कागज थे जो कुछ न समझ आने पर फाड़े थे... वह झुंझलाकर बालकनी मे आकर कुछ
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दिल से दिल तक... - 4
( ४ ) पायल और अमिता इसी बात पर बहेश कर रहे थे कि तभी पलक ने बीचमें कहा... - " अरे तुम दोनों फालतू की बाते छोडोगी या नही... अभी हमे कॉलेज भी जाना है ऐडमिशन के लिए... ...Read Moreपलक को गुस्सा करते हुए देख पायल और अमिता दोनों ही एकदुसरे को देख हसने लगी... और फिर वहा से कॉलेज के लिए निकल गए... अबीर के दोस्त अबीर का मजाक उडाते हुए कह रहे थे की... - " यार अबीर तेरी जिंदगी मे सबकी डाँट खाना ही लिखा हे क्या... " यह सुन अबीर ने कहा... -
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दिल से दिल तक... - 5
( ५ ) सुनीतिजी की बातों को सुन पायल को एहसास होता है की सचमे इतने साल माँ ने पापा के बीना केसे बीताए है... उन्हें ...Read Moreतो कोई प्यार करने वाला, परवाह करने वाला चाहिए न... जिसके सहारे माँ अपना सारा दुःख दर्द बाँट सके... मेरे साथ तो वे बस खुशिया ही बाँटती है , परेशानियों का तो जरा सा भी एहसास नही होने देती है... पायल को कही खोया हुआ देख सुनीतिजी ने पायल के चेहरे के आगे हाथ हिलाया... पायल जेसे नींद से जागी हो इस तरह हदबडाते हुए माँ से कहती है की...
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दिल से दिल तक... - 6
( ६ ) कुछ देर बाद पायल को नींद आ ही गई... पर कोई अब भी जाग रहा था... और वो था अबीर , पायल से आज ...Read Moreटकरार को कहानी का रुप देने मे लगा था... यह सब करते वक्त उसकी आँखो मे एक नई चमक थी और होठो पर मुश्कान... वह अपने प्यार को ही कहानी का रुप दे रहा था... पायल अबीर के प्यार से बेखबर माँ और दादीमाँ के अलावा किसी और के बारे मे सोच भी नही सकती थी... और ना ही सोचना चाहती थी... वही अबीर पायल के ख्यालो मे सपने
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दिल से दिल तक... - 7
( ७ ) सूरज की पहली किरण जब पायल पर पडी तो उसका मासूम सा चेहरा ओर निखर गया... जिसे सुनीतिजी बडे ही प्यारसे निहार रही थी... ...Read Moreउसे मिले बिना ही पायल के सर पर प्यार से सहलाकर वह अपने ओफिस के लिए निकल गई... वह पायल से अभी कोई बात नही करना चाहती थी... पायल जब नींद से जागी तो सबसे पहले सुनीतिजी को पुकारा... कोई जवाब न मिलने पर पायल उन्हे ढुंढते हुए नीचे तक आई पर वे कही नही दिखी... पायलने दादीमाँ को पुकारा... उन्हें आता देख तुरंत पूछा... - " दादीमाँ !
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दिल से दिल तक... - 8
( ८ ) बस थोडीदुरी पर आए एक ओर बस स्टोप पर जाकर रुकती हे जहा पायल बस की खिड़की वाली सीट पर बैठ लोगो को देख रही थी... जहा ...Read Moreनजरे एक जगह आकर ठहर सी गई उसने देखा की करीब 10 15 सालके दो जुड़वा बच्चे अपने पापा से चाट खाने के लिए जिद कर रहे थे... और उन बच्चो के पापा फोन पर बाते कर रहे थे जिससे बच्चों को नजर अंदाज कर रहे थे... इन सबसे परेशान होकर बच्चों की माँ ने पापा के पेंट की जेब से पर्स निकालकर उन बच्चों को रुपये
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दिल से दिल तक... - 9
( ९ ) पायल को समझ आ गया था की अब उसे क्या करना था... एक अलग ही चमक उसके आँखो मे ...Read Moreरही थी... कुछ सोचते हुए पायल बस की खिड़की से दिखते लोगो को देखने लगती है... तभी कुछ ही देर मे दोलतबाग आ जाता है पर पायल अकेली ही बस से उतरती है क्यूकि अमिता को किसी ओर काम से दूसरी तरफ जाना था... पायल अमिता को बस से बहार आ कर पहोंचकर फोन करने को कहती है... और तभी बस अपनी मंजिल की तरफ आगे बढने लगती है पायल पहले से ही
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दिल से दिल तक... - 10
( १० ) अबीर को यह नही पता था की लड़कियाँ उन पर पडने वाली निगाहो को अच्छे से भाँप लेती हे... कुछ देर वही खड़े रहने ...Read Moreबाद अबीर घर चला जाता है... और पायल माँ को ढुंढते हुए उनके रुम मे जाती हे जहा सुनीतिजी उनकी पुरानी फोटो एल्बम देख कही खोई हुई थी... तब पायल को एहसास होता हे की सचमे माँ को दूसरी शादी का पूछ कर कितनी बडी गलती करी थी... माँ के सामने जाने की पायल की बिलकुल भी हिमत नही हुई... वह उल्टे पेर अपने कमरे मे लोट गई... और बालकनी
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दिल से दिल तक... - 11
( ११ ) सुबहके पाँच बज रहे थे घडीमें, तभी अलार्म बजता हे ओर पायलकी नींद खुल जाती हे... सूरज उगनेसे पहले पायल जाग जाया करती थी, क्यूकि उसका माननाथा ...Read Moreजो लोग सुबह चार या पाँच बजेके समय उठते हे वे लोग शारीरिक और मानसिक रूपसे ज्यादा तंदुरूस्त होते हे, वे अपनी जिंदगीमें जो चाहे वो हासिल कर सकते हे, पायल जॉगिंगके ट्रेकसुट पहन घरसे निकलती हे, कि तभी पीछेसे आवाज आई... पायलने पीछे मुड़कर देखा... सुनितीजी चली आ रही थी... ' अरे मा
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दिल से दिल तक... - 12
( १२ ) ' माँ कोन थे वह...? ' ' पता नही बेटा, मे नही जानती उन्हे, वो तो अचानक भागते हुए आए थे, क्यूकि उनके पीछे एक डोगी पडा था. तो बस मेने उनकी थोडी मदद कर दी...' ...Read Moreइतने बडे हो गए पर फिरभी डोगीसे डरते हे...' ( दोनोंही हसने लग जाती हे... ) ' आज बहुत मजा आया न माँ... रोजतो मे अकेली होती हूं तो थोडा डरभी लगता है ओर अकेलापनभी, आजतो वक्तका मालुम ही नही पडा की कब घर आगया...' ' सुबह सुबह कहासे आ रही हो दोनों मा बेटी इतनी ठंडीमे...? ' '
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दिल से दिल तक... - 13
( १३ ) जी, हाँ आप सबने सही पहचाना, वो ओर कोई नही, सुनितीजीकी सहेलीही थी... ...Read More सुनितीजी अबभी उन्हें ही देखे जा रही थी, मानो वो कोई सपना देख रही हो, खुदको इस तरह देखता पाकर उन्होंने सुनितीजीको चिकोटी काटी, सुनितीजी आ.......ह कहती हुई अपने हाथको मसलने लगी, यह हरकत देख पायलने बहुत ही रूखे स्वरमें कहा...- ' अरे ये क्या हरकत हे, आपने एसा क्यू करा, देखो माँको कितना दर्द हो रहा है...? ' ' तो मे क्या करती, यह मुझे ऐसे घुरघुरकर देख रही थी, जेसे मुझे कच्चाही खाने वाली हो...? ' ' कोन
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दिल से दिल तक... - 14
( १४ ) दोनोही सहेलीयां काफी सालोके बाद मिलीथी, तो जाहिर सी बात है की बाते तो खूब होनी थी... पायल आकर उनदोनो के पास बैठ गई... ओर अबीर सबके लीए स्नैक्स लेने काउन्टर पर चला गया... " ...Read Moreकैसी हे तू...? ये सब केसे हुआ...? क्या भाईसहाब..." सुनितीजीके साधारण पहनावे ओर बगैर सुहागन का रुप देखकर नीलाजीने अनुमान लगाया... " हा, तू सही सोच रही है, रमेश पंद्रह साल पहले ही... " " पर ये सब हुआ केसे...? " " बहुत ही सुखी परिवार था मेरा, पर कहते हे न भगवानजीको कीसीकी खुशी ज्यादा देर तक रास नही
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दिल से दिल तक... - 15
( १५ ) " ठिके आंटीजी..! मे आजाउगी, कब आना है बता दीजिएगा...? " " अरे, बताना क्या हे, कलसे ही तुम आजाना, क्यूकी कलसे ही तो सब तैयारी होने वाली है, ओर सोपिंगभी... तो कलसे तुम आ रही ...Read Moreन...? अबीरने पायलकी आँखोमें आँखे दाल कहा... " अबीर, सही कहा तुमने... वेसेभी सब मुझेही अकेले करना है, तो मुझेभी तुम्हारी मदद मिल जाएगी..." नीलाजीने बडे प्यारसे पायलको कहा... पायलने माँ के सामने देखा, ओर धीरेसे कहा...- " पर माँ मेरी कॉलेज...? " " तुम उसकी टेन्सन न लो, वो सब मे देख लुंगा, वहा मेरी काफी जानपहचान
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दिल से दिल तक... - 16
( १६ ) अबीर आज जल्दी उठ गया था... उठते ही वह अपनी बालकनी के पास आया, ओर वहा लगे हल्के गुलाबी रंगके पर्दोको एक साइड करा... सुबहकी कोमल किरणें उसको ...Read Moreरुममें फेलसी गई... धीमी धीमी ठंडी हवाएँ उसके बिखरे बालोको सहेला रही थी... उन हवाओमें एक मनमोहक खुश्बुभी थी जो अबीरको ओर अच्छा महसूस करा रही थी... उसे इस खुश्बुकी तो बचपन से आदत थी सवेरे सवेरे जबभी वह खिदकी खोलता तब पारिजातके फुल जो चंद्रमाकी रोशनी पर ही खिलते हे, ओर सूरजकी किरणें पडते ही डालीओसे अलग होकर मुरजा जाते हे पर तबभी उनकी सुगंध
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दिल से दिल तक... - 17
(१७) बाथरूमकी तरफ जाते हुए वह एक कमरेके सामने आकर रुक गया... जहा पायल अपने पिताकी तस्वीरके सामने खडीथी, वह बस एकटक उन्हे देख रहीथी... पायलकी एसी ...Read Moreदेखकर अबीरने मनही मन खुदसे प्रोमीस कराकी आगे से कभी वह पायलको कीसीभी तरहसे परेशान नही करेगा... ओर वह आगे बढ जाता है... थोडीदेरमें पायल तैयार होकर आती है, ओर अबीरके सामने आकर रुक जाती है... अपनी एक कलाईमें घडी बांधते हुए उसकी नजर अबीर पर पडी जो उसे ही देखे जा रहा था... अपने आपको देखता पाकर पायलने अबीरके चहेरेके आगे अपना हाथ हिलाया... जो एकदम से हदबडाते हुए
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दिल से दिल तक... - 18
( १८ ) ओर थोडी थोडी देरमें वह पायलको भी देख लेता था... उसे यह तो एहसास हो रहा था की पुजा से बात करना उसे अच्छा नही लग रहा है... पर वह अभी कुछ कहना नही चाहता था... ...Read Moreपायलके मनकी बात जाननी थी तो वह पुजा के ओर नजदीक होकर बाते करना लगा... यह देख पायल खाते खाते रुक गई... ओर अबीरको गुस्सेसे देखने लगी... नीलाजी कुछ कहती उससे पहले अबीरने उन्हे इशारे से मना कर दिया... वह भी वहीं उन तीनो का खेल देखने बैठ गई... उधर सुनितीजीभी अपना काम जल्दी से निपटाकर शौपके लीए
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दिल से दिल तक... - 19
( १९ ) पायलको इस तरह जाता देख पुजाने कहा...- " तुम दोनोके बीच क्या खिचड़ी पक रही है...? " तभी नीलाजीने पायलको सुनाई न दे उस तरह से कहा की...- " वह मेरी होनेवाली बहु है, पर इस ...Read Moreउसे परेशान करनेमें बहुत मजा आता है..." यह सुन अबीरके साथ साथ पुजाभी चौंक गई, उन्हे इस तरह देख नीलाजीने कहा की...- " बेटा ये बाल ऐसे ही सफेद नही हुए है, हमे भी सब पता चल जाता हे की एक लडका ओर लड़की के बीच क्या चल रहा है, ओर एक बात बताउ कहकर नीलाजी मन ही
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दिल से दिल तक... - 20
( २० ) नीलाजीके कहने पर पुजा पायलको लेकर आई थी, दोनोंको आते देख उनहोने दोनोंको महेंदी लगाने बैठा दिया... ओर खुदभी सबके साथ बैठ गई, पर पायलने कहा की आंटीजी पहले खाना तो खालेते... यह सुन मि. अभिमन्युजी ...Read Moreकहा की...- " बेटाजी आप चिंता मत करिए, आज हम अपने अपने पाटर्नरको खाना खिलाएंगे..." पायलने कुछ नही कहा वो बस इसी सोचमें दुबी रहीकी मुझे कोन खिलाएगा खाना... खेर जो होगा वो देखा जाएगा यही सोचकर पायल महेंदी लगवाने बैठ गई... महेंदीकी रसममें लड़के वाले भी सामिल थे, इसलिए काफी अच्छा इंतजामभी करा था... घरके अंदरके भागमें
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दिल से दिल तक... - 21
( २१ ) थोड़ी ही देर में अबीर पानी लेकर वापस आया तब तक पायल अपने रूम में जा चुकी थी... " यह लड़की बिना पानी पिए चली गई सच में लड़कियों ...Read Moreसमझना मुमकिन ही नहीं नामुमकिन है..." अबीर अपने आप से ही बातें करता हुआ पायल के लिए लाया हुआ पानी खुद ही पी गया... और अपने रूम में जाने के लिए घर के अंदर चला गया... रूम में जाते जाते उसकी नजर नीलाजी के कमरे की तरफ गई, जहां पूजा और नीलाजी दोनों बातें कर रही थी पूजा नीलाजी के घुटनों पर
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दिल से दिल तक... - 22
( २२ ) सूरज की पहली किरण से ही घरमें भगदड़ मची हुई थी, सभी को जल्द से जल्द तैयार होना था... ओर होटेल ...Read Moreथा... अबीर भी जल्दी जल्दी काम कर रहा था... पायल के रुम के पास आकर उसके पैर वही रुक गए... उसने धीरे से पायल के रुमका दरवाजा खोला, सामने ही उसे पायल सोते हुए दिखाई दी... उसके पैर अपने आप ही उस ओर चल दिए... खिड़की से आती सूरज की किरणें पायलके चेहरे पर पडने से उसकी नींद खराब हो रही थी... यह देख अबीर परदे बंद कर देता है, ओर
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दिल से दिल तक... - 23
( २३ ) अबीर तुरंत रेडी होकर नीचे आता हे... पायल भी अपने काम में लग जाती है... वह सबको ...Read Moreके हिसाब से सारा सामान दे रही थी... लेकिन अब भी उसे वो एहसास को महसूस कर रही थी, जो अबीर के इतने पास होने से उसके छुअन से हुई थी... उसके चेहरे पर एक अलग ही रंगत छा गई थी... शायद वह भी अबीर के प्यार में रंग ने लगी थी... अबीर पायल के पास आकर उससे बात करने की कोशिश करता है... पर पायल अबीर को इग्नोर कर काम करे जा रही थी...
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दिल से दिल तक... - 24
( २४ ) कुछ लोग होटेल पहुँच चुके थे, तो कुछ लोग अभी अपनी पैकिंग ही कर रहे थे... मानव के रिश्तेदार सभी दिल्ली से ...Read Moreतो सगाई मे सिर्फ घरके ही लोग थे... इसी वजह से सब अग्रवाल हाउस ( अबीर का घर) मे ही रुके हुए थे... मि. मल्होत्रा ( मानव के पापा ) की जिद के कारण सगाई का फंक्शन उनके तरफ से ही था इसलिए लड़के वाले सुबह होते ही बाकी रस्मे ओर तैयारी के लीए होटेल चले गए थे... पुजा पायल को अपने साथ पार्लर ले गई थी, शाम होने
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दिल से दिल तक... - 25
( २५ ) अबीर अब भी उस गाडी का पीछा कर रहा था... लेकिन उसका मन बहुत ही बेचैन था... क्या हुआ, केसे हुआ वो अब भी कुछ ...Read Moreनही सका था... दिमाग ने भी काम करना बंद कर दिया था... भला कोई केसे पायल की किडनैपिंग कर सकता है...किसीकी पायल से क्या दुश्मनी हो सकती है... यही सब सोच सोच कर अबीर बोखला जाता था... पता नही कैसे लोग होंगे... उन सबके बीच में मेरी पायल न जाने किस हाल मे होगी... उसके चेहरे से उसका गुस्सा साफ झलक रहा था... उसने गाडी की स्पीड बढाई
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दिल से दिल तक... - 26
( २६ ) अबीर अब भी उसी जगह खड़ा रहा... पायल भाग कर सुनितीजी के पास आई ओर कहा की... - " माँ! मुझे अभी घर जाना हे, मे ...Read Moreयहा नही रुक सकती... " पायल की हालत देख सुनितीजी भी तुरंत मान गई... ओर कहा की...- " ठीक हे चलते हे, लेकिन नीला ओर बाकी सबसे मिलकर जाते है..." पायल ने हा मे गरदन हिलाई... ओर पायल को वही छोर सुनीति नीलाके पास चली गई... उसी दीवार से टीक कर अबीर अब भी पायल को देखे जा रहा था... शायद पायल की नजरे भी
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दिल से दिल तक... - 27
( २७ ) सुनीति ने बडे ही प्यार से पायल के शरको सहलाते हुए कहा...- " बहुत प्यार करती है न अबीर से..." ...Read More यह सुन पायल एक पल तो सुनीति को देखती रही, फिर ना मे गरदन हिलाई... सुनीति पायल के गालो को छुकर कहती हे...- " मे तेरी माँ हु बेटा, तेरी हर एक रग रग से वाकिफ हु, ओर तू मुझसे ही जूठ बोलेगी... पायल बेड पर से उठ जाती हे... - " माँ मेने कहा न, मे अबीर से प्यार नही करती..." यह सुनकर अबीर ने अपने दिल पर हाथ रख
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दिल से दिल तक... - 28
( २८ ) दूसरी तरफ अबीर को न पाकर नीलाजी अबीर को फोन करती है, अबीर उन्हे तबीयत खराब होने के वजह से घर पर आ गया हु ...Read Moreकहकर फोन रख देता है... नीलाजी, अभिमन्यु ओर पुजा ओर बाकी के मेहमान आज रात होटेल मे ही रुकने वाले थे, सुबह होटेल से ही सब वापस लौटने वाले थे... पायल अपना मूह तकिया मे छुपाए अबीर संग बीते पलो को याद करने लगी, एक प्यारी मुश्कान तेर गई उसके शुष्क होठो पर... ओर आँखो मे नमी... " मे तुम्हें कभी खोना नही चाहती अबीर... मे तुमसे बहुत
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दिल से दिल तक... - 29
( २९ ) पायल उन घर आए शख्स को देखकर चोंकजाती हे, पायल का जवाब न पाकर उन्होंने कहा...- " क्या में अंदर आ सकता हु...? मुझे एक इंपोर्टनंट बात कहनी ...Read More" पायल... - ( हदबडाते हुए, अंदर आने के लिए रास्ता देती है...) हा...हा... आइए न अंकल..." विकासजी...- ( मुश्कराते हुए अंदर आते हे...) मुझे आपकी दादीमाँ से काम है... क्या आप उन्हें बुला सकती है...? पायल...- " जी, आप यहा बैठिए मे उन्हे बुला लाती हूं..." ( कहकर पायल
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दिल से दिल तक... - 30
( ३० ) पायल तारा देवी के पैरो पर सर रखकर जमीन पर बैठती है, उसे चुप देखकर तारादेवी ने पायल के सर को प्यार से सहलाया, ओर कहा कि...- " चिंता मत कर सब सही हो जाएगा... ...Read Moreहा ये अबीर ने क्यू कहा कि मेरी पायल के बारे मे सोचना मत... क्या तुम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हो..." पायल अपनी नजरे जुका लेती है... यह सब देख तारा देवी सब समझ जाती है... उन्होने कहा... " बेटा कोई भी रिश्ता
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दिल से दिल तक... - 31
( ३१ ) चलो अंत भला तो सब भला... नीलाजी कहती हुई पायल के पास आई ओर उसके सर को प्यार से सहलाया, ...Read Moreपायल को गले से लगा लिया... गले लगते हुए पायल अबीर को ही देखे जा रही थी, ओर अबीर पायल को... नीलाजी से अलग होकर पायल अबीर के पास आई, ओर अपने घुटनों पर बैठ कर कहा...- " अबीर, मेने आज तक बहुत सारी गलतीयाँ करी है, तुम्हें परेशान करा, माँ को भी बहुत रूलाया है, मे आज तुम्से कहना चाहती हु की अबीर, मे तुम्से बहुत प्यार करती हु,
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दिल से दिल तक... - 32
( ३२ ) दस दिन बाद... तारा देवी ने सुबह से घर को सर पर ...Read Moreरखा था... बिचारे काम करने वालों की तो शामत ही आ गई थी , शोर सुनकर पायल नींद से जाग जाती है और आधी नींद में ही वह अपने रूम से बाहर आती है... तारा देवी के गले लग कर कहती हैं...- " दादी क्यों परेशान हो रही हो, सोने भी नहीं देते हो मेरी नींद खराब कर दी..." तारा देवी ने पायल को अपने से
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दिल से दिल तक... - 33
( ३३ ) अगले दिन सभी घर के बने मंदिर में इकट्ठे हुए थे... तारा देवी ने भगवान के चरणों में शादी की पत्रिका रखी और प्रार्थना करी... ...Read Moreअपने हाथ जोड़ और आंखें बंद करके भगवान जी की पूजा में ध्यान मग्न थे... आज दूल्हे के घर से दुल्हन के लिए कपड़े, जेवर, शृंगार आदि चीजवस्तुए आनी थी... जिसे पूजा और मोहित लेकर आए थे... पूजा को देख पायल ने खुशी से उसे गले से लगाया, पूजा ने पायल की बलैया
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दिल से दिल तक... - 34
( ३४ ) आज महेंदी की रश्म होनी थी, शादी की वजह से घर में काफी रौनक थी... सुबह से ही बाकी बचे मेहमान भी आ ...Read Moreथे... सुनितीजी, तारादेवी, पलक सभी महेमानो को जरुरी सामान पहुंचा रही थी, साथ ही साथ उनके चाय नाश्ते का भी पुरा ध्यान रख रहे थे... पर जब काफी समय बाद भी पायल नही दिखाई दी तब तारादेवी ने पलक से कहा...- " बेटा, तू ने पायल को कही देखा है क्या...? सुबह से वो कही दिखाई नही दी...? " पलक...- " नही दादीमाँ, मे भी उसी के लीए
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